नई दिल्ली । Haryana Assembly : दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल शुक्रवार से हरियाणा के चुनावी रण में कूद गए। केजरीवाल जगाधरी विधानसभा में रोड कर रहे थे। उनके काफिले लोगों का सैलाब उमड़ा था।
केजरीवाल ने भाजपा के खिलाफ बोलना शुरू किया
Haryana Assembly : केजरीवाल ने भाजपा के खिलाफ बोलना शुरू किया और बताया कि कैसे भाजपा ने उन्हें षडयंत्र रचते हुए जेल में डाला। उन्हें तोड़ने की कोशिश की। लेकिन वह टूटे नहीं। क्योंकि, उनके रगों में हरियाणा का खून बहता है। लेकिन, केजरीवाल ने अपने संबोधन में एक बार भी कांग्रेस पर हमला नहीं बोला।
हरियाणा में बिना उनके समर्थन के नई सरकार
Haryana Assembly : केजरीवाल ने कहा कि हरियाणा में बिना उनके समर्थन के नई सरकार नहीं बनेगी। इससे राजनीति के गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि केजरीवाल भी मान कर चल रहे हैं कि यहां पर आम आदमी पार्टी अपने दम पर सरकार नहीं बना रही है। हालांकि, कुछ सीटें जीतकर वह सरकार में भूमिका निभा सकते हैं।
Haryana Assembly : आम आदमी पार्टी कांग्रेस के लिए हरियाणा की जमीन मजबूत करने का काम कर रही
राजनीति के गलियारों में यह भी चर्चा होने लगी है कि क्या आम आदमी पार्टी कांग्रेस के लिए हरियाणा की जमीन मजबूत करने का काम कर रही है। क्योंकि, हरियाणा में भाजपा की सरकार है और तीसरी बार भाजपा यहां पर सरकार बनाने का दावा कर रही है।
Haryana Assembly : दोनों पार्टियों का दावा उनकी सरकार बनेगी
वहीं, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस भी अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन, दोनों पार्टियों का दावा रहा है कि उनकी सरकार यहां बनेगी। लेकिन, आज केजरीवाल के बयान ने संशय पैदा कर दिया है।
Haryana Assembly : हरियाणा विधानसभा चुनाव में जनता ने किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं दिया
बता दें कि साल 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में जनता ने किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं दिया था। अगर ऐसा ही साल 2024 के विधानसभा चुनाव में होता है और आम आदमी पार्टी यहां पर कुछ सीट जीतने में कामयाब रही, तो सरकार बनाने में अहम भूमिका निभा सकती है।
Haryana Assembly : लोकसभा व विधानसभा चुनाव में अंतर होता
हालांकि, यह इतना आसान नहीं होने वाला है। उदाहरण के तौर पर समझिए। यूं तो लोकसभा व विधानसभा चुनाव में अंतर होता है, लेकिन दिल्ली में 2015 से साल 2024 सितंबर तक केजरीवाल की सरकार रही है। इन 9 सालों में दो बार लोकसभा के चुनाव हुए। लेकिन, एक भी चुनाव में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को लोकसभा सीट जीतने में कामयाबी हासिल नहीं हुई।
Haryana Assembly : सातों सीट पर भाजपा के उम्मीदवार जीते
साल 2024 के लोकसभा चुनावों में केजरीवाल ने लोगों से कहा था अगर वह चाहते हैं कि मैं जेल न जाऊं, तो इंडिया गठबंधन को वोट करना। लेकिन, परिणाम विपरीत आए। सातों सीट पर भाजपा के उम्मीदवार जीते। साल 2019 में भी आम आदमी पार्टी को जनता ने नकार दिया था। जबकि, केजरीवाल जनता के सामने दिल्ली मॉडल लेकर गए थे।
Haryana Assembly : अरविंद केजरीवाल दिल्ली मॉडल लेकर आए
साल 2024 हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी अरविंद केजरीवाल दिल्ली मॉडल लेकर आए हैं। लेकिन, सवाल यह है कि क्या इस बार हरियाणा विधानसभा चुनाव में केजरीवाल का दिल्ली मॉडल चलेगा या फिर साल 2019 के विधानसभा चुनावों की तरह होगा।
जहां केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने करीब 45 से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन, आप उम्मीदवारों की बुरी तरह से हार हुई थी। हालांकि, पार्टी का कहना है कि अब हमारा संगठन मजबूत है और हरियाणा की जनता इस बार बदलाव के लिए वोट करेगी।