युग दृष्टा महाशक्ति पीठ माँ कामाख्या के उपासक ,10 महाविद्याओं के साधक, सदगृहस्थ संत श्री संकर्षण शरण जी (गुरुजी)

युग दृष्टा महाशक्ति पीठ माँ कामाख्या के उपासक , 10 महाविद्याओं के साधक युग प्रवर्तक सद गृहस्थ संत श्री संकर्षण शरण जी (गुरुजी)
संक्षिप्त परिचय 
गुरुजी का जन्म बिहार सासाराम के पास ग्राम बेरुकही में हुआ है । गुरुजी का निवास स्थान प्रयागराज नैनी उत्तर प्रदेश में है ।
आपने प्रारंभिक शिक्षा गांव में प्राप्त की आगे की शिक्षा प्रयागराज में प्राप्त किए। आप बी. ए. और एल.एल.बी. की डिग्री प्राप्त किए । विद्यार्थी जीवन के दौरान ही आप धर्म और अध्यात्म से जुड़े रहे , आपको बिना शास्त्र के अध्ययन किए ही सब कुछ पहले से ज्ञात होता है, यह प्रारब्ध से ही मिली है ,ईश्वरीय कृपा है, आप इंटर क्लास की पढ़ाई करते-करते साधना में जुड़ गए ,मातारानी की कृपा आप पर रही आपने सपने में ही मां कामाख्या मंदिर का दर्शन किए, जब आप वंहा गए तब सब कुछ यथावत दिखा । वहां जाने के बाद लगातार माँ की साधना में लीन रहे । कई-कई वर्षों तक खाली कच्चा दूध पीकर जमीन में लेट कर आप तप किए। जमीन में सोकर और फल खा कर रहे।
आपने मां कामाख्या की 10 महाविद्याओं की साधना पूर्ण किए, इस दौरान गर्मी ,भूख ,बरसात ,ठंड ,सब को छोड़कर आप कठिन मार्ग में अपने साधना किए । और मातारानी की कृपा आप को प्राप्त हुई । उसी कृपा के कारण आज हम सब आपके सानिध्यता में अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं ।
जो कार्य हम कठिन परिश्रम के बाद नहीं कर पाते वह आप क्षण भर में पूरा कर देते हैं | जब बड़े -बड़े डॉक्टर जवाब दे देते हैं उस समय आप फरिश्ता बन कर खड़े रहते हैं | पता नहीं कितने लोगों को आपसे जीवन मिली है, बहुत लोगों को आर्शीवाद मिला है , कितने परिवार का घर आपके द्वारा बस गया ।
पूरी रामायण ,गीता,  श्री मद्भागवत महापुराण , शिव पुराण, और जितने भी ग्रंथ है सब के ज्ञाता है । साथ ही गीता को जीवन जीने का मार्ग बनाएं , भगवान श्री कृष्ण ने वैवाहिक जीवन को स्वीकार किए, वैवाहिक जीवन को भगवान भी स्वीकार किए । गुरुजी भी वैवाहिक जीवन में है । सदगृहस्थ संत है, इनके दो बच्चे हैं एक पुत्र और एक पुत्री है । गृहस्थ जीवन का पालन करते हुए वैराग्यता की यात्रा में प्रवेश किए है |  सब की समस्याओं का भी समाधान करते है।
