“बिटिया भइल पराई” सफल पारम्परिक गीतों की रचना…. साहित्य में लगाव बचपन से ही… मधुरिमा (गरिमा अनिरुद्ध सिंह)

संक्षिप्त परिचय

नाम- गरिमा अनिरुद्ध सिंह
साहित्यिक नाम – मधुरिमा
पिता का नाम- श्री सुरेन्द्र प्रताप सिंह
माता का नाम- श्रीमति प्रेमबला सिंह
जन्म – 15 अगस्त सन1986
जन्मस्थान- ज्ञानपुर संत रविदास नगर (भदोही)उत्तर प्रदेश
पिता जी सरकारी नौकरी में थे तो शिक्षा कभी स्थाई नही रही। अलग अलग जगहों से पढ़ाई पूरी हुई, प्रारंभिक शिक्षा- 1से 5 तक ज्ञानपुर के ही नर्सरी स्कूल में हुई| 6 से 8 तक और बाकी हाई स्कूल और इंटरमीडिएट भदोही जिले के ही नेता जी राजनारायण इंटर कॉलेज सरवतखानी से 2003 में पूरी हुई औऱ आगे की शिक्षा ज्ञानपुर स्थित काशीनरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय से हुई । 2008 में एम0ए0- प्राचीन इतिहास से करने के पश्चात परिवार में ही रहकर अध्ययन करती रही। काफी समय तक परिवार में रहने के बाद पति के साथ 2009मे गुजरात के सूरत आने का अवसर मिला।
यहां आकर प्राइवेट स्कूलों में और घरेलू ट्यूशन आदि में पढ़ाने का अवसर मिला। साथ ही साथ खुद को भी तरासने का अवसर मिला। साहित्य में लगाव बचपन से ही था । कविताएं, कविगोष्ठी, गीत ,संगीत हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहा मेरे लिए | बचपन से ही माँ के साथ पारम्परिक गीतों को गाने और नए-नए गीत बनाने में पारंगत थी।
उनदिनों मनोरंजन का यह भी एक माध्यम था। काफी दिनों बाद सोशल मीडिया पर आकर अपने हुनर को तरासने का मौका मिला और सन 2018में डॉक्टर अर्पण जैन अविचल जी ने पहली बार मेरी कविता मैं स्त्री हूँ को अपने ऑनलाइन पोर्टल पर प्रकाशित किया ।  तब से लगातार कई अखबारों से जुड़ती रही |

कविताएं, लेख,लघुकथा, लिखी रचना को प्रकाशित किया
वर्तमान अंकुर , खबरें पूर्वांचल, जनसत्ता, दैनिक दर्पण अपराधों की दुनियां, हलचल ,नवीन कदम
मरुकाव्य संकलन , जन सुराज,अन्तरशब्द शाब्दिक, हमारा मेट्रो ,लोकपथ ,विजय दर्पण टाईम्स, कर्मकसौटी ,आखर भोजपुरी जैसे अनेकों अखबारों और पत्रिकाओं के लिए लिखने का अवसर मिला।
आगे चलकर गीत संगीत में भी काफी कुछ करने का अवसर मिला |
कई सफल गीत टी सीरीज ,टी .एफ,वेब,रिच म्यूजिक,और अन्य कम्पनी से भी करने का अवसर मिला।

आपका चर्चित गीत-
माँ पहली बार आया हूँ, देश के दीवाने,राम नाम गुणगान करो,माँ तेरे प्यार की कहानी,जाना बहुत जरूरी है,
शीतला भवानी,इंतजाम हो जाये,सातो बहिना,दिल मांगे मोदी,छठ की महिमा,जय भवानी,बिटिया भइल पराई
बहिन इंतजार करे ले,बैरन रेलिया ,बरसाने आ जाना जैसे कई हिन्दी और भोजपुरी गीत लिखने का अवसर मिला हैं ।
आगे भी बहुत से गीतों पर काम कर रही है|  जल्दी सभी के बीच और भी बेहतरीन गीत लेकर आउंगी आप सभी सुधीजन ,स्रोताओं और श्रेष्ठ जनों का आशीर्वाद यूँ ही बना रहे यही कामना करती हूं।

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