माता कौशल्या के धाम में लोगों ने सीखा योग और संयम का पाठ…12 सौ से अधिक लोगों ने किया योगाभ्यास

योग आयोग के अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा के मुख्य आतिथ्य में हुआ कार्यक्रम 'मानवता के लिए योग’ की थीम पर हुआ आयोजन

रायपुर,

अष्टम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर से लगे चंद्रखुरी में 12 सौ से अधिक लोगों ने योग और संयम का पाठ सीखा। यहां माता कौशल्या मंदिर प्रांगण में सुबह 7 बजे योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ योग आयोग एवं समाज कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस योगाभ्यास कार्यक्रम में 8 योग प्रशिक्षकों के निर्देशन में विभिन्न योग मुद्राओं और प्राणायाम का अभ्यास किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ राज्य योग आयोग के अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा मौजूद थे। इस मौके पर छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष  शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग से छत्तीसगढ़ योग आयोग प्रदेश के सभी स्कूलों में योग की नियमित कक्षाएं शुरू करवाने की दिशा में प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि नियमित योगाभ्यास से व्यक्ति स्वस्थ, सुखी और मजबूत बनता है।

प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल  की सोच है कि आर्थिक प्रगति के साथ स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी हमारा छत्तीसगढ़ स्वालम्बी बने।प्रदेश का हर नागरिक स्वस्थ, सुखी और निरोगी रहे । हर दृष्टि से मजबूत एवं अग्रणी राज्य के रूप भारत का नेतृत्व करे कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नगर पालिक निगम रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि माता कौशल्या के पवित्र धाम में योगाभ्यास का यह कार्यक्रम स्वास्थ्य के साथ समृद्धि प्रदान करने वाला है। योग आयोग के साथ मिलकर लोगो को स्वस्थ रखने के लिए निगम द्वारा कई कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।

चंदखूरी स्थित हम सब के आराध्य देव प्रभु श्रीराम जी के माता कौशल्या जी के ऐतिहासिक मंदिर प्रांगण में आयोजित योगाभ्यास समारोह में 1200 से अधिक वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांगजन, जनप्रतिनिधियों के साथ ही बड़ी संख्या में विद्यार्थी गण एवं योग साधक गण सम्मिलित हुए। इस दौरान योग प्रशिक्षकों के निर्देशन में सबसे पहले चालन क्रिया व शिथिलीकरण अभ्यास की प्रक्रिया में ग्रीवा चालन, स्कंध संचालन, कटि संचालन व घुटना संचालन कराया गया। फिर योगासन की मुद्राओं में ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्ध चक्रासन, त्रिकोणासन, भद्रासन, वज्रासन, अर्ध उष्ट्रासन, शशांकासन, उत्तानमंडूकासन, वक्रासन की क्रियाएं करायी गईं। वहीं उदर के लिए मकरासन, भुजंगासन व शलभासन के साथ ही सेतुबंधासन, उत्तानपादासन, अर्ध हलासन, पवनमुक्तासन और शवासन की मुद्राएं करायी गईं। इसके अलावा कपालभाति व भ्रामरी प्राणायाम भी योगाभ्यास के दौरान कराए गए। इन आसनों व प्राणायाम के दौरान योग प्रशिक्षार्थियों को योग मुद्राओं के लाभ से भी अवगत कराया गया। बताया गया कि इस भाग-दौड़ भरी जीवनशैली में योग आसन व प्राणायाम शरीर को स्वस्थ और मजबूत रखने में अहम हो सकती हैं। समारोह में योगाभ्यास माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में योगाभ्यास का व्यापक प्रचार-प्रसार तथा योग के प्रति सकारात्मक वातावरण निर्माण करने का प्रयास भी किया गया।

उल्लेखनीय है कि 11 दिसम्बर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रत्येक वर्ष 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लिया था। संकल्प में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार किया है कि योग स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए पूर्णतावादी दृष्टिकोण प्रदान करता है। योगाभ्यास से व्यक्ति में प्रत्येक प्राणी के प्रति मानवता का भाव उत्पन्न होता है, इसलिए इस साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ‘मानवता के लिए योग’ पर केन्द्रित किया गया है।

चंद्रखुरी में योगाभ्यास कार्यक्रम के दौरान योगाभ्यास के लिए नगर पंचायत चंद्रखुरी के अध्यक्ष रविशंकर धीवर, जनपद पंचायत आरंग के अध्यक्ष खिलेश देवांगन, जिला पंचायत सदस्यगणों में माखन कुर्रे, श्रीमती अनिता थानसिंह साहू, श्रीमती दुर्गा राय, पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष दिनेश ठाकुर, नगर पंचायत मंदिर हसौद के अध्यक्ष ओमप्रकाश यादव, उपसचिव राजेश तिवारी, छत्तीसगढ़ योग आयोग के सचिव एम.एल. पांडेय समेत अनेक जनप्रतिनिधि व वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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