तालिबान के भी नहीं थी जीत की उम्मीद, लोगों की भलाई के लिए काम करने को बताया समूह की असली परीक्षा

काबुल
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर जा चुके हैं और तालिबान ने काबुल पर कब्जे की घोषणा कर दी है। तालिबानी लड़ाके राष्ट्रपति महल के अंदर घुसकर मीडिया को संबोधित कर रहे हैं। अमेरिकी सेना द्वारा सत्ता से बाहर किए जाने के 20 साल बाद तालिबान दोबारा अफगानिस्तान पर काबिज हुआ है। इसका बड़ा कारण अमेरिकी सैनिकों की वापसी और कमजोर पड़ चुके अफगान सैनिक हैं। रविवार को काबुल में घुसने के बाद देर रात को तालिबान के सबसे वरिष्ठ अधिकारियों में से एक ने घोषणा करते हुए कहा कि अफगान सरकार पर 'आंदोलन' की जीत एक 'बड़ी कामयाबी' है।

रविवार देर रात को जारी एक वीडियो संदेश में तालिबान के राजनीतिक ब्यूरो के मुखिया और समूह के सह-संस्थापकों में से एक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने काबुल पर कब्जे को 'अप्रत्याशित जीत' बताया। बरादर ने कहा, 'एक हफ्ते के भीतर देश के सभी बड़े शहरों पर कब्जा कर लिया गया। यह बेहद तेज और अद्भुत था।' बरादर ने स्वीकार किया, 'हमें इस तरह सफल होने की उम्मीद नहीं थी लेकिन ईश्वर हमारे साथ था।'

वीडियो मैसेज में बरादर ने कहा कि असली परीक्षा अब शुरू होगी क्योंकि तालिबान लोगों की उम्मीदों को पूरा करने और उनकी समस्याओं को हल करने के लिए काम करेगा। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि बरादर अफगानिस्तान में तालिबान का नेतृत्व करेगा या नहीं। रविवार को तालिबान के काबुल में दाखिल होने के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया। खबरों की मानें तो वह खून-खराबे से बचने के लिए उज्बेकिस्तान भाग गए हैं।

बरादर के मैसेज के बाद तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने कतर स्थित अल जजीरा न्यूज चैनल को बताया कि अफगनिस्तान में अब युद्ध खत्म हो चुका है। प्रवक्ता ने कहा कि समूह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आश्वस्त कर सकता है कि वह अफगान नागरिकों और राजनयिक मिशनों को सुरक्षा मुहैया कराएगा। समूह के प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा, 'हम सभी अफगान हस्तियों के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं और उन्हें आवश्यक सुरक्षा की गारंटी देंगे।'

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख मुल्ला अब्दुल गनी बरादर काबुल आ चुका है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब्दुल गनी बरादर अफगानिस्तान का नया राष्ट्रपति बन सकता है। तालिबान के सह-संस्थापकों में से एक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख है। इस समय वह तालिबान के शांति वार्ता दल का नेता है, जो कतर की राजधानी दोहा में एक राजनीतिक समझौते की कोशिश करने का दिखावा कर रहा है। मुल्ला उमर के सबसे भरोसेमंद कमांडरों में से एक अब्दुल गनी बरादर को 2010 में दक्षिणी पाकिस्तानी शहर कराची में सुरक्षाबलों ने पकड़ लिया था लेकिन बाद में तालिबान के साथ डील होने के बाद पाकिस्तानी सरकार ने 2018 में उसे रिहा कर दिया था।

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