आरओ/एआरओ मतगणना पर्यवेक्षक व सहायकों को दिया गया मतगणना का प्रशिक्षण

एक से अधिक कंट्रोल यूनिट होने की स्थिति में दोनों मशीनों की गणना उसी राउंड में एक ही टेबल पर होगी प्रत्याशियों, अभिकर्ताओं, गणना सहायकों सहित सभी को कंट्रोल यूनिट से रिजल्ट दिखायेंगे गणना सुपरवाईजर

मतगणना
आरओ/एआरओ मतगणना पर्यवेक्षक व सहायकों को दिया गया मतगणना का प्रशिक्षण

रायपुर 28 नवंबर | भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए मतगणना 03 दिसंबर को सेजबहार स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज में सुबह 08 बजे से किया जायेगा। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के मार्गदर्शन में पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के कला संकाय कक्ष में आज मतगणना के लिए नियुक्त मतगणना पर्यवेक्षक एवं गणना सहायकों को जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनरों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।

प्रशिक्षण में बताया गया कि मतगणना के समय सावधानीपूर्वक कंट्रोल यूनिट में प्रदर्शित रिजल्ट प्रत्याशियों अभिकर्ताओं, गणना सहायकों को दिखाये। गणना सहायक ईव्हीएम में प्रदर्शित परिणाम को क्रमांकवार प्रारूप 17 सी के भाग दो में सावधानीपूर्वक भरेंगे। गणना सहायकों को निर्देशित किया गया कि वे परिणाम को सही एवं सावधानीपूर्वक प्रपत्र में भरेंगे। उन्हें अपने निर्धारित टेबल पर ही रहने के निर्देश दिये गये। इस अवसर पर कलेक्टर एवं  जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ सर्वेश्वर भुरे और जिला पंचायत सीईओ अबिनाश मिश्रा उपस्थित थे।

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मास्टर ट्रेनर्स डॉ अजीत हुंडेट एवं राकेश डेढगवे नेे बैलेट यूनिट से मतगणना करने की बारीकियों से लेकर आवश्यक प्रपत्र भरने तथा किसी प्रकार की त्रुटियां सामने आने पर उसके समाधान में आवश्यक जानकारी दी गई। उन्हांेने बताया कि प्रत्येक टेबल में तीन कर्मचारी मतगणना सुुपरवाइजर, मतगणना सहायक, तथा माइक्रो ऑब्जर्वर होंगे। सर्वप्रथम डाक मतपत्रों की गिनती होगी। उसके पश्चात ईव्हीएम से प्राप्त वोटों की गिनती रिटर्निंग अधिकारियों की घोषणा उपरांत प्रारंभ की जायेगी। सर्वप्रथम टेबल में कंट्रोल यूनिट लाया जायेगा तथा मतपत्र लेखा भाग-दो अलग से दो प्रतियों में दिया जाएगा। उसके पश्चात कंट्रोल यूनिट में लगे सील की जांच कर उसे खोलेंगे।

इसके पश्चात टोटल बटन दबायेंगे। ईवीएम में प्रदर्शित टोटल मतदान को मतपत्र भाग-1 से मिलान किया जाएगा। तत्पश्चात रिजल्ट का बटन दबाया जाएगा। ईवीएम में प्रदर्शित परिणाम को टेबल पर उपस्थित अभिकर्ता को दिखाया जाएगा।

प्रशिक्षण में बताया गया कि डाकमत पत्र की गणना प्रारंभ होने के 30 मिनट बाद मशीन से गणना की शुरुआत की जा सकती है। प्रत्येक राउंड में सभी 14 टेबल पर क्रमशः मतदान केंद्र क्रमांक 1 से शुरू करते हुए मशीन लाई जाएगी। यह भी बताया गया कि यहां मशीन से तात्पर्य केवल कंट्रोल यूनिट से है गणना कक्ष में बैलट यूनिट नहीं लाया जाए। प्रत्येक टेबल पर चेक लिस्ट के रूप में हर राउंड में मिलने वाले मशीनों के केंद्र क्रमांक पहले से लिखकर रख गए होंगे स्वयं को मिलने वाली मशीनों का मिलन इस चेकलिस्ट से कर ले।

प्रशिक्षकों ने बताया कि यदि किसी मतदान केंद्र पर किन्हीं कारणों से एक से अधिक कंट्रोल यूनिट का उपयोग किया गया है तो उन दोनों मशीनों की गणना उसी राउंड मैं एक ही टेबल पर की जाएगी। सहायक मतदान केन्द्रों को स्वतंत्र मतदान केन्द्र मानते हुए अलग टेबल आबंटित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक राउंड में मिली मशीनों की जांच कर उसके सही होने की पुष्टि करें। कुछ स्थानों पर मशीन बदली गई होंगी तो, समानता तैयार सूची में इन केंद्रो की मशीन क्रमांक बदले जाएंगे। फिर भी किसी अंतर की स्थिति में मतपत्र में लिखा दर्ज मशीन का विवरण अंतिम होगा।

उन्होंने बताया कि कंट्रोल यूनिट अपने केयरिंग केस में रखी होगी। जिस पर एड्रेस टैग होगा इसके अलावा कंट्रोल यूनिट पर एड्रेस टैग हरी पत्र मुद्रा और स्पेशल टैग की सील भी होगी। ईव्हीएम से गणना शुरू होने के पश्चात उसके प्रविष्टी मतपत्र लेखा का भाग-2 में की जाएगी। यह दो कार्बन प्रति में तैयार होगी। अभ्यर्थियों/अभिकर्ताओं के हस्ताक्षर लेने के बाद एक प्रति गणना पत्रक (प्रपत्र-20) तैयार करने के लिए भेजी जाएगी। साथ ही दूसरी प्रति से छायाप्रति बनाकर अभ्यर्थियों/अभिकर्ताओं को दी जाएगी। गणना पर्यवेक्षक इस दूसरी प्रति को अपने पास रखेंगे, सभी चक्रों की गणना पूरी हो जाने के बाद सभी दूसरी प्रतियों को एक लिफाफे में रख कर आरओ को सुपुर्द करेंगे। प्रशिक्षण के दौरान जिला पंचायत एडिशनल सीईओ हरिकृष्ण जोशी, जिला शिक्षा अधिकारी हिमांशु भारती और रोजगार अधिकारी केदार पटेल उपस्थित थे।

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