माकपा राज्य सम्मेलन : जोगेंद्र शर्मा – संगठन विस्तार और जन संघर्ष की वामपंथ को आगे बढ़ाने की कुंजी…..संजय पराते पुनः सचिव निर्वाचित

कोरबा

“जन संघर्षों को संगठित किये बिना संगठन का निर्माण नहीं किया जा सकता और और बिना संघर्ष के संगठन भी नहीं बनाया जा सकता। संगठन जितना मजबूत होगा, जन संघर्षों के विस्तार भी उतनी ही तेजी से होगा। छत्तीसगढ़ में माकपा और वामपंथ को मजबूत करने की यही कुंजी है। यही वह रास्ता है, जिससे माकपा को छत्तीसगढ़ के राजनैतिक नक्शे पर स्थापित किया जा सकता है।” ये बातें माकपा के 7वें राज्य सम्मेलन का समापन करते हुए पार्टी के केंद्रीय समिति सदस्य और छत्तीसगढ़ प्रभारी जोगेंद्र शर्मा ने कही।

अपने संबोधन में उन्होंने प्रदेश में बड़े पैमाने पर जन संगठनों के विस्तार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारे जन संगठनों का चरित्र ऐसा होना चाहिए कि आम जनता का हर तबका बिना किसी डर के संगठन में काम कर सके। आज हमारी गरीब जनता उदारीकरण और निजीकरण की जिस चक्की में पिस रही है, उसके खिलाफ लड़ने के लिए योजनाबद्ध ढंग से संघर्ष विकसित करने की जरूरत है। भूविस्थापन, वनाधिकार, मनरेगा, आदिवासियों पर दमन आदि जिन मुद्दों को हमने चिन्हित किया है, इनमें से हर समस्या अखिल भारतीय मुद्दे से जुड़ती है। इसलिए इन स्थानीय मुद्दों पर आयोजित संघर्षों की धमक दूर तक जाती हैं। उन्होंने इन मुद्दों पर संघर्षों को निरंतरता में आयोजित करने और उसे सकारात्मक नतीजों तक पहुंचाने पर जोर दिया।

इसके पहले सम्मेलन ने माकपा सचिव संजय पराते द्वारा पेश रिपोर्ट को सम्मेलन में उपस्थित प्रतिनिधियों ने बहस और उनके जवाब के बाद पारित किया, जिसमें प्रदेश के राजनैतिक-सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को सामने रखते हुए आने वाले दिनों में पार्टी संगठन और आंदोलन विस्तार की रणनीति पेश की गई थी।

सम्मेलन ने आगामी तीन सालों के लिए 23 सदस्यीय राज्य समिति का भी चुनाव किया, जो इस प्रकार है : संजय पराते (सचिव), एम के नंदी, बी सान्याल, धर्मराज महापात्र, वकील भारती, बाल सिंह, डीवीएस रेड्डी, समीर कुरैशी, प्रदीप गभने, एस सी भट्टाचार्य, प्रशांत झा, एस एन बनर्जी, वी एम मनोहर, ऋषि गुप्ता, कृष्ण कुमार लकड़ा, पी एन सिंह, ललन सोनी, सुरेन्द्रलाल सिंह, इंद्रदेव चौहान, आर वी भारती और धनबाई कुलदीप, विशेष आमंत्रित सदस्य — गजेंद्र झा।

अप्रैल में पार्टी के केरल में होने जा रहे आगामी महाधिवेशन के लिए भी चार प्रतिनिधियों का चुनाव किया गया, जो इस प्रकार है : संजय पराते, एम के नंदी, धर्मराज महापात्र, प्रशांत झा, वैकल्पिक प्रतिनिधि : सुरेन्द्रलाल सिंह, समीर कुरैशी।

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