बिहार,
आज रक्षाबंधन के पावन अवसर पर श्री संकर्षण शरण जी (गुरु जी )के जन्मोत्सव ग्राम बेरूकहीं में बड़े हर्ष और उल्लास , उत्साह के साथ सभी शिष्यों द्वारा मनाया गया ।सभी शिष्य,शिष्याओं ने गुरु चरणों में अपने भाव अर्पित किए और आज के दिन का महत्व गुरु जी ने सब को बताएं ।
आज रक्षाबंधन के साथ पूज्य गुरुदेव जी का जन्मदिन की मनाया गया सभी शिष्य शिष्य,शिष्याएं अत्यंत उत्साहित थे क्योंकि पूर्णिमा के इस पावन अवसर पर गुरु दर्शन गुरु अमृतवाणी भी सुनने को मिली ,और जन्म उत्सव का आनंद भी प्राप्त हुआ छत्तीसगढ़ ,प्रयागराज,औरंगाबाद सभी जगह के शिष्य शिष्याये जूम के द्वारा गुरु दर्शन किए और अमृतवाणी सुने , सभी गुरु भाई-बहनों ने अत्यंत उत्साह के साथ आज का दिन मनाया , आज सब के लिए परम सौभाग्य का दिन था गुरु चरणों की सानिध्यता बड़े भाग्य से मिलती है साथ में गुरु जी ने पौराणिक कथाएं कृष्ण और द्रौपदी की राजा बलि की और जनकपुर में माता सीता की कथा बताएं प्रयागराज की कुछ कथा बताएं भाई और बहन के प्रेम विश्वास रक्षा करने का संकल्प यह भी समझाएं । देश परिवार मातृभूमि गुरु परमात्मा सब के लिए कर्तव्य होता है जिसे हमें पूरा करना पड़ता है यह गुरुजी समझाएं । हम कई बार टालमटोल कर देते हैं लेकिन यह हमारा कर्तव्य है सब के प्रति दायित्व होता है जिसका निर्वाहन हर मनुष्य को करना पड़ता है । एवं कथा के माध्यम से गुरुजी अनेक प्रकार का व्यावहारिक जीवन से जुड़े ज्ञान दिए ।
पूज्य गुरुदेव जी के द्वारा प्रतिदिन जूम के माध्यम से परमात्मा की कथा,शिव पुराण,रामचरित मानस,गीता आदि की कथा बताई जाती है। गुरु जी सभी को रक्षाबंधन का महत्व समझाएं और कहा की भाई और बहन के प्रेम का पवित्र बंधन है रक्षाबंधन , साथ में सभी की मंगल कामना देकर सबको आशीर्वाद दिए।