बेगी हरो हनुमान महाप्रभु – पूज्य गुरुदेव श्री संकर्षण शरण जी

हनुमान
बेगी हरो हनुमान महाप्रभु - पूज्य गुरुदेव श्री संकर्षण शरण जी

अध्यात्म ,कल्पना शुक्ला | परम पूज्य गुरुदेव श्री संकर्षण शरण जी (गुरु जी) प्रयागराज ने सुंदरकांड की कथा में यह बताएं कि हनुमान जी प्रभु ही नहीं बल्कि महाप्रभु होते हैं, जो भी भक्तगण उनकी आराधना करते हैं हनुमान जी शीघ्रता से सारे संकट कष्ट दूर करते हैं, भगवान शिव महादेव होते हैं, देवों के देव होते हैं । उसी तरह जब हम भगवान की भक्ति करते हैं अपने आराध्य के शरण में रहते हैं तो हम पूज्य बन जाते हैं ,महाप्रभु बन जाते हैं, भगवान अपने भक्तों को हमेशा अपने से भी आगे देखना चाहते हैं । भगवान शिव भी पूरे समय भगवान राम के ध्यान में रहते हैं और राम शिव के ध्यान में होते हैं । बड़े से बड़े कार्य हनुमान जी आसानी से कर देते हैं ,कब किसके साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए यह हनुमान जी से हमें प्रेरणा मिलती है, कभी बड़ा बन जाते हैं तो कभी छोटा बन जाते हैं हर प्रकार की शिक्षा हनुमानजी देते हैं, भगवान का कार्य कैसे करना चाहिए भगवान के कार्य पूरा हुए बिना विश्राम नहीं लेना चाहिए हनुमान जी करके दिखाते है। हनुमान जी के लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं होता है और जब हम हनुमानजी की आराधना करते हैं शनि की भी कृपा हम पर होती हैं।

उलटि पलटि लंका सब जारी…..

अर्थात लंका उल्टा पुल्टा नहीं होता है बल्कि लंका में रावण ने शनिदेव को उल्टा लटका दिया था, जब हनुमान जी देखें तो शनि देव को बंधन मुक्त करके सीधा कर देते हैं, और जब शनिदेव की दृष्टि लंका में पड़ जाती है पूरे लंका में वैसे ही आग लग जाती हैं । शनिदेव हनुमान जी को वचन देते हैं कि जो भी तुम्हारी पूजा सुंदरकांड की कथा करेगा उस पर मेरी कुदृष्टि नहीं होगी । हनुमान जी उसे मुक्त करते हैं इस तरह जब हम हनुमान जी की आराधना करते हैं उनकी पूजा करते हैं उनकी सुंदरकांड की कथा या पाठ श्रवण करते हैं तो शनिदेव की भी कृपा होती हैं।

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