आध्यात्म ।। कल्पना शुक्ला । Epic Best Story : गोहाटी में नीलांचल पर्वत पर स्थित प्राकृतिक सुंदरता से युक्त मां कामाख्या का मंदिर जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है, जो कि 51 शक्तिपीठ में एक है, उस जिला का नाम कामरूप है, भक्त साधक वहां पर साधना करके अपनी साधना पूर्ण करते हैं, परम पूज्य गुरुदेव श्री संकर्षण शरण जी (गुरु जी) ने आज कथा में मां के स्वरूप का वर्णन करते हुए यह बताए, मां आदि शक्ति शेर पर बैठी हुई है शेर भी शक्ति का ही रूप है मध्य में भगवान शिव लेटे हुए हैं ।
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Epic Best Story : आदिशक्ति के पांच मुख सामने और पांच पीछे
जिनके हाथ शेर सिर पर है तब शेर टिका हुआ है और एक हाथ धरती पर है ,भगवान शिव शव मुद्रा में लेटे हुए हैं,शिव के नाभि कमल से शक्ति का प्रादुर्भाव,मध्य में शिव ऊपर शक्ति,आदिशक्ति के पांच मुख सामने और पांच पीछे है एवं एक ऊपर अर्थात पांच कर्मेंद्रियां जो हमें दिखाई देती है ।
पांच मुख पीछे अर्थात पांच ज्ञानेंद्रिय जो हम नहीं देख पाते और एक ऊपर अर्थात मन है जो सबसे ऊपर रहने की आवश्यकता है।
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Epic Best Story : मां अर्धनारीश्वर रूप में प्रकट
आगे शुंभ,निशुंभ वध की कथा में यह बताए कि सभी देवताओं ने मां के अर्धनारीश्वर रूप की प्रार्थना किए मां अर्धनारीश्वर रूप में प्रकट होकर रक्त, बीज,निशुंभ का वध करती है ,उसके बाद भगवान शंकर को दूत बनाकर शुंभ के पास सूचना देने भेजती है,और उसी समय से देवी शिवदूती बन जाती है । शक्ति के बिना भगवान भी अधूरे होती है भगवान पालन करते हैं ।
Epic Best Story : परमार्थ में भगवान का चिंतन करना चाहिए
शुंभ बहुत क्रोधित होता है और युद्ध भूमि में आता है,कामनाओं के पूरा न होने पर क्रोध होता है बुद्धि भ्रमित होती है और मनुष्य का पतन हो जाता है इसलिए परमार्थ में भगवान का चिंतन करना चाहिए,शुंभ को क्रोध हुआ , और कहने लगा इतनी सारी शक्तियों के बल पर युद्ध कर रही हो अकेले युद्ध करो तो जाने ,उसी समय ब्राह्मणी, चामुंडा , सब देवी के अंदर में प्रवेश करती है,अकेली देवी युद्ध करती है,शुंभ के साथ देवी का भयंकर युद्ध हुआ ,जितने राक्षस का वध किया ।
उन सबसे अधिक देवी ने शुंभ से युद्ध की, उतने अधिक देर तक कोई भी राक्षस भगवान से कभी युद्ध नहीं किया ,कभी आकाश मार्ग में कभी धरती पर आदि शक्ति युद्ध करती है क्योंकि वासना को पराजित करने के लिए शक्ति की आवश्यकता होती है , देवी शुंभ का वध कर देती है।
समस्त देवी देवता भुवनेश्वरी देवी का ध्यान करते है,मां भुनेश्वरी 10 महाविद्या में एक है जो ऊंचाई पर है और उसका नाम अन्नपूर्णा भी है। समस्त संसार का भरण पोषण करती है इसलिए उसका नाम भुवनेश्वरी है।
Epic Best Story : मां हमेशा धरती पर अपने बच्चों की रक्षा करती है
जनमानस की रक्षा के लिए मां को भी खून पीना पर मांस खाना पड़ा लेकिन मां महागौरी थी पर्वत पर बैठी थी कौशिकी देवी प्रकट हुई थी,आज उसी को देखकर लोग बलि प्रथा शुरू किए है जो अनुचित है। मां हमेशा धरती पर अपने बच्चों की रक्षा करती है, धीरे-धीरे यह बलि प्रथा का विरोध होता जा रहा है और बंद किया जा रहा है।