दुर्ग.
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जिले की शहरी क्षेत्र में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए आज कार्यस्थल पर तनाव प्रबंधन को लेकर प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य महिला एवं बाल विकास विभाग के दुर्ग शहरी परियोजना क्षेत्र में कार्यरत 40 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मानसिक स्वास्थ्य के साथ तनाव मुक्त माहौल बनाने के बारे में अवगत कराया गया। इस प्रशिक्षण शिविर का आयोजन जिला नोडल अधिकारी डॉ. आर.के. खंडेलवाल और स्पर्श क्लीनिक प्रभारी मनोचिकित्सक डॉ. आकांक्षा गुप्ता दानी के मार्गदर्शन में किया गया।
इस अवसर पर प्रशिक्षण देते हुए साइकोलॉजिस्ट रानू नायक ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बताया, “तनाव जीवन के सुनहरे पलों को जीने नहीं देता है। तनाव कम करने के लिए कार्यस्थल और परिवार के लोगों के मध्य बातचीत के करना चाहिए।साइकोलॉजिस्ट ने तनाव के लक्षण और प्रबंधन के बारे में टिप्स देते हुए जानकारी दी। कार्य स्थल में क्षमता से अधिक कार्यभार से तनाव शुरु होते हैं। इसलिए क्षमता से अधिक कार्य को स्पष्ट रुप से इंकार करते हुए मना कर देना चाहिए। कार्य स्थल में तनाव होने का असर निजी जीवन पर भी दिखता है। तनाव की वजह से सर दर्द, बीपी व शुगर बढना, कार्य क्षमता प्रभावित होना और धीरे-धीरे कार्य के प्रति रुचि कम हो जाता है। तनाव होने के कारण, इसके दुष्परिणाम, बचाव के उपाय तथा प्रेजेंटेशन के माध्यम से उपस्थित प्रतिभागियों को जानकारी दी गयी। तनाव प्रबंधन के लिए उपस्थित प्रतिभागियों को समय प्रबन्धन करना, कार्यस्थल एवं दिनचर्या में सामंजस्य बिठाना, स्वयं का ध्यान रखना, भोजन, व्यायाम, स्लीप हाइजीन, व्यायाम, सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना, स्वयं के शक्ति/कमज़ोरी को पहचानना, युक्ति से कार्य करना, लम्बे कार्य के समय में मिनी ब्रेक लेना आदि महत्वपूर्ण टिप्स दिए।”
साइकोलॉजिस्ट रानू नायक ने बताया,”हमें काम के साथ-साथ मनोरंजन और खेलकूद की गतिविधियों में भी बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए जिससे तनाव को कम करने में मदद मिलती है। परिवार एवं परिवार के बाहर भी खुशनुमा माहौल बनाने का प्रयास करना चाहिए जिससे अन्य लोगों को भी खुशी मिल सके। जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई के स्टाफ सोशल वर्कर हर्ष प्रकाश जमौर्य व साइकेट्रिक नर्स हिमरानी साहू द्वारा मनोवैज्ञानिक तरीके से तनाव प्रबंधन को कम करने के लिए गुब्बारे फुलाकर गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस गतिविधि के माध्यम से यह संदेश देना था कि इस प्रकार हम तनाव को कार्यस्थल पर बेहतर तरीके से प्रबंधन कर सकते हैं। कार्यक्रम के अंत में तनाव / मानसिक स्वास्थ्य संबंधी विवरणिकाओं का वितरण किया गया।