मां भी मैं पापा भी मै

सिंगल पेरैंटिंग आसान हो सकती है, यदि इन तरीकों को इस्तेमाल में लाया जाए तो… 

भारत में सिंगल मदर होना आसान नहीं है. पूरी हिम्मत दिखा कर सिंगल मदर बनने पर महिलाओं को अकसर चुभते सवालों का सामना करना पड़ता है. मसलन, बच्चे के पिता अब कहां हैं? आप लोग साथ क्यों नहीं हैं? अकेले बच्चा पालना बहुत मुश्किल है, सिर पर बाप का साया होना जरूरी है. इस के अलावा स्कूल में बच्चे के दाखिले के समय या कोई सरकारीगैरसरकारी फार्म भरते समय भी पिता का ही नाम पूछा जाता है. भारत में किसी लड़की का बिना शादी किए मां बनना अपराध माना जाता है.

अकेले बच्चा पालना आसान नहीं है. मांपिता दोनों की भूमिका निभानी पड़ती है. बच्चे की सारी जिम्मेदारी अकेले मां के कंधों पर होती है. घर से ले कर बच्चे की बेहतरी का फैसला मां को ही लेना होता है. कई बार ऐसी स्थितियों से जूझतेजूझते मां ओवर स्ट्रैस हो जाती है. ऐसे में जरूरी है कि ऐसी स्थितियों को पनपने का मौका ही न दिया जाए. यह आप के लिए, आप के बच्चे की परवरिश के लिए, आप के परिवार के लिए बेहद जरूरी है. अन्यथा तनाव स्वस्थ माहौल छीन लेगा और सिंगल मदर होने पर आप को अफसोस होगा.

फाइनैंस पर कंट्रोल

कम आय तनाव का अहम कारण होती है. सिंगल पेरैंटिंग के लिए अहम है कि आप को अपनी आय की सही तरीके से बजटिंग करनी आए. कारण आप की कमाई ही पैसे का एकमात्र स्रोत है. मसलन, मकान, बिजली, गैस, पानी आदि की अदायगी, बच्चे की ट्यूशन फीस आदि. यदि बजटिंग करने के बाद आय कम पड़ती है, तो आय के स्रोत बढ़ाने की सोचें. इस के लिए निश्चित आय के अलावा पार्टटाइम जौब, घर पर किराएदार रख कर, किसी कंपनी के लिए फ्रीलांस आदि का काम करें. इस से आप अपने बच्चे को बेहतर परवरिश दे पाएंगी. तब आप को घर की बेहतरी से ले कर बच्चे की हर जरूरत को पूरा करने के लिए मन मसोसना नहीं पड़ेगा.

बातें जारी रहें

आप के घरपरिवार में किसी प्रकार का फेरबदल होने वाला है, तो इस से बच्चे को अनजान न रखें. फेरबदल पर बच्चे की प्रतिक्रिया जानें अन्यथा वह अलगथलग महसूस करेगा.

सहयोग का इस्तेमाल

सिंगल मदर हो कर बच्चे की परवरिश करना आसान नहीं है. जब सारी जिम्मेदारियां आप के कंधे पर होंगी, तो तनाव होना स्वाभाविक है. ऐसे में अपने परिवार वालों व दोस्तों से जानें कि वे आप के लिए कैसे मददगार साबित हो सकते हैं. मसलन, स्कूल बस से बच्चे को पिक करना, रोजाना बच्चे को ट्यूशन या डांस क्लास छोड़ कर आना आदि. जब नौकरी करते हुए बच्चे को कहीं छोड़ने या लाने की जिम्मेदारी आप उठा तो लेंगी, लेकिन काम का हरजा कोई भी संस्थान बरदाश्त नहीं करेगा.

बच्चे को समय दें

बच्चे के लिए आप ही मां व पिता हैं. उसे पिता के प्यार की कमी महसूस न होने दें. बच्चे को ज्यादा से ज्यादा समय दें. उस के साथ खेलें, गानें सुनें, उस की बातें सुनें. याद रहे कि अच्छी परवरिश के लिए आर्थिक मजबूती के अलावा उसे समय देना भी नितांत जरूरी है.

अपने को समय दें

सिंगल मदर होने का यह मतलब नहीं कि आप की पर्सनल लाइफ खत्म हो गई है. सप्ताह में 1 दिन सिर्फ अपने लिए जीएं. अपनी पसंदीदा किताबें पढ़ें, फिल्म देखें, दोस्तों के साथ शौपिंग पर जाएं. अपने शौक को तरजीह दें. अन्यथा एक सी लाइफ से आप उकता जाएंगी.

स्पेस जरूरी है

सिंगल मदर होने के नाते आप का सारा फोकस बच्चे पर रहता है. बच्चा छोटा हो या बड़ा आप उस की हर जरूरत पूरी करने के लिए सदा तैयार रहती हैं. प्यार व अपनत्व की भावना इतनी असीम होती है कि बच्चा दब्बू बन जाता है. साथ ही आप बच्चे के प्रति ओवर पजैसिव हो जाती हैं. ऐसे में स्पेस देना बहुत जरूरी है ताकि बच्चा आत्मनिर्भर बन पाए. निश्चित दिनचर्या: बच्चे को जानकारी दें कि किस समय खाना है, सोना है, खेलना है, पढ़ना है, रोज रात को स्कूल की यूनिफौर्म अलमारी से निकालनी है, बैग सैट करना है आदि. इस से आप को थोड़ी राहत मिलेगी और बच्चे में काम करने की आदत पड़ेगी.

