राष्ट्रीय खेल घोटाले के आरोपी मधुकांत पाठक को एथलेटिक्स टीम का मैनेजर नियुक्त किया

नई दिल्ली
टोक्यो ओलिंपिक के लिए जाने वाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल की सूची में अंतिम समय में हुए कुछ बड़े बदलावों ने कई लोगों को चौंका दिया है, जिसमें 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले के आरोपी मधुकांत पाठक को एथलेटिक्स टीम के टीम मैनेजर के रूप में भेजने के फैसले का भारतीय ओलिंपिक संघ (आइओए) के उपाध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने कड़ा विरोध किया है। इसके अलावा तलवारबाज सीए भवानी देवी की मां सीए सुंदररमन रमानी को उनके साथ बतौर मैनेजर, जबकि टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा के व्यक्तिगत कोच सन्मय प्रांजपे को भी अंतिम समय में मनिका का मैनेजर नियुक्त करके ओलिंपिक भेजा जा रहा है।

मित्तल ने कहा, "जहां तक मधुकांत पाठक जैसे लोगों का सवाल है, लंबे समय से जेल में बंद व्यक्ति को एथलेटिक्स टीम का मैनेजर बनाकर भेजना पूरी तरह से अस्वीकार्य है। आप किस तरह का संदेश भेज रहे हैं कि खेल भ्रष्टाचार में लिप्त लोग अब देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह सही नहीं है और आइओए प्रमुख नरेंद्र बत्रा के कहने पर किया जा रहा है। बत्रा ने हमेशा ऐसे लोगों को संरक्षण दिया है। मैं यह सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखूंगा कि ऐसे लोग न जाएं लेकिन पाठक जैसे अपराधी अगर मैनेजर बनकर जाते हैं तो यह वाकई शर्मनाक है।"

मधुकांत पाठक को 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले में आरोपित बनाया गया है। इस मामले की जांच एसीबी कर रही है। एसीबी ने मधुकांत पाठक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। हाई कोर्ट ने पासपोर्ट जमा करने सहित अन्य शर्तो पर मधुकांत पाठक को जमानत दिया था। तभी से उनका पासपोर्ट निचली अदालत में जमा था। जिसके बाद झारखंड हाई कोर्ट ने ओलिंपिक में शामिल होने के लिए पासपोर्ट रिलीज कर दिया था लेकिन यह भी कहा था कि ओलिंपिक से आने के बाद उनका पासपोर्ट फिर से जब्त कर लिया जाएगा।

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