माँ कामाख्या धर्मादा ट्रस्ट भारतवर्ष : असमर्थ बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर उनको स्वावलंबी बनाने के प्रयास में संलग्न

माँ कामाख्या
माँ कामाख्या धर्मादा ट्रस्ट भारतवर्ष : असमर्थ बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर उनको स्वावलंबी बनाने के प्रयास में संलग्न

प्रयागराज । कल्पना शुक्ला ।  माँ कामाख्या धर्मादा ट्रस्ट भारतवर्ष उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित एक सेवाकारी संस्था है। इस संस्थान की गतिविधि पूर्व में माँ कामाख्या देवी जन-कल्याण सेवा संस्थान के नाम से जाना जाता रहा है, यह सेवाकारी संस्था 2007 से अविरल कार्य करते आ रही है। यह असमर्थ बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर के उनको स्वावलंबी बनाने के प्रयास में संलग्न है। इसके संस्थापक एवं मैनेजिंग ट्रस्टी परम पूज्य गुरुदेव श्री संकर्षण शरण जी (गुरुजी) हैं।

यह संस्थान पिछले 16 वर्षो से असमर्थ बच्चों को निःशुल्क शिक्षा और आपदा में लोगों को मदद, भोजन और रसद पहुंचना, तिपहिया वाहन उपलब्ध कराना है तथा स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण उपलब्ध कराना है। माँ कामाख्या धर्मादा ट्रस्ट भारतवर्ष में देश के अलावा यूरोपीय देशों से भी लोगों सेवा और निदान के लिए आते हैं।

माँ कामाख्या धर्मादा ट्रस्ट भारतवर्ष : असमर्थ बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर उनको स्वावलंबी बनाने के प्रयास में संलग्न

यह संस्थान पूरे देश में कार्यक्रम लगातार चल रहा है, मातृ शक्ति का सम्मान, सहभोज, धार्मिक कथा, यज्ञ ,प्रवचन के माध्यम से सनातन संस्कृति की जागृति ,एकजुटता ,भाईचारा,सेवा भाव का कार्यक्रम चल रहा है ।

संस्थान में अब तक हजारों असमर्थ बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान किया जा चुका है। करीब हजारोंबाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे समाजसेवी, घर-घर पहुंचा रहे भाेजन, सूखा राशन, कपड़े, जूते-चप्पल, चटाई, दवाई अतिवर्षा और बाढ़ में अपना सब कुछ गंवा चुके परिवाराें की हर तरह से मदद की संस्थान ने तिपहिया साइकिलों का भी वितरण विकलांगों के बीच किया है।

माँ कामाख्या धर्मादा ट्रस्ट भारतवर्ष : असमर्थ बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर उनको स्वावलंबी बनाने के प्रयास में संलग्न

संस्थान देश के कोने-कोने में अपना कार्यक्रम लगातार का आयोजित कर विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवा समाज और देश को प्रदान कर रही है, जैसे मातृ शक्ति का सम्मान, सहभोज, धार्मिक कथा, यज्ञ ,प्रवचन पूरे देश भर में चलाया जा रहा है, सनातन संस्कृति की जागृति ,एकजुटता ,भाईचारा,सेवा भाव का कार्यक्रम का आयोजन करती है । संस्थान, दिव्यांग लोगों की हर तरह से मदद ,सामूहिक विवाह सम्मेलनों का भी आयोजन करता है।

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संस्था का उद्देश्य

इस संस्था का मुख्य उद्देश्य निर्धन व्यक्ति की सहायता करना, जो धनहीन है जो अभाव में पढ़ नहीं पाते उनकी सहायता करना , नारी निकेतन, वृद्धा आश्रम जहां आवश्यकता है उनको बढ़ चलकर सहायता करना ,लोगों को जागृत करना, सनातन धर्म से जोड़कर लोगों को धर्म के लिए प्रेरित करना ,यह संस्था का मुख्य उद्देश्य है । परम पूज्य गुरुदेव श्री संकर्षण शरण जी (गुरुजी) ने संस्था के उद्देश्यों के बारे में यह जानकारी दी ।

माँ कामाख्या धर्मादा ट्रस्ट भारतवर्ष : असमर्थ बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर उनको स्वावलंबी बनाने के प्रयास में संलग्न

जो भटक गए हैं उन्हें सन्मार्ग में लाना, नशा मुक्ति का अभियान, स्वरोजगार प्रदान करना जैसे -सिलाई, कढ़ाई, बुनाई आदि कार्य द्वारा रोजगार देना, स्वास्थ्य के अंतर्गत स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से लोगो की देखभाल करना, लोगो में जागरूकता लाना,शिक्षा आदि में सहायता करना, उनकी सेवा करना, उन्हें स्वावलंबी बनाना, संस्कृति की रक्षा करना  संस्था का मुख्य उद्देश्य है।

परम पूज्य गुरुदेव श्री संकर्षण शरण जी (गुरुजी) ने कहा कि केवल अपने परिवार के बारे में ही सोचते रहना ही जीवन नहीं है, ने कहा कि उन्होंने एक दिन ऐसा हो जाता है कि हम संसार छोड़ देते हैं । जो सबको अपनाता है राष्ट्र, देश,समाज पड़ोस ,रिश्तेदार ,मंदिर, जिससे उसकी कीर्ति बढ़ती है ।

