जयपुर|Shocking news: राजस्थान से चौंका देने वाला ख़बर सामने आया है । लोकसभा 2024 के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से विभिन्न एजेंसियों द्वारा अब तक पकड़ी गई नशीले पदार्थों , शराब, कीमती धातुओं, मुफ्त बांटी जाने वाली वस्तुओं (फ्रीबीज) और अवैध नकद राशि का आंकड़ा 510 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। वर्ष 2019 में चुनाव आचार संहिता अवधि के दौरान हुई जब्ती से यह आंकडा 992 प्रतिशत अधिक है।
20 दिन में की गई 510 करोड़ रुपये मूल्य की नशीले पदार्थों की गई जब्ती
Shocking news: मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में अलग-अलग एजेंसियों की ओर से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, गत 16 मार्च से अब तक मात्र 20 दिन में की गई 510 करोड़ रुपये मूल्य की नशीले पदार्थों की गई जब्ती वर्ष 2019 में आचार संहिता की 75 दिनों की अवधि में हुई जब्तियों के मुकाबले कहीं अधिक है।
वर्ष 2019 में कुल 51.42 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं, अवैध नकदी एवं शराब आदि वस्तुएं जब्त की गई थी।
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Shocking news: कीमती धातुओं की जब्ती
गुप्ता ने बताया कि इस वर्ष आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक लगभग 28.78 करोड़ रुपये नकद, 57.55 करोड़ रूपये मूल्य की ड्रग्स, लगभग 31.27 करोड़ रुपये कीमत की शराब और 33.10 करोड़ रूपये मूल्य की सोना-चांदी जैसी कीमती धातुओं की जब्ती की गई है। साथ ही, 358.82 करोड़ रुपये कीमत की अन्य सामग्री तथा 95 लाख रुपये से अधिक कीमत की मुफ्त वितरण की वस्तुएं (फ्रीबीज) भी जब्त की गई हैं।
Shocking news: जिला वार आंकड़ों में लगभग 27.84 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं की जब्ती
Shocking news: जिला वार आंकड़ों के अनुसार, सर्वाधिक लगभग 27.84 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं की जब्ती पाली में हुई है। अन्य जिलों में, लगभग 26.63 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती के साथ दौसा दूसरे, 25.42 करोड़ रुपये की वस्तुएं पकड़ कर उदयपुर तीसरे और 23.24 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं से साथ जोधपुर चौथे स्थान पर है। आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक चुरू, झुंझुनू, भीलवाड़ा, जयपुर और नागौर जिलों में भी 20 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की जब्ती की गई है।
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Shocking news: मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि उपरोक्त वस्तुओं के अवैध परिवहन पर कार्रवाई करने वाली कार्यकारी एजेंसियों में राज्य पुलिस, राज्य एक्साइज, नारकोटिक्स विभाग एवं आयकर विभाग प्रमुख हैं। इन जांच एवं निगरानी एजेंसियों और विभागों द्वारा प्रदेश भर में कड़ी निगरानी रखी जा रही है और किसी भी संदेहास्पद मामले पर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।