वैक्सीनेशन अभियान प्रोफेसरों के अधिकारों का हनन

भोपाल
देश में इस वक्त कोरोना वैक्सीनेशन का मिशन चल रहा है। प्रदेश सरकार हर किसी से वैक्सीन लेने के लिए अपील कर रही है। इसके तहत मुख्यमंत्री शिवाराज सिंह चौहान ने 25 और 26 अगस्त को कोरोना वैक्सीनेशन अभियान चलाने के निर्देश पिछली बैठक में दिये हैं। इसलिए प्रदेश के सभी विभाग अपने कर्मचारी व अधिकारियों के वैक्सीनेशन कराने की तैयारी में लगे हुये हैं। इसी कडी में उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी विवि रजिस्ट्रार और कालेज प्राचार्य, प्रोफेसर और विद्यार्थियों को वैक्सीलेशन कराने को कहा है। इससे प्रोफेसर भडक गये हैं। वे कुछ दिनों पहले हुये मेघालय हाईकोर्ट के आदेश को लेकर मुख्यमंत्री चौहान के वैक्सीनेशन अभियान को अपने मौलिक अधिकारों का हनन बताने लगे हैं। मेघालय हाईकोर्ट ने कहाकि वैक्सीनेशन को अनिवार्य नहीं कर सकते हैं। जबरदस्ती वैक्सीनेशन किसी व्यक्ति के मूलभूत अधिकारों का हनन है।

क्यों नहीं लगाना चाहते प्रोफेसर वैक्सीन
प्रदेश के कालेज और विवि में करीब दस हजार अधिकारी, प्रोफेसर और कर्मचारी कार्यरत हैं। इसमें करीब पांच हजार प्रोफेसर किसी ना किसी बीमारी से ग्रसित हैं। उन्हें भय है कि उक्त तिथियों में वैक्सीन लेने से उन्हें काफी शारीरिक परेशानी उठाना पड़ सकती है। इससे उन्हें अपने जीवन पर संकट दिखाई दे रहा है।

विद्यार्थियों को करें प्रेरित
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि प्रोफेसर वैक्सीन से क्यों डर रहे हैं। जबकि उन्हें विद्यार्थियों के साथ दूसरों को वैक्सीन लेने के लिये प्रेरित करना चाहिए। प्रोफेसर अधिक से अधिक विद्यार्थियों को पहले या दूसरे डोज लगवाने का प्रयास करें। उन्हें वैक्सीन से कोई समस्या है, तो पहले वे अपने डाक्टर से सलाह लें। इसके बाद वे निर्णय लें। मेघालय हाईकोर्ट के मौजूदा हालात को देखते हुए वैक्सीनेशन को बेहतर उपाय बताया है। इसकी किसी तरह से अनिवार्य करना या आजीविका के बीच में बंधन बनाने पर आपत्ति जताई है।

झिझक रहे ग्रामीण
देश में मिशन वैक्सीनेशन की रफ्तार अब तेज होने लगी है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में अभी भी लोग वैक्सीन लेने से झिझक रहे हैं। जबकि देश के अलग-अलग हिस्सों में वैक्सीन लेने कई तरकीब निकाली जा रही है। यहां तक कुछ चीजों में इसे अनिवार्य किया जा रहा है। राजस्थान में हाईकोर्ट की ओर से निर्देश दिया गया है कि वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके वकील ही कोर्ट परिसर में आ सकेंगे। बिहार में विधानसभा में वैक्सीन लगवाने वाले विधायकों को एंट्री मिल रही है।

 

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