काबुल
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद दर्जनों तालिबान लड़ाके राष्ट्रपति भवन में घुस चुके हैं। हथियारबंद लड़ाकों के साथ तालिबान नेतृत्व ने देश के राष्ट्रपति की कुर्सी से मीडिया को संबोधित किया। टीवी पर नजर आने वाली तस्वीरों में तालिबान ने अफगान सरकार पर जीत की घोषणा करते हुए राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया। काबुल में एक बार फिर लोगों के बीच वही डर और दहशत फैल गई है जो 1996 से 2001 के बीच के तालिबान राज में थी। कई अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सैनिकों की वापसी के कुछ महीनों के भीतर अफगानिस्तान सरकार गिर जाएगी और तालिबान तख्तापलट कर देगा। अभी अमेरिकी सैनिक पूरी तरह से लौटे भी नहीं हैं और देश पर तालिबान का कब्जा हो चुका है।
अल जजीरा की तस्वीरों में देखा जा सकता है कि काबुल के जिस महल से कभी अफगानिस्तान की सत्ता संचालित होती थी और देश निर्माण के फैसले लिए जाते थे, वहां आज आतंकवादी हथियारों के साथ खुलेआम घूम रहे हैं। एक आतंकवादी ने महल से न्यूज चैनल अल जजीरा को बताया, 'हमारा देश आजाद हो गया है और अफगानिस्तान में मुजाहिदीन की जीत हुई है।' राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद जब्त की गई इमारत में घूमते हुए लड़ाकों ने पत्रकारों को अपने हथियार दिखाए। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रविवार को देश से भागने के बाद कहा था कि तालिबान जीत गया क्योंकि आतंकवादी काबुल में घुस आए हैं।
तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान में सत्ता हस्तांतरण के लिए कोई भी अंतरिम सरकार नहीं बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि वे अफगानिस्तान पर पूर्ण नियंत्रण करने जा रहे हैं। अमेरिका के नेतृत्व वाले आक्रमण से सत्ता से बाहर किए जाने के करीब 20 साल बाद तालिबान ने अफगानिस्तान पर दोबारा कब्जा किया है। रविवार को विद्रोहियों के काबुल में दाखिल होते ही अशरफ गनी ने अफगानिस्तान छोड़ दिया था। बीते कुछ हफ्तों में तालिबान ने अपने हमले तेज कर दिए थे। अमेरिकी सेना के समर्थन के अभाव में अफगान सुरक्षा बल लगातार घुटने टेक रहे थे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की घोषणा के अनुसार 31 अगस्त तक सभी अमेरिकी सैनिक वापस लौट आएंगे।
तालिबान के दो अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि अफगानिस्तान में सत्ता हस्तांतरण के लिए कोई भी कार्यवाहक सरकार नहीं बनेगी। इस संगठन ने यह भी कहा कि वे पूरी तरह से अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने जा रहे हैं। इस बीच काबुल में तालिबान के घुसने से स्थिति और बिगड़ गई है। कई जगह गोलीबारी की रिपोर्ट भी आईं हैं। हालांकि तालिबान ने कहा है कि वह शांति व्यवस्था बनाने की कोशिश कर रहा है।
तालिबान ने बगराम एयरबेस पर भी अपना कब्जा जमा लिया है। बताया जा रहा है कि इस एयरबेस की सुरक्षा में तैनात अफगान सेना ने तालिबान आतंकियों के सामने सरेंडर कर दिया है। इस एयरबेस पर बड़ी संख्या में कैदी भी रखे गए हैं। कभी यह एयरबेस अफगानिस्तान में अमेरिका का सबसे बड़ा सैनिक ठिकाना हुआ करता था। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख मुल्ला अब्दुल गनी बरादर काबुल आ चुका है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब्दुल गनी बरादर अफगानिस्तान का नया राष्ट्रपति बन सकता है।
तालिबान के सह-संस्थापकों में से एक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख है। इस समय वह तालिबान के शांति वार्ता दल का नेता है, जो कतर की राजधानी दोहा में एक राजनीतिक समझौते की कोशिश करने का दिखावा कर रहा है। मुल्ला उमर के सबसे भरोसेमंद कमांडरों में से एक अब्दुल गनी बरादर को 2010 में दक्षिणी पाकिस्तानी शहर कराची में सुरक्षाबलों ने पकड़ लिया था लेकिन बाद में तालिबान के साथ डील होने के बाद पाकिस्तानी सरकार ने 2018 में उसे रिहा कर दिया था।