डी एम इंटर्न्स के साथ जिला कलेक्टर एवं विभिन्न विभागीय अधिकारियों की विकास आधारित बैठक

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डी एम इंटर्न्स के साथ जिला कलेक्टर एवं विभिन्न विभागीय अधिकारियों की विकास आधारित बैठक

बीजापुर,नवीन लाटकर / नक्सल प्रभावित जिला बीजापुर में युवा गतिविधियों एवं विकास की यात्रा को नया मार्ग दिखाने के लिए जिला कलेक्टर राजेन्द्र कुमार कटारा की नई पहल ‘डी एम इंटर्नशिप’ में शामिल हुए युवाओं के साथ हुई प्रथम बैठक। कलेक्टर कार्यालय के सभागार में आयोजित इस बैठक में जिले के विभिन्न विभागों जिसमें महिला एवं बाल विकास, जिला पंचायत, मनरेगा, एनआरएलएम, स्वच्छ भारत मिशन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग , क्रेडा एवं समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं सीईओ जनपद पंचायत उपस्थित थे।

बैठक में सभी डी एम इंटर्न्स ने अपने गाँव के प्रवास के दौरान सरकारी कार्यों को लेकर हुई प्रगति और उस से जुड़ी बाधाओं को अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया, जिसमे संबंधित विभागीय अधिकारियों ने समाधान प्रस्तुत करने में सहयोग किया। इंटर्न्स ने इस दौरान गाँव में हुए सांस्कृतिक, भौगोलिक एवं भाषिक नवीन अनुभूतियों को भी अधिकारियों के साथ साझा किया।

गाँव में अपने प्रवास के दौरान दृष्टि गोचर होने वाली विभिन्न गतिविधियों, विभागों की सफलताओं, नवाचारों आदि के बारे में चर्चा करते हुए इंटर्न्स एवं अधिकारी उत्साहित दिखे। इंटर्न्स के अवलोकनों एवं निष्कर्षों को सभी विभागों ने सकारात्मक रूप से स्वीकार करते हुए उनके सुझाए उपायों को भविष्य की योजनाओं में शामिल करने की सहमति दी। चर्चा में जल संसाधन, आंगनबाड़ी, माहवारी स्वछता, पंचायत, ग्राम सभा, गोंठान, हेल्थ एवं वेलनेस्स सेंटर के साथ ही रोजगार अवसरों के सृजन की बात हुई। बैठक के दौरान जिला कलेक्टर एवं अन्य विभागीय अधिकारियों ने इंटर्न्स को विभिन्न बिंदुओं पर सुझाव भी दिए।

कलेक्टर राजेन्द्र कुमार कटारा ने बताया की यह इंटर्नशिप कार्यक्रम जिला प्रशासन में नागरिकों की सतत भागीदारी, युवाओं में जागरूकता, सरकारी योजना एवं सुविधाओं की उचित लाभार्थियों तक पहुँच एवं ‘सरकार-समाज सहयोग’ को सुनिश्चित करने की दिशा में एक स्वागत योग्य कदम है।

इस इंटर्नशिप की संकल्पना राजेन्द्र कुमार कटारा ने बिलासपुर स्थित श्री गुरु घासी दास केन्द्रीय विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष के साथ मिल कर बनाई। सघन परिचर्चा के बाद विश्वविद्यालयों से प्राप्त आवेदनों में से चयनित आठ आवेदनों को प्रथम चरण में चुना गया। इन आठ विद्यार्थियों को 5 दिवसीय प्रशिक्षण के उपरांत चारों विकासखंडों के विभिन्न पंचायतों में समुदाय में परिवारों के साथ एक माह के लिए रहने एवं जागरूकता हेतु भेजा गया। विकासखंडवार क्रमशः भैरमगढ़ विकासखण्ड के जांगला में- आकृति घृतेष एवं प्रिसकिल्ला लकड़ा, बीजापुर विकासखण्ड के धनोरा में- मौसमी नामदेव एवं समीक्षा पाठक, उसूर विकासखण्ड के अवापल्ली में- शैली राठौर एवं ऋषिका मेश्राम और भोपालपट्टनम विकासखण्ड के मददेड़ में टॉलसटॉय एवं मोहित मार्कण्डे को कार्य एवं अवलोकन हेतु भेजा गया।

इन इंटर्न्स के प्रशिक्षण में विभिन्न जिला अधिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिसमे उप संचालक पंचायत गीत कुमार सिन्हा, डिप्टी कलेक्टर मनोज बंजारे, नारायण गवेल, पीपीआईए श्री सूरज कुमार मिश्र, जिला बाल संरक्षण अधिकारी राहुल कौशिक, प्रशांत यादव, जिला समन्वयक यूनिसेफ शानू बिस्वास, पिरामल फाउंडेशन प्रोग्राम लीडर  मांशु शुक्ला एवं गांधी फ़ेलो अरुण एवं ज़ुबैर शामिल रहे। कार्यक्रम के नोडल के रूप में जिला शिक्षा अधिकारी बलीराम बघेल का विशेष योगदान रहा।

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