Navratri Special: कामनाओं को पूर्ण करने वाली और विकारों को नष्ट करने वाली मां भगवती की आराधना..

Navratri Special: गुरुदेव मां के अनेक रूपों के बारे में बताएं
Navratri Special: कथा में गुरुजी मां के अनेक रूपों के बारे में बताएं

अध्यात्म, BY कल्पना शुक्ला । Navratri Special : परम पूज्य गुरुदेव श्री संकर्षण शरण जी (गुरुजी ) देवी कथा में यह बताएं कि देवी शुंभ का वध करते समय 18 भुज धारण की थी l ये 18 भुजा 18 पुराणों का प्रतीक है हमारे जीवन को संचालित करने के लिए हर एक पुराण में हमारे अंदर की  प्रवृत्तियों को नष्ट करने के लिए प्रक्रिया बताई गई l

रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्। त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।

Navratri Special : सभी देवता प्रार्थना करते हैं कि हे ! देवी जब आप प्रसन्न होती हो तो मनुष्य के समस्त विकार को नष्ट कर देती हो शरीर का ही नहीं, मानस रोग भी। काम वासना से ग्रसित वात, लोभ, कफ , पीत, क्रोध,अहंकार, जोड़ों का दर्द नर्वस सिस्टम की बीमारी ईर्ष्या। रामायण में मानस रोग की चर्चा की गई है , वात, पीत, कफ यह तीन प्रकार के विकार समस्त रोगो का जड़ है ।


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Navratri Special : मार्कंडेय ऋषि कहते हैं आपकी शरण में आए और आप प्रसन्न हो जाती है तब मनुष्य के समस्त विकारों को नष्ट कर देती हो और जब कुपित होती हो ऐसी अवस्था में भक्तों के अंदर जितने वासनाए ,कामनाएं जन्म लेती है उसको नष्ट कर देती हो। महत्वाकांक्षाओ का अंत कर देती हो समस्त मनोवांछित कामनाएं को नष्ट कर देता हो,जो आपकी शरण में आ जाए। कृष्ण भी अर्जुन से यही कहते हैं कि जो बिना किसी इच्छा से हमारी भक्ति करेगा उसकी कोई इच्छा शेष नहीं रहेगी और जिनको इच्छा है वह इच्छा से संबंधित देवी देवताओं का पूजा करें ,कोई एक के प्रति समर्पण हो जाना ।

Navratri Special: जो लोग भगवती की शरण में आ जाए उसके ऊपर कभी विपत्ति नहीं आती है तुम्हारी शरण में जो आ जाए उसके अंदर इतनी योग्यता आ जाती है कि वह दूसरों को शरण देने लायक हो जाता है , समस्त सृष्टि की रक्षा करने वाली आप हम पर प्रसन्न हो । आदि शक्ति को ब्रह्मा, विष्णु, महेश मां के रूप में प्रणाम किए।


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Navratri Special : मां प्रसन्न होती है और कहती है आप लोग जो चाहते हो , जो इच्छा है वर मांग लो, सृष्टि, संसार, धर्म की रक्षा के लिए जो वर मांगना चाहते हो मांग लो, देवता कहते हैं भगवती यदि आप प्रसन्न हो तो सभी जडो को शांत कीजिए ,भूत-प्रेत, दैहिक,दैविक, भौतिक सब को शांत कीजिए हमारे शत्रु का नाश कीजिए ,बाह्य, अंतर। काम ,क्रोध,लोभ ,मोह,मद सबको शांत कीजिए ।

Navratri Special : कामनाओं को पूर्ण करने वाली और विकारों को नष्ट करने वाली मां भगवती की आराधन

हनुमान जी भी यही कहते हैं बसहू राम सर चाप धर,…. हनुमान जी प्रभु श्रीराम को धनुष बाण रखकर हृदय में प्रवेश कीजिए कहते है। आंतरिक विकारों को को नष्ट कीजिए ,और मनुष्य का आंतरिक विकार कभी समाप्त नही होता है,सबसे बड़ा शत्रु आलस्य ही होता है हमारी प्रवृत्ति में सुधार कीजिए।

Navratri Special: गुरुदेव देवी कथा में मां अनेक रूपों के बारे में बताएं

मां कहती है वैवस्त मन्वंतर में शुंभ और निशुंभ दो दैत्य उत्पन्न होंगे उन दैत्यों को मैं आकर मारुंगी और सृष्टि की रक्षा करूंगी, यशोदा मैया यहा के कन्या के रूप में जन्म लूंगी और फिर किसी एक व्यक्ति को चेतावनी देकर विंध्याचल पर्वत में निवास करूंगी ।

