कश्मीरी लहसुन के स्वास्थ्य लाभ, लहसुन के मुकाबले 7 गुना ज्यादा पॉवरफुल

आप सभी लहसुन के बारे में तो जानते ही होंगे। लेकिन क्या कभी हिमालयन लहसुन के बारे में सुना या पढ़ा है। हालांकि, लहसुन का यह प्रकार बहुत ज्यादा पॉपुलर नहीं है, लेकिन यह दुनिया की सबसे शक्तिशाली जड़ी-बूटियों में से एक है। इसे कश्मीरी लहसुन या पोथी लहसुन के नाम से भी जाना जाता है। सामान्य लहसुन के उलट हिमालयन या कश्मीरी लहसुन में एक कली होती है।

इसमें एलिन और एलिनाज नाम के दो यौगिक होते हैं, जो आपस में मिलकर एलिसिन नाम के यौगिक का निर्माण कर लेते हैं। इस योगिक के कारण ही इसकी गंध तीखी होती है। देखा जाए, तो हिमालयन लहसुन सादा लहसुन से लगभग सात गुना ज्यादा पॉवरफुल होता है। 

​पोषक तत्वों से भरपूर है कश्मीरी लहसुन
हिमालयन, कश्मीरी या पोथी लहसुन पोषक तत्वों से भरपूर है। इसमें मैंगनीज, विटामिन बी-6, , विटामिन सी, सेलेनियम, फास्फोरस , कैल्शियम, विटामिन बी-1 बहुत अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं। जिससे कैंसर, थायरॉइड, अस्थमा, कोलेस्ट्रॉल लेवल में सुधार करने में मदद मिलती है।

कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करे

हिमालयन सिंगल लौंग लहसुन शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के लिए जाना जाता है। शोधों से पता चला है कि यह लहसुन मानव शरीर में लगभग 20 मिग्रा डीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड लेवल को कम कर सकता है। लहसुन की 3 से 4 कली को छीलकर सुबह खाली पेट खाने से बढ़ा हुआ कोलेस्ट्राल अपने आप कम हो जाएगा।

​सर्दी -खांसी ठीक करे
वैज्ञानिकों का मानना है कि हिमालयन लहसुन का नियमित रूप से सेवन करने पर सर्दी और खांसी होने के जोखिम को 50 प्रतिशत से ज्यादा कम किया जा सकता है। साथ ही इसे खाने से अन्य बीमारियों से संक्रमित होने की संभावना भी बहुत कम हो जाती है। दरअसल, इसमें मौजूद एलिसिन नामक यौगिक सर्दी खांसी को जड़ से मिटाने का काम करता है। राहत के लिए लहसुन की दो कुचली हुई कलियों को एक गिलास पानी के साथ लेना चाहिए। सर्दी और खांसी को ठीक करने का यह बेहतरीन नुस्खा है।

कैंसर से लड़ने में मदद करे
लहसुन में स्वभाविक रूप से डायलिल ट्रायसल्फाइड नामक एक ऑर्गनोसल्फर यौगिक होता है। यह शरीर के भीतर मौजूद कैंसर सेल्स को मारने में मदद करके कैंसर से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलिना के रिसर्चर्स ने पाया है कि जो मरीज हिमालयन या कश्मीरी लहसुन का सेवन करते हैं, उनमें कैंसर होने की संभावना 66.67 फीसदी कम हो जाता है।

इस मामले में नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट का कहना है कि लहसुन के नियमित सेवन से विभिन्न प्रकार के कैंसर का खतरा 50 फीसदी कम हो जाता है। इसकी वजह है कि इसमें पाया जाने वाला सल्फर यौगिक। यह शरीर में कैंसर सेल्स से लडऩे में बहुत मददगार साबित होता है।

​डायबिटीज से लड़े
कहने को तो डायबिटीज वालों के लिए एक से बढ़कर एक घरेलू नुस्खे हैं। जिन पर अगर अमल किया जाए, तो इस बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है। लेकिन डायबिटीज में हिमालयन लहसुन कितना कारगार नुस्खा है, इस बारे में लोगों को कम ही जानकारी है। रिसर्चर्स ने पाया है कि अगर इस लहसुन की 2-3 कलियों को खाने से ब्लड शुगर लेवल को कम करने और नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

​हार्ट डिसीज और हाई ब्लड प्रेशर को ठीक करे
हिमालयन लहसुन दो तरह से हृदय रोग को ठीक करने में मदद करता है। एक तो यह शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्राल और ट्राइग्लिसराइड को कम करता है। अध्ययनों के अनुसार, लहसुन का सेवन करने वाले रोगियों में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड 20 प्रतिशत कम होते हैं। दूसरा यह खून के घनत्व को कम करके प्लाक और क्लॉट को बनने से रोकता है। वैज्ञानिकों ने इस बात को माना है कि नियमित रूप से लहसुन का सेवन करने वाले मरीजों में ब्लड क्लॉट का खतरा 83 प्रतिशत तक कम हो जाता है।

हाई ब्लड प्रेशर के मामले में हिमालयन लहसुन का सेवन मसल्स को रिलेक्स करता है, जिससे ब्लड प्रेशर में कमी आती है। लहसुन में पाया जाने वाला हाइड्रोजन सल्फाइड नामक यौगिक बॉडी में सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए जिम्मेदार है।

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