गुरुजी के द्वारा मां कामाख्या जन कल्याण सेवा संस्थान, सामाजिक,धार्मिक,जन कल्याण के लिये यह संस्थान संचालित है , यह प्रयागराज, गुरुग्राम, बनारस, बेरुकहीं बिहार, औरंगाबाद ,पुणे, गुंटूर सभी जगह संचालित है साथ मे गुरु शिष्य सेवा संस्थान रायपुर भी है। इसके अंतर्गत संस्था के माध्यम से निशुल्क शिक्षा, गरीब कन्याओं का विवाह, और गरीब वर्ग के लोगों के सहयोग करना, भोजन वस्त्र साथ में आवश्यक वस्तुओं का वितरण करना , आदि कार्य किये जाते है। संस्था के माध्यम से अभी कोरोना काल में लगातार अन्न और वस्त्र वितरण की गई, वह गांव जहां कोई भी नहीं पहुंच पा रहे थे वहां गुरुदेव स्वयं जाकर अपने हाथों से अनाज और आवश्यक वस्तुएं लोगो को दिए, इस तरह से निरंतर सेवा भाव का कार्य गुरु जी के द्वारा की जा रही है । निः शुल्क विद्यालय प्रयागराज में चलाई जा रही है जिसमें 200 से अधिक छात्र,छात्राएं अध्ययन रत है। कुछ बच्चे अपने धर्म को छोड़कर ईसाई धर्म में परिवर्तित होने जा रहे थे, उन्हें गुरुजी अपनी सन्निध्यता में रखकर उनकी शिक्षा भी गुरुजी के द्वारा गुरुकुल से मिल रही है । जंगल मे बंदरो को भी गुरुजी के द्वार फल और चना खिलाया गया।गुरुजी ने सबका ध्यान रखे है।
आज मनुष्य अध्यात्म से दूर हो रहे हैं युवाओं को आध्यात्म से जोड़कर उन्हें आध्यात्मिक ज्ञान देना ,जीवन मूल्यों को बताना, बड़ों का सम्मान करना, जीवन जीने की कला बताना , शिक्षा के साथ अध्यात्म भी जरूरी है जो गुरुजी के द्वारा हम सबको प्राप्त होती हैं । लोगों को सही मार्ग दिखाना, यह सब गुरुजी के द्वारा बताई जा रही है ,भागवत गीता,रामायण के माध्यम से गुरुजी के द्वारा सब जागरूक हो रहे हैं, और काफी लोगों में परिवर्तन आया । अभी कोविड काल मे जब सब डिप्रेशन में आ गए थे जब ज़ूम के माध्यम से गीता उपदेश द्वारा सबको भगवान कृष्ण के संदेश बताएं, उनके द्वारा अनेक क्षेत्र में सुधार का कार्य किया गया, हम सभी गुरु जी के साथ जुड़े हुए हैं और प्रतिदिन कथा सुनकर ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं ।
इस संस्था का मुख्य उद्देश्य जनकल्याण करना है लोगों को अध्यात्म की ओर वापस लाना आज अधिकतर लोग रजोगुणी से प्रभावित है, अपनी अज्ञानता के कारण दुखी है, जीवन जीने की सही कला नहीं आ रही है, इसलिए सब कुछ होते हुए भी मनुष्य दुखी है | इसके लिए गुरुजी कथा के माध्यम से भागवत गीता के माध्यम से रामायण के माध्यम से हम सबको ज्ञान देते हैं विचार में परिवर्तन करते हैं। भटकाव से बचाते हैं, सही मार्ग मिलती है।
आप हमेशा सत्य के मार्ग पर चलते है और सभी को सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी दिए, नर सेवा ही नारायण सेवा है यह आपका कथन है और सेवा कार्य के लिए आप हमेशा तत्पर रहते है , अपना पूरा जीवन आप जन सेवा कार्य में समर्पित किए।
हम सब उनके सानिध्यत में आकर स्वयं में बहुत परिवर्तन किए है । गुरुजी के लिए जितना भी शब्द बोले सब कम है यह कह सकते हैं कि हम सब परम सौभाग्यशाली हैं जो हमें इनके चरणों में सानिध्यता मिली है ।

