नई दिल्ली,
रूस के विदेश मंत्री ने भारत के साथ S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की डील को लेकर अमेरिका पर निशाना साधा है। रूसी विदेश मंत्री सेरगे लावरोव ने कहा, ‘इस डील का सिर्फ प्रतीकात्मक महत्व नहीं है। भारत की रक्षा क्षमताओं के लिए इस डील के व्यवहारिक अर्थ हैं।’ उन्होंने कहा कि हमने देखा कि अमेरिका की ओर से इस सहयोग को कमजोर करने के प्रयास किए गए। अमेरिका की ओर से यह कोशिश की गई कि भारत उसकी ही बातों को माने कि इस क्षेत्र में किस तरह से विकास होना चाहिए। सेरगे ने इस डील को लेकर भारत की तारीफ करते हुए कहा कि हमारे मित्र ने अमेरिका को मजबूती से जवाब दिया है कि वह एक संप्रभु राष्ट्र है।
रूसी विदेश मंत्री ने कहा, ‘हमारे भारतीय मित्रों ने स्पष्ट और ठोस तरीके से यह बता दिया कि हम संप्रभु राष्ट्र हैं। हम फैसला ले सकते हैं कि हमें किसके हथियार खरीदने हैं और किसे इस सेक्टर में या फिर किसी अन्य मामले में अपना साझीदार बनाना है।’ इस बीच भारत और रूस के बीच एके-203 राइफलों के लिए 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की डील हुई है। इसके तहत यूपी के अमेठी में 5 लाख से ज्यादा राइफलों की मैन्युफैक्चरिंग की जानी है। इसके अलावा भी कई अन्य समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। यही नहीं रूस और भारत के बीच अगले 10 सालों यानी कि 2021 से 2031 तक के लिए सैन्य सहयोग को लेकर डील हुई है।
रूस ने भारत के साथ हुई समझौते में सैन्य तकनीक साझा करने को लेकर सहयोग करने पर सहमति जताई है। बता दें कि अमेरिका की ओर से कुछ वक्त पहले S-400 डील को लेकर टिप्पणी की गई थी। इसे लेकर अमेरिका ने भारत को हिदायत दी थी कि वह ऐसी कोई डील न करे। हालांकि भारत ने अमेरिका की उस सलाह को मानने से इनकार कर दिया है। यही नहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दिल्ली दौरे से नया संकेत भी देने का प्रयास किया है। दरअसल भारत और रूस के बीच अफगानिस्तान के हालातों को लेकर भी दोस्ती मायने रखती है। हाल ही में दिल्ली में अफगानिस्तान के हालात को लेकर भी एक मीटिंग बुलाई गई थी। इसमें रूस, ईरान समेत कई देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था।
India, Russia sign record 28 MoUs, programme of cooperation in defence for 10 years
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— ANI Digital (@ani_digital) December 6, 2021