CAA: भारत ने सीएए पर अमेरिकी बयान को खारिज किया

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नई दिल्ली| CAA: भारत ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर अमेरिकी विदेश विभाग के बयान को गलत, अनुचित और अपूर्ण जानकारी पर आधारित बताते हुए खारिज कर दिया है। भारत ने कहा कि यह कानून भारत की समावेशी परंपराओं और मानवाधिकारों के प्रति उसकी दीर्घकालिक प्रतिबद्धताओं पर आधारित है।

CAA:विदेश मंत्रालय का सीएए पर बयान

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने नियमित ब्रीफिंग में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA ) पर अमेरिकी बयान का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सीएए भारत का आंतरिक मामला है और यह कानून भारत की समावेशी परंपराओं और मानवाधिकारों के प्रति दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।

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प्रवक्ता ने सीएए के बारे में निम्नलिखित बातें कहीं

  • यह कानून अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को राज्यविहीनता से मुक्ति दिलाता है।
  • यह कानून 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश कर चुके इन अल्पसंख्यकों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है।
  • यह कानून किसी भी नागरिक की नागरिकता नहीं छीनता है और यह भारत के संविधान के अनुरूप है।

CAA: प्रवक्ता ने अमेरिकी बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा

  • यह बयान अपूर्ण जानकारी पर आधारित है और यह भारत की समावेशी परंपराओं और मानवाधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता को नज़रअंदाज़ करता है।
  • सीएए भारत का आंतरिक मामला है और किसी भी देश के लिए हस्तक्षेप करने का विषय नहीं है।
  • भारत इस कानून पर किसी भी देश के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है।

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अमेरिकी विदेश विभाग का बयान

  • अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा था कि वह सीएए के कार्यान्वयन पर नज़र रख रहा है और यह धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए भारत के प्रयासों के विपरीत है।
  • विभाग ने कहा कि वह भारत से इस कानून के प्रभावों पर बातचीत करने के लिए तैयार है।

CAA : प्रवक्ता ने सीएए पर अमेरिकी बयान को खारिज किया

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर अमेरिकी विदेश विभाग के बयान को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि सीएए नागरिकता देने के बारे में है, नागरिकता छीनने के बारे में नहीं।

प्रवक्ता ने सीएए के बारे में निम्नलिखित बातें कहीं

  • यह कानून शरणार्थियों की राज्यविहीनता के मुद्दे का समाधान करता है।
  • यह कानून उन्हें मानवीय गरिमा प्रदान करता है और मानवाधिकारों की रक्षा करता है।
  • यह कानून किसी भी नागरिक की नागरिकता नहीं छीनता है।
  • यह कानून भारत के संविधान के अनुरूप है।

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प्रवक्ता ने अमेरिकी बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा
  • यह बयान गलत, गलत जानकारी वाला और अनुचित है।
  • भारत का संविधान सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है।
  • अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार पर किसी भी चिंता का कोई आधार नहीं है।
  • सीएए को लेकर वोट बैंक की राजनीति नहीं होनी चाहिए।
  • जिन लोगों को भारत की बहुलवादी परंपराओं और क्षेत्र के विभाजन के बाद के इतिहास की सीमित समझ है, उन्हें उपदेश नहीं देना चाहिए।
अतिरिक्त टिप्पणी
  • प्रवक्ता ने कहा कि भारत के भागीदारों और शुभचिंतकों को सीएए के पीछे के इरादे का स्वागत करना चाहिए।
  • उन्होंने कहा कि यह कानून भारत की समावेशी परंपराओं और मानवाधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

विवाद

  • सीएए को लेकर भारत में विरोध प्रदर्शन हुए हैं, कुछ लोगों का कहना है कि यह कानून मुस्लिमों के खिलाफ भेदभाव करता है।
  • भारत सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि यह कानून किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है।

 

 

 

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