Uttarakhand : सीएम धामी ने नए जिले बनाने के दिए संकेत, कहा- जनप्रतिनिधियों से लेंगे सुझाव

देहरादून

प्रदेश सरकार नए जिले बनाने के प्रस्ताव पर विचार करेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द सभी जनप्रतिनिधियों से चर्चा करेगी। मालूम किया जाएगा कि नए जिलों की वास्तव में कहां आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में नए जिलों की मांग काफी लंबे समय से चली आ रही है। सरकार यह पता लगाएगी कि उत्तराखंड में कहां-कहां जिलों का पुनर्गठन हो सकता है। वास्तव में कहां नए जिलों की आवश्यकता है। इसके लिए समस्त जनप्रतिनिधियों से चर्चा करेंगे और इस पर आगे बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद नए जिले बनाने की मांग का मुद्दा गरमा गया है। प्रदेश भाजपा ने

मुख्यमंत्री के बयान का समर्थन किया है, लेकिन कांग्रेस ने इसे शिगूफा करार दिया है।

नए जिलों के लिए बना है पुनर्गठन आयोग

राज्य में नए जिले बनाने के लिए प्रदेश सरकार के स्तर पर एक जिला पुनर्गठन आयोग अस्तित्व में है, लेकिन आयोग बहुत सक्रियता से काम नहीं कर रहा है। राजस्व परिषद के अध्यक्ष की अध्यक्षता में गठित इस आयोग की अब तक करीब चार बैठकें हो चुकी हैं।

चार जिलों का प्रस्ताव आयोग के पास

जिला पुनर्गठन आयोग के पास वर्तमान में चार नए जिलों के प्रस्ताव हैं। इनमें पौड़ी जनपद के कोटद्वार, उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री, अल्मोड़ा के रानीखेत और पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट को जिला बनाने का प्रस्ताव विचार के लिए आयोग के पास लंबित है।

भाजपा सरकार ने कर दिया था शासनादेश

वर्ष 2011 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन भाजपा सरकार ने कोटद्वार, यमुनोत्री, रानीखेत और डीडीहाट जिले का शासनादेश जारी कर दिया था, लेकिन सत्ता से भाजपा की विदाई के बाद नए जिलों के गठन का मुद्दा ठंडे बस्ते में चला गया।
मांगे सुझाव तो ढाई दर्जन जिलों की आई मांग
आयोग ने जिलों के पुनर्गठन के लिए सुझाव मांगे थे। जिला पुनर्गठन आयोग के पास बड़ी संख्या में सुझाव पहुंचे। नए जिलों की मांग चार से बढ़कर 35 हो गई थी। आयोग ने इन सभी सुझावों और आवेदनों को संबंधित जिलाधिकारियों को परीक्षण के लिए भेज दिया था।

कांग्रेस राज में बढ़ गए थे जिलों के प्रस्ताव

वर्ष 2016 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार में गैरसैंण, रानीखेत, डीडीहाट, खटीमा, काशीपुर, कोटद्वार, यमुनोत्री, बीरोंखाल और रुड़की को जिला बनाने पर विचार शुरू हो गया था। इसके लिए विधानसभा में सौ करोड़ रुपये का बजट पास कराया गया था।

नए जिलों के गठन से लोगों की मिलेगी सहूलियतें : ऋतु खंडूड़ी

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि नए जिलों के गठन से लोगों को सहूलियतें मिलेंगी। लोगों की आवश्यकता और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए नए जिलों का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने नए जिलों को लेकर जनप्रतिनिधियों से सुझाव लेने की मुख्यमंत्री धामी की पहल को सराहा है।

कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण स्थानीय लोगों की मांग पर कोटद्वार को जिला बनाने की पैरवी कर रही हैं। कई बार सरकार के समक्ष भी इस मामले को उठा चुकी हैं। खंडूड़ी ने कहा कि प्रदेश में कई बड़े जिले हैं, जहां लोगों को अपने काम के लिए जिला मुख्यालय आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। छोटे-छोटे जिले बनने से लोगों को सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही विकास भी होगा। उन्होंने कहा कि कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र का बहुत बड़ा क्षेत्र है। यह क्षेत्र में पौड़ी जिले में आता है। लोगों को अपने काम के लिए जिला मुख्यालय पौड़ी जाना पड़ता है।

मुख्यमंत्री का बयान स्वागतयोग्य है। राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए छोटी प्रशासनिक इकाइयों की आवश्यकता महसूस होती है।
महेंद्र भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा

साल 2011 में भाजपा सरकार ने चार जिलों का शासनादेश जारी किया था, इनकी प्रक्रिया पूरी हो चुकी होगी। इनका गठन कर देना चाहिए, अन्यथा यह शिगूफा ही है।
करन माहरा, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here