बस्तर जिले में कोल्ड चैन हैंडलर का हुआ एक दिवसीय प्रशिक्षण….ई-विन एप के नए संस्करण पर दी गयी जानकारी

जगदलपुर. 

स्वास्थ्य विभाग की ओर से नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत ईविन ( इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क ) के नये संस्करण पर जिले के कोल्ड चैन हैंडलर के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें बस्तर जिले के कुल 41 कोल्ड चैन पॉइंट से सभी हैण्डलर सहित 58 लोग उपस्थित रहे। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य वैक्सीन के कोल्ड चैन पॉइंट के रखरखाव, तापमान और ऑनलाइन निगरानी को मजबूत करना ।

इस सम्बन्ध में सीएमएचओ डॉ.डी.राजन ने बताया, ‘’यूएनडीपी के सहयोग से आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण में नियमित टीकाकरण के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली वैक्सीन सबंधी सभी आवश्यक जानकारी प्रदान की गई। प्रशिक्षण में समस्त विकासखंड से आये कोल्ड चैन हैंडलर्स को, वैक्सीन एवं लॉजिस्टिक की ऑनलाइन एंट्री ई-विन के नये एडवांस एडिशन में किये जाने की प्रक्रिया बताई गई। जिसमें उनके द्वारा वैक्सीन के रखरखाव, तापमान निगरानी, वैक्सीन स्टॉक, वैक्सीन वेस्टेज रोकने और वैक्सीन रूम या कोल्ड चैन के तापमान सहित वैक्सीन की उपलब्ध मात्रा की 24 घंटे ऑनलाइन निगरानी की जाएगी। इसके साथ ही वैक्सीन एंट्री की ऑनलाइन व्यवस्था की जानकारी विस्तार पूर्वक दी गई।”

यूएनडीपी के प्रोजेक्ट ऑफिसर डॉ. गौरीशंकर पति ने बताया, “ईविन मोबाइल एप्लिकेशन से सभी कोल्ड चेन में उपलब्ध वैक्सीन की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जा रही है और गुणवत्ता पर भी नजर रखी जा रही है। जिले में सभी सीएचसी, पीएचसी एवं जिला मुख्यालय पर कुल 41 कोल्ड चैन पॉइंट हैं। वैक्सीन के रखरखाव और सही तापमान की निगरानी के लिए आईएलआर में टेंपरेचर लॉगर लगा है। जिनके माध्यम से ऑनलाइन तापमान की निगरानी की जाती है। वैक्सीन के सुरक्षित भंडारण के लिए नियत तापमान की जरूरत होती है जिसमें कमी या वृद्धि के कारण टीके के खराब होने की आशंका रहती है, लेकिन कोल्ड चेन में नियत तापमान में कमी या वृद्धि होने पर अलार्म बजने लगता है साथ ही इसकी सूचना एप के जरिये कोल्ड चेन प्रबंधक से लेकर जिला टीकाकरण अधिकारी एवं यूएनडीपी के राज्य एवं जिला अधिकारी को भी प्राप्त हो जाती है।”

आईएलआर में रखे जा रहा टीके

जिले के सभी कोल्ड चैन केन्द्रों में टीके रखने के लिए आईएलआर (आइस लाइन्ड रेफ्रीजिरेटर) में सेंसर लगाए हुए हैं। ऐसे में आईएलआर के बंद या खराब होने पर इसकी जानकारी संबंधित स्टाफ के पास चली जाती है। फ्रीज का तापमान +2 से +8 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा या कम होने पर मोबाइल से मैसेज या अलार्म बजने लगता है। ऐसे में तुरंत स्टाफ जाकर चेक करता है और उसे खराब होने से बचा लिया जाता है।

एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर. डी. राजन, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर सी.आर.मैत्री, डीपीएम अखिलेश शर्मा, डीडीएम कुँवरदीप मरकाम , जिला कोल्ड चैन एवम लाजिस्टिक मैनेजर आशू पोद्दार, UNDP से प्रोजेक्ट ऑफिसर गौरीशंकर पति और सभी कोल्डचैन हैण्डलर उपस्थित रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here