हिन्दी दिवस हिन्दी भाषा का विकास करते रहना है हिन्दी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य….

हिन्दी दिवस 2021,

हिन्दी दुनिया की प्रमुख भाषाओं में से एक है, लेकिन आज दुनियाभर में अंग्रेजी बोलने का चलन ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है. ज्यादा से ज्यादा लोग बोलचाल या फिर लिखने-पढ़ने में अंग्रेजी को तवज्जो देते हैं. इसके बावजूद आज हिन्दी का अस्तित्व भी कायम है. भारत में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा हिन्दी है. हर साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने के पीछे का एक कारण, देश में अंग्रेजी भाषा के बढ़ते चलन और हिन्दी की अनदेखी को रोकने के लिए भी यह दिवस मनाया जाता है. ज्ञात हो कि महात्मा गांधी ने हिन्दी को जनमानस की भाषा कहा था. महात्मा गांधी ने देश की राष्ट्रभाषा हिन्दी को बनाने की बात भी कहीं थी. उनके अलावा कई साहित्यकारों ने भी हिन्दी के लिए कई प्रयास किए, लेकिन कई प्रयासों के बाद भी हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा ना मिल सका.

हिन्दी दिवस मनाने की शुरुआत: स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने के लिए काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त,रामचंद्र शुक्ल, हजारी प्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविन्ददासऔर व्यौहार राजेन्द्र सिंहआदि लोगों ने बहुत से प्रयास किए। संविधान सभा ने 14 सितंबर, 1949 को देवनागरी लिपि में लिखी हिन्दी को भारत की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया था. इसी दिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने हर साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया. आधिकारिक तौर पर पहला हिन्दी दिवस 14 सितंबर, 1953 को मनाया गया था.

हिन्दी दिवस का उद्देश्य: इस दिवस को मनाने का उद्देश्य इस बात से लोगों को रूबरू कराना है कि जब तक वे पूरी तरह से इस बात से हिन्दी का प्रयोग नहीं करेंगे, तब तक हिन्दी भाषा का विकास नहीं हो पायेगा. हर साल की तरह इस साल भी 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है. हिन्दी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सभी सरकारी कार्यालयों में अंग्रेजी के स्थान पर हिन्दी का उपयोग करने की सलाह दी जाती है.

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