माँ कामाख्या जन कल्याण सेवा संस्थान
प्रयागराज ,गुरुग्राम, गुंटूर ,पूणे, सासाराम, बिहार, बनारस औरंगाबाद, बेरुकही।
गुरु शिष्य सेवा संस्थान रायपुर
माँ कामाख्या जन कल्याण सेवा संस्थान विगत 14 वर्षों से समाज सेवा के क्षेत्र में अपना उत्कृष्ट सहयोग सेवा कार्य कर रहे हैं इस संस्था का रजिस्ट्रेशन 2007 करवाया गया ।

माँ कामाख्या जन कल्याण सेवा संस्थान के द्वारा किए गए कार्यो का विवरण

1. शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य निशुल्क कोचिंग एवं गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करना ड्रेस पुस्तक कॉपी किताब में वितरित करना ।

2. झुग्गी बस्ती में जाकर गरीब परिवार को कंबल वितरण किया गया उसके साथ साथ गर्म कपड़े ऊनी कपड़े और स्वेटर, शाल, आदि वितरित की गई।

3. माघ मेले में शिविर का आयोजन एवं निशुल्क भोजन एवं रहने की व्यवस्था साथ में निशुल्क चिकित्सा की भी व्यवस्था की गई ।

4. संस्था के द्वारा ग्राम बेरुकही लगातार कई वर्षों से वृक्षारोपण का भव्य कार्यक्रम किया जाता है जिसमें संस्था के द्वारा 100 से 500 वृक्ष लगाए गए, इस माध्यम से अधिक से अधिक वृक्ष लगाने का उद्देश्य है।

5.. संस्था के द्वारा सार्वजनिक रूप से गरीब कन्याओ का विवाह का आयोजन भी किया जाता है ।

6. जंगल में भूखे बंदरों के लिए चना और केला ले करके उन्हें भोजन देना एवं जल की व्यवस्था करना भूखे पशु पक्षियों के लिए भोजन की व्यवस्था करना संस्था के द्वारा गुरु जी अपने हाथों से करते हैं ।

7. संस्था के द्वारा जरूरतमंद को ब्लड डोनेट करना जैसे ही पता चलता है संस्था के सदस्य आवश्यकतानुसार ब्लड डोनेट कर देते हैं ।

8. अधिक ठंड के समय संस्था के सदस्य साल स्वेटर और कंबल लेकर रात में जो रोड में ठंड से परेशान थे ऐसे जरूरतमंद को वितरित किए ।

9. जिलाधिकारी ,प्रयागराज के कार्यालय में पहुँच कर जिलाधिकारी से मिलने के पश्चात आपदा नियंत्रण अधिकारी जी को 75,000 ( पचहत्तर हजार ) का चेक मुख्यमंत्री राहत कोष और प्रधानमंत्री राहत कोष के लिये माँ कामाख्या संस्थान के सक्रीय समर्पित सदस्यों के सहयोग से दिया गया।

10. माँ कामाख्या जन कल्याण सेवा संस्थान के द्वारा 30,000 से अधिक मास्क निशुल्क वितरण किया गया जिसमें गली मोहल्ले सब्जी वाले,,रेहड़ी वाले ,,भाई मजदूर भाई प्रवासी भाई के अलावा पुलिस थाने में पुलिस चौराहों में जो पुलिस भाई सेवा कार्य में लगे थे उनको इसके अलावा जन जागरूकता अभियान के उद्देश्य से कई संस्थाओं को भी निशुल्क वितरण किया गया ।

11. संस्था के द्वारा माँ गंगा की सफाई की गई, एवम नमामि गंगे के तत्वाधान में सदस्य बनाकर गंगा सफाई अभियान की जा रही है।

12. संस्था के द्वारा प्रवासी मजदूरों को जो मजदूर इस भीषण गर्मी में अपनी गांव वापस लौटे उन्हें बिस्किट , मुर्रा,चना और जल वितरित की गई।

13.मांघ मेले में प्रयागराज में संस्था शिविर में पूरे 1 माह गर्म कपड़े,ऊनी वस्र वितरण की गई, साथ मे गरीबो की बस्ती में पूरी,सब्जी और खीर वितरण की गई।

14. गर्मियों में जगह-जगह पर संस्था के द्वारा पियाऊ घर की व्यवस्था करना। एवम सबको काढ़ा पावडर वितरित की गई।

15. बृद्ध और जरूरतमंदों की सहयोग करना, संस्था के सदस्यों द्वारा बुजुर्गों की सहायता करना।

16. राम मंदिर के निर्माण हेतु संस्था के द्वारा पूज्य गुरुदेव के कर कमलों से 1 लाख 75, 000 हजार की धनराशि सहयोग की गई ।

माँ कामाख्या संस्थान लगातार अपने देश और समाज सेवा कार्यों में संलग्न है और आगे भी ऐसे ही हम सेवा समाज सेवा कार्य करते रहेंगे ।

 

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