WHO ने फिर उठाया गरीब देशों तक वैक्सीन नहीं पहुंच पाने का मुद्दा 

जिनेवा, स्विट्जरलैंड
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) एक बार फिर गरीब देशों तक कोरोना वैक्सीन नहीं पहुंच पाने के मुद्दे को उठाया है। डब्लूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेबियस ने कहा है कि गरीब देशों के लिए कोविड-19 टीकों के वितरण में चौंकाने वाला असंतुलन सामने आया है। दुनियाभर में कई देश अभी भी ऐसे हैं, जहां कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत ही नहीं हो पाई है। जहां एक भी शख्स को अभी टीका नहीं लग पाया है। डब्लूएचओ के महानिदेशक ने कोरोना वायरस के टीके के वितरण में अमीर और गरीब देशों के बीच असंतुलन की आलोचना की है और इसे 'शर्मनाक' कहा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि वैक्सीन के ग्लोबल वितरण में एक 'शर्मनाक असंतुलन' बना हुआ है। डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 वैक्सीन के उचित वितरण का आह्वान किया है।

 डब्लूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस ने शुक्रवार (09 अप्रैल) को एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि 220 देशों में से 194 देशों ने अब तक टीकाकरण शुरू कर दिया है, और 26 ने नहीं किया है। उनमें से 7 को टीके मिल गए हैं और वे जल्द टीकाकरण शुरू कर सकते हैं और आगे आने वाले दिनों में 5 देशों को कैवैक्स अभियान के तहत टीका मिल जाएंगे। उन्होंने कहा कि उन 14 देशों में अभी तक टीकाकरण शुरू नहीं किया है। डब्लूएचओ के महानिदेशक ने कहा कि वैक्सीन की हो रही कमी की वजह से 60 गरीब देशों पर इसका प्रभाव हो रहा है। 

उन्होंने कहा कि हालांकि कोवैक्स योजना इस तरह बनाई गई है कि गरीब देशों को वैक्सीन मिल सकें। कोवैक्स योजना के तहत अबतक लगभग 100 देशों में 3.8 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज दी जा चुकी है। डब्लूएचओ ने कहा, अमीर देशों में औसतन 4 लोगों में से एक को वैक्सीन मिल गई है। लेकिन गरीब देश, या जिनकी आय कम है, वहां 500 लोगों पर सिर्फ एक शख्स को वैक्सीन लग पाई है। कोवैक्स के तहत हमारा लक्षण था दुनियाभर में कम से कम 10 करोड़ वैक्सीन डोज बांटे जाएं लेकिन अबतक हम सिर्फ 3.8 करोड़ खुराक ही वितरित कर पाए हैं।
 

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