एनएमडीसी ने उड़ीसा में लौह अयस्क खनन प्रारंभ करने के लिए एनआईएनएल की सहायता की

हैदराबाद |

भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक एनएमडीसी ने उड़ीसा में खनन प्रचालन शरू करने के लिए नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल ) को तकनीक एवं वित्तीय सहायता प्रदान की है। मिथिरदा खान ब्लॉक में एनआईएनएल लौह अयस्क खानों का प्रचालन आज फिर से शरू हो गया है। उद्घाटन समारोह में  सुमित देब सीएमडी एनएमडीसी,   पीके सतपथी निदेशक उत्पादन एनएमडीसी, आरके झा एमडी एनआईएनएल और एनएमडीसी तथा वाणिज्य और दीपम
एनआइएनएल के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया । एनआईएनएल ने इस्पात मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय और दीपम  के तत्वावधान में  एनएमडीसी से सहायता के लिए सम्पर्क किया । उड़ीसा राज्य में उच्च श्रेणी के लौह अयस्क के आपूर्ति में तेजी लाने हेतु हेतु एनएमडीसी ने एनआईएनएल को सहायता प्रदान करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
किए । एनआईएनएल जो एनएमटीसी, आईपीआईसीओएल, ओएमसी, एनएमडीसी और अन्य की सयुक्त  उद्यम
कंपनी है जिसने उड़ीसा में जाजपर के डबरी क्षेत्र में 1.1 एमटीपीए की क्षमता वाले एकीकृत इस्पात संयत्र की स्थापना की है |

कंपनी द्वारा जनवरी 2017 में लौह अयस्क के कैप्टिव उत्पादन के लिए खनन पट्टे का अधिग्रहण किया गया था । एनआइएनएल को राज्य में लौह अयस्क उत्पादन बढ़ाने और कंपनी के खर्चों को पूरा करने के लिये दो वर्षों के लिये प्रति वर्ष दस लाख टन लौह अयस्क की व्यापारिक बिक्री अनुमति प्राप्त हुई ।

सुमित देब सीएमडी एएनएमडीसी ने इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एनआईएनएल द्वारा लौह अयस्क खनन से न केवल राज्य में अयस्क की कमी दूर होगी बल्कि एनआईएनएल की वित्तीय समस्याओं को दूर करने में भी काफी मदद मिलेगी । एनआईएनएल के इस नए प्रयास में एनएमडीसी अपना पूर्ण सहयोग प्रदान कर रहा है ।

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