Navratri Special : वह कंस था जिसको चेतावनी देकर माता विंध्याचल पर्वत में निवास कर रही है। इस मन्वंतर में यही राक्षस है जो रजोगुण  से उत्पन्न होती है, महिषासुर भी है ,शुभ, निशुंभ भी है और मां समस्त व्यक्तियों से रक्षा करती है फिर पृथ्वी पर कर्म व्यवहार आचरण शिष्टाचार में जो भी दानव उत्पन्न होते हैं उसका भी वध करती है मेरे दांत अनार के दानों की तरह लाल हो जाएगी और मां रक्तदांतिका हो जाती है ।

जब किसी को हीमोग्लोबिन की कमी होती है तो इसी देवी की आराधना की जाती है और अनार का हवन किया जाता है। जितने भी साधना काल में ऋषि तपस्या कर रहे हैं सबको देखने के लिए दृष्टि वृद्धि के कारण मां शताक्षी रूप में जानी जाती है , जिस समय अकाल की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, अकाल की स्थिति उत्पन्न होगी हजारों वर्षों तक वर्षा नहीं होगी जनमानस में पोषण के लिए शरीर के रूम से उत्पन्न साक अर्थात सब्जियां उत्पन्न होगी और मेरा नाम शाकंभरी होगा ।

Navratri Special: भीम रूप धारण कर दुर्गम राक्षस का वध करने वाली मां भीमा देवी’ 

हम पालक का और केले का हवन इसलिए करते हैं। भीम रूप धारण करके दुर्गम राक्षस का वध करूंगी इसके चलते भीमा देवी के नाम से प्रसिद्ध हो जाऊंगी। दुर्गम राक्षस का वध करने के कारण मेरा नाम दुर्गा रूप में जाने जाएंगे। अरुण नामक राक्षस उपद्रव करेगा तब उसे मारने के लिए फिर से भ्रामणी के रूप में जाने जाऊंगी।

Navratri Special : मधु,कैटभ, महिषासुर,। सुंभ ,निशुंभ, का अंत करूंगी और जो मेरे शरनागत में रहेंगे उसके मन में सब जगह रक्षा करूंगी । विशेषकर अष्टमी , नवमी,चतुर्दशी को जो इस पाठ को सुनेगा और पढ़ेगा उसके अंदर बाहर समस्त शत्रुओ का नाश करूंगी । जहां निरंतर इस पाठ की चर्चा हो रही हो उस स्थान पर हमेशा रहूंगी।

सर्व बधा विनिर्मुक्ति

यदि कोई मेरी पूजा कर अनुष्ठान करें उसे पर मेरी कृपा होगी बल्कि जागरण करवा कर अनुष्ठान करवा कर जो मेरी पूजा करते हैं उसकी समस्त बाधाओं का अंत करके धन धान्य पुत्र से भर देती हूं, बलि मतलब बकरी का नही अपितु अहंकार, लोभ का।

Navratri Special : मुसंबी..ईर्ष्या द्वेष, नारियल.. अहंकार। किसी भी प्रकार का संशय नहीं है हमारी किसी भी प्रकार की पूजा में जो जानता है या जो नहीं जानता है मैं सब स्वीकार करती हूं और मंत्र आए या ना आए मैं सब स्वीकार करती हूं मेरे महात्मा का श्रवण करने वाले के समस्त शत्रुओं का नाश करती हूं और जो भी स्तुति पाठ श्रवण करता है उसके घर में भूत,पिचाश,प्रेत बाधा सबको नष्ट करती हूं ।

ब्राह्मण को भोजन करने में, हवन में अभिषेक, दान, भोग लगाने से सब करने में इतना लाभ नहीं मिलता जो इस पाठ को सुनने से मिलता है आपका नाव जिंदगी का नाव भवसागर में डगमगा रहा हो, अनेक प्रकार से विपत्ति प्रहार किया तब मेरा स्मरण करने से सारे कष्ट, बाधाएं, रक्षास, भूत प्रेत, आदि सब दूर हो जाता है,ऐसा भगवती देवताओं को समझाती है।

Navratri Special: हर व्यक्ति मां से अपने आचरण के अनुसार वर मांगता है, कोई राज्य तो कोई मोक्ष

भगवती अंतर ध्यान हो जाती है मेधा ऋषि सूरत और समाधि से कहते हैं कि आप इस देवी के शरण में जाओ आपकी भी सभी विपत्ति दूर हो जाएगी,दोनो आदिशक्ति मां कामाख्या का ध्यान करने लगे सूरत क्षत्रिय समाधि बनिया दोनों मां भगवती का ध्यान करते हैं देवी प्रसन्न होती है और वर मांगने बोलती है राजा अपने राज्य और अगले जन्म में के लिए भी राज्य मांगते हैं ।

मां तथास्तु कहती है लेकिन वणिक माता से ज्ञान मांगती है आप मुझे वह ज्ञान प्रदान कीजिए जिससे मुझे मोक्ष मिले माता उसे मोक्ष प्रदान करती है और उसका जीवन आनंददायक होता है।

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