हमारे देश में पहले भी ऐसे कई महापुरुष हुए है जो धर्म के लिए, देश के लिए ,राष्ट्र के लिए संघर्ष किए है साथ ही समाज की,देश की,राष्ट्र की सेवा किए । सुभाष चंद्र बोस, विवेकानंद ,महात्मा गांधी,ईश्वर चंद्र विद्यासागर इत्यादि ऐसे महापुरुष हुए जिसे पूरे राष्ट्र और समाज, देश आज भी उनका स्मरण करते हैं ।

माँ कामाख्या धर्मादा ट्रस्ट भारतवर्ष : असमर्थ बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर उनको स्वावलंबी बनाने के प्रयास में संलग्न

हम इतिहास में पढ़ते है, हम लोग भी उससे प्रेरणा लेकर देश की सेवा कर रहे हैं, इन्हीं विचारों से संस्थान का प्रस्फुटन हुआ और 2006 में जब प्रयागराज में माघ मेला पंडाल में कल्पवास के लिए जगह की बात सामने आई तब कल्पवासियों के लिए शिविर लगाने के लिए इस संस्था का रजिस्ट्रेशन कराया गया, जगह के लिए रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता पड़ी तब संस्था का निर्माण किया गया सेवा तो पहले भी किया ही जा रहा था लेकिन रजिस्ट्रेशन 2007 में किया गया।

माँ कामाख्या धर्मादा ट्रस्ट भारतवर्ष : असमर्थ बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर उनको स्वावलंबी बनाने के प्रयास में संलग्न

इस समय से संस्थान का आरंभ हुआ और तेजी से यह कार्य करने लगी , संस्था का उद्देश्य कुछ कमाने का नहीं है , कभी सरकारी अमाउंट नहीं लिए जाते है,लेकिन सरकारी कार्यों में हिस्सा जरूर लेते हैं, जैसे गंगा का सफाई ,टीकाकरण , पल्स पोलियो, गांव में जाकर हजारों लोगों को टीकाकरण कराना, कामाख्या संस्थान ऐसी संस्था है जो सरकारी अनुदान ना लेते हुए सब जगह सरकारी कार्यों में अपना सहयोग हमेशा सरकार को  प्रदान करती है।

प्रयागराज में तीन लाख से अधिक शिष्य गुरुदेव के विचारों का अनुसरण करते हैं।

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परम पूज्य गुरुदेव श्री संकर्षण शरण जी (गुरुजी) ने कहा कि जीविकोपार्जन का बहुत विकल्प होता है किंतु अस्तित्व का कोई विकल्प नहीं होता । जब देश समाज की सेवा करते रहने से ही अस्तित्व बनता है। साथ ही लोगों की दुआएं और पुण्य के प्रभाव से हम आगे बढ़ते हैं, धीरे-धीरे संस्था का विस्तार हो रहा है।

जंगलों में जाकर भूखे बंदरों को भी गुड़ चना, फल इत्यादि खिलाया जाता है ,गौ सेवा की जाती है और प्रतिवर्ष कम से कम 1000 वृक्षारोपण भी किया जाता है,नर सेवा ही नारायण सेवा है । इस भाव से इस संस्था का स्थापना किया गया है ।

नि:स्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करना , शिष्य जो भी गुरुदेव के चरणों में अर्पण करते हैं उनको भी गुरुजी संस्था में प्रदान देते हैं ।देश की सेवा के लिए कोई जाति -पाति का भेदभाव नहीं होता है, यदि कोई पढ़ने की इच्छुक है और उनकी पढ़ाई में व्यवस्था नहीं हो पा रही है अभाव हो रहा है तो उनको सहायता किया जाता है।

साथ ही गांव के गरीब बच्चे जो उपेक्षित होते हैं जहां उनका कोचिंग की कोई व्यवस्था नहीं होती वहीं पर शहर के बच्चे कोचिंग में रहते हैं और परीक्षा पास कर लेते हैं तो गांव के उन बच्चों को जाकर उनके लिए पढ़ने की व्यवस्था करना ,क्योंकि उन लोग मजबूर होकर बिजनेस में चले जाते हैं, ऐसे लोग को 2 घंटे की कोचिंग की व्यवस्था की गई है कोई कमजोर नहीं होगा ,हमारे देश जब साक्षर नहीं होंगे तो हमारे देश का ही नुकसान है इस भाव से सेवा किया जाता है।

गुरुकुल में 200 से अधिक बच्चे हैं उनको निशुल्क एजुकेशन और पुस्तक काफी प्रदान की जाती है। गांव में चौपाल लगाकर गांव के बहुवे जो पढ़े लिखे हैं वह उन बच्चों को पढ़ाते हैं इस तरह से हमारी संस्था नित्य सेवा कार्य में लगी हुई है साथ ही संस्था में टैलेंटेड का भी एग्जाम लिया जाता है जो अच्छे परसेंट लाते हैं उन्हें छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है संस्था लगातार सेवा में संलग्न है और ऐसे सेवा करने वाले का हमारी संस्था सम्मान भी करती है।

गुरु देव की दो संस्था है जो की एक ग़ैर सरकारी संगठन है और एक ट्रस्ट है । माँ कामाख्या धर्मादा ट्रस्ट के बैनर तले अब सारा कार्य हो रहा है और माँ कामाख्या देवी जन कल्याण सेवा संस्थान भी अपना कार्य कर रही है।

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