अध्यात्म,कल्पना शुक्ला. | Hanuman ji : हनुमान जी हमेशा भगवान की कथा श्रवण करना चाहते हैं कथा में ही आनंद आता है जब भगवान कृष्ण हनुमान जी को युद्ध के मैदान में चलने को कहते हैं हनुमान जी Hanuman ji वहां भी कथा सुनने की इच्छा करते हैं और भगवान कृष्ण तैयार हो जाते हैं
अर्जुन तो सिर्फ बहाना था भगवान को गीता हनुमान जी को सुनाना था….
परम पूज्य गुरुदेव श्री संकर्षण शरण जी गुरुजी कथा में यह बताएं कि जिस समय महाभारत का युद्ध होते रहता है ,भगवा ध्वज के नीचे हनुमान जी ऊपर भगवान कृष्ण भगवान के मुख से हनुमान जी कथा सुनते हैं हनुमान जी ज्ञानी नाम अग्रगनियम…… ज्ञानियों में अग्रणी है, भगवान के मुख से कथा सुनकर ज्ञानी तो हो ही जाएगा, जब हम कथा से वंचित होते हैं लड़ाई होती है, युद्ध होता है ,जीवन में संघर्ष होता है, लड़ाई में भी हमें वास्तविक ज्ञान होता है ,ऐसी स्थिति में भी हमें सत्संग से जुड़ना चाहिए, गुरु चरणों में रहना चाहिए । महाभारत के मैदान में भी भगवान 18 हजार 700 सौ श्लोक गीत सुना दिए। भगवान की कथा हर जगह हमारे जीवन की महाभारत को समाप्त करती है जीवन में सुख और आनंद की प्राप्ति होती है। प्रत्येक परिस्थिति में हमें अपने गुरु से अपने परमात्मा से सत्संग से भगवान की कथा से जुड़े रहना चाहिए।
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अर्जुन के साथ भी वही स्थिति है जीवन में संघर्ष लड़ाई लेकिन जब भगवान श्री कृष्ण गीता का ज्ञान देते हैं अर्जुन महाभारत का युद्ध जीत जाता है ,जिस समय कर्ण युद्ध कर रहा था अपना कवच कुंडल सब कुछ दे चुका था उस समय कर्ण इच्छाधारी नाग वाला बाण अर्जुन के ऊपर चला देते हैं वह अमोघ था, पूरे ब्रह्मांड के देवता भगवान कृष्ण से प्रार्थना करने लगे अर्जुन को बचा ले और भगवान कृष्ण कहते हैं हनुमान बचा लो अर्जुन को ,हनुमान जी तुरंत गदा से प्रहार करते हैं धरती फट जाता है भगवान कृष्ण अर्जुन को लेकर धरती पर प्रवेश करते हैं ,जब बाण आगे बढ़ जाता है तब हनुमान जी प्रकट होते हैं इस प्रकार हनुमान जी हमेशा रक्षा करते हैं और ज्ञानी में अग्रणी होते हैं।
हनुमान जी हमेशा हर काल में त्रेता काल में द्वापर में हर समय भगवान के कार्य के लिए तैयार रहते हैं, भगवान के प्रिय भक्त और कलयुग के साक्षात देवता है।
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