बड़ी विदेशी कम्पनियों की मनमानी के ख़लिफ़ कैट का ई कामर्स पर हल्ला बोल अभियान शुरू

रायपुर,

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू,प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन,कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि देश में तेज़ी से बड़ते ई कामर्स व्यापार को अपनी बपौती बनाने के कुत्सित इरादों को लेकर बड़ी विदेशी ई कामर्स कम्पनियों द्वारा सरकार की नाक के ठीक नीचे देश के क़ानूनों एवं नियमों के घोर उल्लंघन के ख़लिफ़ निर्णायक लड़ाईं का आह्वान कर तथा केंद्र सरकार से उपभोक्ता क़ानून में प्रस्तावित नियमों को तत्काल लागू करने की माँग को लेकर कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ (कैट) ने आज प्रदेश भर सहित से देश भर में एक महीने का “ ई कामर्स पर हल्ला बोल “राष्ट्रीय अभियान शुरू किया जिसके अंतर्गत रायपुर सहित प्रदेश भर एवं देश के विभिन्न राज्यों के 500 से अधिक शहरों में कैट के बैनर तले स्थानीय व्यापारी संगठनों ने अपनी माँगों को लेकर धरने दिए। हल्ला बोल अभियान की इस शृंखला में आगामी 23 सितम्बर को देश के सभी ज़िला कलेक्टरों को कैट के प्रतिनिधिनिधि मण्डल प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन देंगे ।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने कहा की आज छत्तीसगढ सहित देश के कोने कोने में आयोजित धरनों ने यह सिद्ध कर दिया की बड़ी विदेशी ई कामर्स कम्पनियों के मोनोपॉली व्यापार मौडल के ख़लिफ़ अब देश भर का व्यापारी लामबंद हो चुका है और इन कम्पनियों द्वारा किए का रहे क़ानून रव नियमों के उल्लंघन को और अधिक बर्दाश्त नहीं करेगा। पारवानी एवं दोशी ने बताया कि इसी कड़ी में आज कैट सी.जी. चैप्टर के रायपुर, अम्बिकापुर, मनेन्द्रगढ, बिलासपुर, रायगढ़, चांपा, कोरबा, भाटापारा, तिल्दा, दुर्ग, राजनांदगांव, भिलाई, धमतरी, कांकेर, सराईपाली, बसना, अभनपुर, महासंमुद, सहित अन्य सभी ईकाइयों में “ ई कामर्स पर हल्ला बोल “  राष्ट्रीय अभियान शुरू किया गया है। पारवानी एवं दोशी ने इन विदेशी ई कामर्स कम्पनियों को खुली चुनौती देते हुए कहा की वो अब 1857 का भारत न समझें और अपने आपको ईस्ट इंडिया कम्पनी का दूसरा संस्करण बनाने का विचार त्याग दें , यह 2021 का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाला भारत है जिसमें देश के व्यापारी विदेशी कम्पनियों को मुँह तोड़ जवाब देना जानते हैं । उन्होंने यह भी कहा की नीति आयोग. उद्योग संगठन समेत उनके जितने भी भौंपू उनके हितों की रक्षा के लिए उनकी ही भाषा बोल रहे हैं, समय आने पर व्यापारी

उनका भी पर्दाफ़ाश करेंगे। जिस प्रकार से विदेशी ई कामर्स कम्पनियों ने अपनी मनमानी , बेइमानी एवं नियमों का उल्लंघन किया है उसके कारण देश में ख़ास तौर पर मोबाइल, किराना, एफएमसीजी आदि वस्तुओं की लाखों दुकानें बंद हुई हैं और जिस प्रकार से व्यापारियों का व्यापार बुरी तरह प्रभावित हुआ है , उसके दर्द से देश भर का व्यापारी आहत है। अब इससे अधिक व्यापारी बर्दाश्त नहीं करेंगे और जब तक सरकार ई कामर्स के नियम लागू नहीं करती है और ई कामर्स व्यापार को विदेशी कम्पनियों के कुटिल चंगुल से मुक्त नहीं करती है तब तक देश भर में व्यापारी एक आक्रामक अभियान चलाते रहेंगे।
पारवानी एवं दोशी ने कहा की सरकार यदि ई कामर्स व्यापार को पारदर्शी और व्यवस्थित करने के लिए नियम ला रही है तो विदेशी ई कामर्स कम्पनियों और उनके भोपुओं के पेट में दर्द क्यों हो रहा है ? प्रस्तावित नियमों के अंतर्गत प्रत्येक ई कामर्स कम्पनी के लिए आवश्यक पंजीकरण , सम्बंधित कम्पनियों द्वारा अपने मार्केट प्लेस पर सामान की बिक्री पर रोक तथा नोडल ऑफ़िसर अथवा शिकायत ऑफ़िसर का गठन क्या जायज़ नहीं है ? कौन नहीं जानता की एमेज़ान अपनी सम्बंधित कम्पनी क्लाउडटेल जिसके मालिक व्यापार संत नारायण मूर्ति हैं, के ज़रिए अधिकांश माल की बिक्री करता है। यह भी समझ में नहीं आता की नीति आयोग क्यों अनीति का साथ दे रहा है ? आज भी जब विदेशी कम्पनियाँ देश के क़ानूनों का उल्लंघन कर रही है तब उनको कहने के बजाय नीति आयोग उपभोक्ता मंत्रालय के विवेक और अधिकार को चुनौती दे रहा है ?
पारवानी एवं दोशी ने यह भी बताया की इस मुद्दे पर कैट ने आगामी 30 सितम्बर और 1 अक्तूबर को वाराणसी में देश के सभी राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेताओं का एक दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन भी बुलाया है जिसमें अन्य कदमों के अलावा भारत व्यापार बंद करने पर भी विचार हो सकता है।
ई कामर्स पर हल्ला बोल में कैट सी.जी. चैप्टर के पदाधिकारी एवं व्यापारी संगठनों के पदाधिकारी मुख्य रूप से उपस्थित रहे :- अमर पारवानी, अमर गिदवानी, जितेन्द्र दोशी, परमानन्द जैन, सुरिन्दर सिंह, भरत जैन, अजय अग्रवाल, राकेश ओचवानी, राजेन्द्र जग्गी, अजय भसीन, उत्तम गोलछा, सुनील धुप्पड़, कन्हैया गुप्ता, जय नानवानी, नीलेश मुंदड़ा, महेश जेठानी, नरेश पाटनी, प्रीतपाल सिंह बग्गा, संजय जयसिंह,  जयराम कुकरेजा, जितेन्द्र गोलछा, राकेश अग्रवाल, नरेश चंदानी, भगवानदास अग्रवाल, शोअब अंसारी, रमन पिल्लाई, कपिल राठौर, नितेश कुमार जैन, विनय कृपलानी, नीरज गुप्ता, मनोज बागड़ी, धीरज ताम्रकार, श्याम माहेश्वरी, महेश प्रसाद राय, रवि हीरवानी, मनोहर पंजवानी, विमल बाफना, विनोद शर्मा, रमेश मंधान, दिलीप डुम्बानी, विजय कुमार जैन, जीवत बजाज, सुब्रत चाकी, अमरजीत सिंह छाबड़ा, बिहारी होतवानी, एवं अन्य व्यापारीगण उपस्थित रहे।

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