Ayurved की इस औषधि का अधिक सेवन है खतरनाक।

त्रिफला लंबे समय से स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक टॉनिक के रूप में प्राचीन आयुर्वेदिक संस्कृति का एक अभिन्न अंग रहा है। ये आयुर्वेद की महाऔषधि है। इसे असंख्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से राहत प्रदान करने में मददगार माना जाता है। त्रिफला तीन फलों, आमलकी (एम्ब्लिका ऑफिसिनैलिस), बिभीतकी (टर्मिनलिया बेलिरिका), और हरीतकी (टर्मिनलिया चेबुला) के कॉम्बिनेशन से बनाया जाता है।

हालांकि, त्रिफला को अधिक मात्रा में लेने से कई तरह के स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं। यहां त्रिफला चूर्ण के 4 दुष्प्रभाव हैं जिन्हें आपको जानना चाहिए।

​पाचन तंत्र (Digestive system) को खराब कर सकता है

त्रिफला एक हल्का रेचक (mild laxative) है और गैस, दस्त, ऐंठन, पेट खराब और कई अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रभाव पैदा कर सकता है। अगर आप अधिक मात्रा में त्रिफला का सेवन कर रहे हैं तो आपको माइल्ड से लेकर गंभीर लक्षणों का शिकार भी हो सकते हैं। यदि आप इन समस्याओं को नोटिस करते हैं, तो अपनी खुराक कम करना या कुछ दिनों के लिए इसे पूरी तरह से बंद करना सबसे अच्छा है।

​प्रेगनेंसी में समस्या पैदा कर सकता है त्रिफला चूर्ण

त्रिफला के अवयवों में से एक हरीतकी (Haritaki) को गर्भवती महिलाओं में गर्भपात (abortions) का कारण माना जाता है। इसके सेवन से गर्भवती महिलाएं कई तरह के हानिकारक प्रभाव से जूझ सकती हैं। हालांकि, त्रिफला के बीच की कड़ी और गर्भवती महिलाओं पर इसके प्रभाव को सही तरीके से समझने के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है।

​दवाओं के साथ रिएक्शन कर सकता है

त्रिफला साइटोक्रोम P450 नामक एक महत्वपूर्ण लिवर एंजाइम (liver enzyme) के समुचित कार्य में समस्या पैदा करता है। इससे दवाओं को ठीक से मेटाबोलाइज करने में समस्या होती है और त्रिफला आपके द्वारा ली जा रही स्टैंडर्ड मेडिसिन्स के साथ रिएक्शन कर सकता है। यह केवल एलोपैथिक दवाओं तक ही सीमित नहीं है।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में पता चला है कि अगर आप डिप्रेशन की दवा लेते हैं और त्रिफला का सेवन करते हैं तो आपको अनिद्रा का शिकार हो सकते हैं।

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​ब्लड प्रेशर को जरूरत से अधिक कम कर सकता है

त्रिफला अपने मधुमेह विरोधी गुणों (anti-diabetic qualities) के लिए लोकप्रिय है। हालांकि, अगर पहले से मधुमेह की दवा लेने वाले लोग त्रिफला का अत्यधिक सेवन करते हैं, तो उनका रक्तचाप खतरनाक रूप से निम्न स्तर तक गिर सकता है। त्रिफला में मौजूद सोर्बिटोल और मेन्थॉल की मात्रा इस प्रभाव का मुख्य कारण है।

जिन लोगों को पहले से ही निम्न रक्तचाप है उन्हें त्रिफला से बचने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि यह इसे और भी कम करता है। मानव शरीर पर त्रिफला के दीर्घकालिक प्रभाव पर ध्यान केंद्रित करने वाले अधिक अध्ययनों को इसके प्रभावों को बेहतर ढंग से समझने की आवश्यकता है।

​सुरक्षित रूप से कैसे करें त्रिफला का प्रयोग?

त्रिफला की उचित खुराक के बारे में अपर्याप्त वैज्ञानिक जानकारी है, लेकिन कुछ सूत्रों का सुझाव है कि आदर्श रूप से, एक व्यक्ति को 500 मिलीग्राम से 1 ग्राम ही का सेवन करना चाहिए। कृपया ध्यान दें कि भले ही त्रिफला स्वास्थ्य लाभ से भरपूर है, लेकिन इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को इससे पूरी तरह बचना चाहिए। यदि आपको कोई अंडरलाइंग हेल्थ इशू है, तो त्रिफला का सेवन करने से पहले किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। किसी भी हर्बल सप्लीमेंट में निवेश करने से पहले गुणवत्ता की जांच करना भी महत्वपूर्ण है।

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