जानकारी अपडेट रखें: आप डाइवोर्सी हैं या सैपरेटेड पेरैंट अथवा सिंगल पेरैंट ऐसे में आप की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि बच्चे को अच्छी आदतों के साथ नियंत्रण में रखा जाए. इस के लिए आप सोशल साइट्स, विविध सर्च इंजन्स, लाइब्रेरी या दोस्तों से गुड पेरैंटिंग की जानकारी लें ताकि आप या बच्चे पर किसी भी प्रकार का तनाव हावी न हो.

बच्चे को बच्चा समझें: कभी न कभी सिंगल पेरैंट होने पर आप अकेला महसूस करती होंगी. इस के लिए बच्चे को कतई पार्टनर का सबस्टिट्यूट न समझें. कोशिश करें कि आप अपने आराम या सहानुभूति के लिए बच्चे पर आश्रित न हों वरना बच्चा मैंटली डैवलप नहीं हो पाएगा.

पौजिटिव रहें: आप का हमेशा सकारात्मक रहना बेहद जरूरी है. नन्ही जान का मूड आप के मूड से अच्छा या खराब होता है. आप खुश रहेंगी तो बच्चा भी हंसेगा, चहकेगा. आप दुखी रहें भी तो बच्चा भी गुस्सैल होते हुए यहांवहां गुस्सा निकालेगा. यह जान लें कि अपनी भावनाओं के प्रति ईमानदार होना जरूरी है. बच्चे को समझाएं कि बुरे समय के बाद अच्छा समय आता है.

अपने प्रति लापरवाही नहीं: अकेले बच्चे की परवरिश करना आसान नहीं है. कई तरह की दिक्कतों से रोजाना रूबरू होना पड़ता. कभी समाज के ताने आप को बेचैन करते होंगे, तो कभी औफिस रहते हुए बच्चे को बसस्टौप से लाने की चिंता तनावग्रस्त करती होगी. इन चिंताओं से दूर रहें. यदि आप चिंता में रहेंगी, तो बच्चे की परवरिश पर इस का बुरा असर पड़ेगा. स्ट्रैस से बचने के लिए ऐक्सरसाइज करें, संतुलित भोजन लें. आराम करें और डाक्टरी जांच नियमित करवाएं. आप फिट होंगी, तभी बच्चे की बेहतर केयर कर पाएंगी.

बेहतर चाइल्ड केयर टेकर खोजें: आप औफिस में हैं, पीछे से बच्चे की देखभाल की पूरी जिम्मेदारी आप को किसी भरोसेमंद केयर टेकर या मेड को देनी होगी ताकि आप निश्ंिचत हो कर औफिस की जिम्मेदारियां निभा सकें. पलपल आप को यह चिंता न सताए कि बच्चे ने खाना खाया, होमवर्क किया या नहीं, बच्चा बिगड़ तो नहीं रहा. दोपहर में बच्चा समय से आराम करता है या नहीं आदि. बेहतरीन चाइल्ड केयरटेकर या फुलटाइम मेड की खोज आप फैं्रड सर्कल या भरोसेमंद प्लेसमैंट एजेंसी से करें. आप वर्किंग हैं तब केयरटेकर या फुलटाइम मेड नितांत आवश्यक है. कुछ पैसे बचाने के चक्कर में बच्चे को घर पर अकेला न छोड़ें. चाइल्ड केयरटेकर या मेड चाइल्ड केयर में दक्ष होनी चाहिए.

फ्रैंड्स की मदद लें: यदि आप के दोस्त अच्छे, नेक हैं, तो उन से गुजारिश करें कि वे आप की गैरहाजिरी में बीचबीच में बच्चे की खैरखबर लें.

आप की जिम्मेदारी: याद रहे बच्चे की सिंगल मदर आप हैं. ऐसे में बच्चे की परवरिश की जिम्मेदारी आप की है. इसे हमेशा याद रखें. बच्चे की जिम्मेदारी अपने मातापिता या भाईबहन पर न थोपें. हां, आप के अच्छे व्यवहार से वे आप के बच्चे की देखरेख आप की गैरहाजिरी में जरूर कर सकते हैं. आप के बच्चे के पालनपोषण की जिम्मेदारी आप की है, उन की नहीं.

बाहरी मदद लें: लोगों से रिश्ता अच्छा रखें ताकि समय पड़ने पर वे आप की मदद करने में पीछे न रहें. मसलन आप की तबीयत खराब है और बच्चे व घर की जिम्मेदारी आप नहीं निभा पा रहीं तो ऐसे में किसी से मदद लें. इस के लिए आप को व्यवहारकुशल बनना होगा.

कतई झूठ न बोलें : आप डाइवोर्सी हैं तो यह बात अपने बच्चे को जरूर बताएं. आप के बताने से बच्चा पूरा सच जान जाएगा. बाहरी लोगों से पता चलने पर उस के नन्हे दिल पर गहरी ठेस लगेगी. उस पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है.  Deepti Angrish

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