मौसम के दो रंग: 10 जिलों में सूखे के हालात, 6 में मचा जल तांडव

भोपाल
मौसम के प्रदेश में दो रंग देखने को मिल रहे हैं। एक ओर 29  जिलों में 27 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है। इसमें 5 जिलों में अतिवृष्टि एवं बाढ़ के हालात निर्मित हैं। वहीं, 22 जिलों में सामान्य से भी कम माइनस 7 फीसदी बारिश हुई है। यहां अभी भी बारिश का इंतजार है। मौसम विज्ञान केंद्र ने बारिश के आंकडेÞ जारी कर बताया कि अभी तक प्रदेश के 22 जिलों में कोटे से कम माइनस में बारिश हुई है। इसमें सबसे कम 40 फीसदी बारिश बड़वानी एवं दमोह जिले में हुई है।

श्योपुर, शिवपुरी, अशोकनगर, गुना, राजगढ़ और सिंगरौली में सामान्य से 73% से लेकर 163% तक पानी ज्यादा गिर चुका है। यहां पर बीते एक सप्ताह में उतना पानी गिर चुका है, जितना एक जून से लेकर 31 जुलाई तक गिरा था। इसी कारण इन इलाकों में बाढ़ के हालत बन गए।

अभी की स्थिति में  धार, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, पन्ना, दमोह, कटनी, जबलपुर, सिवनी और बालाघाट में सामान्य से कम बारिश हुई है। कुछ दिन बारिश नहीं होती है, तो इंदौर, छिंदवाड़ा, झाबुआ, हरदा, होशंगाबाद और खंडवा रेड जोन में आ सकते हैं।  यहां अब तक सामान्य से 10 से लेकर 19% तक पानी कम गिरा है।

राहत की बात इंदौर के लिए है कि यहां अब धीमी रफ्तार से ही सही मानसून पटरी पर लौटता दिख रहा है। अभी भी वहां बारिश का कोटा पूरा होने के लिए करीब 20% पानी की दरकार है। मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि भोपाल की स्थिति सामान्य है, लेकिन जबलपुर में हालत चिंताजनक हो गए हैं।

दतिया जिले में फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। शिवपुरी के डैम से पानी छोड़े जाने के बाद रविवार को सिंध नदी का जल स्तर एक बार फिर से तेजी से बढ़ा। जिले के लांच इलाके में सिंध नदी का जल स्तर करीब करीब 8 फीट तक बढ़ गया। अगर जल स्तर थोड़ा और बढ़ा तो पानी सड़क के पार निकल जाएगा। इसे लेकर गांव वाले फिर डर गए हैं। अंडोरा सहित कुछ गांव के लोग घरों की ओर लौटने लगे थे, लेकिन अब वे चिंता में पड़ गए हैं।

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