स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है त्राटक ध्यान

आधुनिक जीवन में व्यस्तता के चलते हमारा शरीर काफी थक जाता है। जिससे तनाव महसूस होता है। तमाम कोशिशों के बाद भी तनाव बहुत जल्दी दूर नहीं होता। ऐसे में शरीर और दिमाग को शांत करने के लिए योग और ध्यान से बेहतर कुछ नहीं है।

त्राटक सदियों से की जाने वाली क्रियाओं में से एक है। त्राटक का अर्थ है टकटकी। ऐसा माना जाता है कि जब हम किसी खास वस्तु पर अपनी निगारह टिकाते हैं, तो शरीर को हिलाए बिना ही मन स्थिर हो जाता है। कुल मिलाकर यह इधर-उधर भटकने वाले मन को एकाग्र और शांत करने का सबसे अच्छा तरीका है, जो आपकी नकारात्मक सोच का मुकाबला करने मास्तिष्क के काम करने की क्षमता में सुधार लिए जाना जाता है। तो आइए जानते हैं त्राटक ध्यान करने के फायदों के बारे में।

एकाग्रता बढ़ाए-
ऐसी कई एक्टिविटीज हैं, जिनमें एकाग्रता की बहुत ज्यादा जरूरत पड़ती है। लेकिन दैनिक तनाव और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के कारण बहुत से लोग लो कंसन्टे्रशवल लेवल से पीडि़त होते हैं। ऐसे में त्राटक एक मेडिटेशन टेकनीक है, जिसका उपयोग ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को मजबूत करने के लिए किया जाता है। अगर इसे लंबे वक्त तक किया जाए, तो व्यक्तित्व में भी निखार आने लगता है।

​नींद में सुधार करे-
नींद न आना जीवन की खराब गुणवत्ता से जुड़ा एक सामान्य विकार है। त्राटक, योग की 6 क्लीनसिंग टेकनीक में से एक है। जिन लोगों को नींद न आने की समस्या है, उन्हें अपने सेाने के तरीके में सुधार के लिए रोजाना नियमित रूप से त्राटक ध्यान करना चाहिए। यह अनिद्रा को दूर करने में मदद करता है।

​तनाव दूर करे-
त्राटक क्रिया अगर आप नियमित तौर पर करते हैं, तो आराम के साथ चित्त भी शांत होता है। ध्यान के दौरान आप अपना ध्यान किसी एक वस्तु पर केंद्रित करना होता है। इससे न केवल मन में चल रही उलझन को दूर करने में मदद मिलती है बल्कि दिमाग भी शांत होता है।

​आंखों की रोशनी तेज करे-
अगर आपकी निगाह कमजोर हो गई है, तो यह क्रिया आंखों से जुड़ी बीमारी को रोकने , इलाज करने यहां तक की इसे ठीक करने में भी मदद करती है। त्राटक क्रिया करने से आंखों की मांसपेशी मजबूत होती है और दृष्टि में चमत्कारिक सुधार होता है।

​त्राटक करने का तरीका
त्राटक ध्यान को कई तरह से किया जा सकता है, जैसे मोमबत्ती की लॉ पर, गोले के बिंदु पर, पेंसिल की नोक पर, उंगलियों की नोक पर ।

मोमबत्ती की लॉ पर त्राटक
त्राटक क्रिया का सबसे पुराना और प्रचलित तरीका है दीपक की जलती लौ पर ध्यान लगाना।
इसके लिए एक ऐसा कमरा चुनें, जिसमें अंधेरा बहुत हो।
कमर सीधी कर दिमाग को शांत करके बैठ जाएं।
त्राटक शुरू करने से पहले प्राणायाम करें।
अब अपनी नजरों को जलती हुई लौ पर टिका लें।
एक मिनट के सेशन के रूप में इसे करें। बाद में आप इसका समय बढ़ा सकते हैं।
रात को सोने से पहले इस क्रिया को करने से बचना चाहिए। इससे नींद डिस्टर्ब हो सकती है।

​पेंसिल की नोक पर
यह त्राटक का सबसे सरल तरीका है। पेंसिल की नोक पर त्राटक क्रिया करने से आखों को आराम मिलता है साथ ही फोकस बढ़ाने का भी यह बेहतरीन उपाय भी है। अगर आप काफी लंबे वक्त तक मोबाइल , लैपटॉप कंप्यूटर पर बैठै रहते हैं, तो आंखों को रिलेक्स करने के लिए सबसे अच्छी मेडिटेशन तकनीक है।

इसे करने के लिए एक ऐसी जगह चुनें, जहां आपका ध्यान न भटक पाए।
अब पेंसिल की नोक को हाथों की मदद से अपनी आंखों की सीध में रखें ।
अब अपना ध्यान पेंसिल की नोक पर गड़ाए रखें। जब आंखें थकने लगें, तो आंख बंद कर लें। दो से तीन सेशन में ही आपको कुछ आराम महसूस होगा।

त्राटक कब करना चाहिए
विशेषज्ञों के अनुसार सूर्योदय के एक से डेढ़ घंटे पहले का समय त्राटक करने के लिए बहुत अच्छा माना गया है। इस समय माहौल शांत रहता है और दिमाग भी तरोताजा रहता है।

​बरतें सावधानी
बीमारी के दिनों में त्राटक क्रिया करने से बचें।
आंखों का ऑपरेशन हुआ है, तो इसे करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
इस क्रिया को करने के बाद आंखों में जलन होने पर आंखों को न ही मलें न ही इन्हें रगड़ें।
त्राटक करते समय कोई तकलीफ हो रही हो, तो इसके समय को कम कर दें।
तो अपने मन और शरीर को तनाव मुक्त रखने के लिए त्राटक ध्यान करना शुरू कर दें। कुछ ही समय में ताजगी का अनुभव करेंगे।

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