स्टडी: कोरोना वायरस को मारने में सक्षम है सूर्य का प्रकाश 

 मैनचेस्टर  
कोरोना वायरस महामारी जब से दुनिया में फैली है, तब से हर दिन इसे लेकर नए खुलासे होते रहते हैं। एक नए अध्ययन में पता चला है कि सूर्य का प्रकाश कोविड-19 वायरस को आठ गुना तेजी से नष्ट करने में सक्षम है। शोधकर्ताओं ने सार्स-कोव-2 वायरस को निष्क्रिय करने के लिए सूर्य के प्रकाश की प्रभावकारिता की जांच की। कोरोना महामारी के शुरू होने के बाद से इसे निष्क्रिय करने और इसके प्रभाव को कम करने के लिए कई धारणाएं विकसित हुईं। 

इनमें से कई विज्ञान समर्थित प्रबंधन अवधारणाएं आज भी अपरिवर्तित बनी हुई हैं, जैसे साबुन और गर्म पानी से हाथ धोना वायरस के लिपिड झिल्ली को बाधित करता है। जर्नल ऑफ इंफेक्शियस डिसीज के एक पत्र में, यूसी सांता बारबरा, ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर और ईटीएच ज्यूरिख के शोधकर्ताओं की एक टीम पर सूर्य के प्रकाश के प्रभाव की जांच की। निष्कर्षों में सामने आया कि सूर्य का प्रकाश वायरस को नष्ट करने में आठ गुना तक प्रभावी है।

शोधकर्ताओं ने जुलाई 2020 में किए गए एक प्रयोगशाला अध्ययन से प्राप्त डेटा का विश्लेषण किया और इसकी तुलना हालिया किए गए अध्ययन से की जो कि सौर विकिरण द्वारा कोरोना निष्क्रियता के एक सिद्धांत पर आधारित है। अध्ययन के प्रमुख लेखक पाओलो लुजत्टो-फेगिज ने कहा कि सिद्धांत मानता है कि यूवी-बी किरणों से टकराकर वायरस के आरएनए निष्क्रिय हो जाते हैं।

ऐसे रहे परिणाम : पत्र के अनुसार, प्रयोगों ने लगभग 10-20 मिनट के वायरस निष्क्रियता का प्रदर्शन किया। प्रयोगों में, सिम्युलेटेड लार में वायरस यूवी-बी लैंप के संपर्क में आने से आठ गुना अधिक तेजी से निष्क्रिय किया गया था। लुजातो और उनके सहयोगियों ने तर्क दिया, यूवी-बी किरणों द्वारा आरएनए निष्क्रियता से अलग एक और तंत्र हो सकता है। उदाहरण के लिए, यूवी-ए पहले से सोची गई तुलना में अधिक सक्रिय भूमिका  निभा सकता है।  

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