बिलासपुर
बिलासपुर में सोमवार की रात सिविल लाइन थाने के सामने हुए गैंगवार और मारपीट का VIDEO सामने आया है। VIDEO में दोनों पक्ष एक-दूसरे के साथ मारपीट, हाथापाई कर लात-घूंसे चलाते नजर आ रहे हैं। इतना सब कुछ होने के बाद भी पुलिस सब कुछ देखती रही। हालांकि, बाद में दोनों पक्षों की भीड़ जुटने के बाद पुलिस ने खदेड़ने की कोशिश की।
दो पक्षों के बीच हुए इस गैंगवार के बाद FIR को लेकर ड्रामा भी चलता रहा। आखिरकार, पुलिस ने एक पक्ष की रिपोर्ट पर केस दर्ज किया है। जबकि, दूसरे पक्ष का आरोप है कि उनकी सुनी ही नहीं गई है। इससे पहले भी सिविल लाइन क्षेत्र में गैंगवार के चलते हत्या हो गई थी, जिसमें इसी गैंग का नाम सामने आया था।
सोमवार की शाम इमलीपारा निवासी संतोष गर्ग और शुभम सोनी के बीच पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद हो गया। फिर दोनों पक्ष अपनी शिकायत लेकर सिविल लाइन थाना पहुंच गए। थाने में TI जेपी गुप्ता से दोनों पक्षों ने अपनी बात रखी। इससे पहले उनके विवाद की खबर एक-दूसरे के गुट के युवकों को हो गई थी। दोनों गुटों की ओर से फोन घनघनाते ही युवकों की भीड़ सिविल लाइन थाने में जमा हो गई ।
दो गुटों में हुई जमकर मारपीट
दो पक्षों की भीड़ थाने के सामने पहुंच गई। इसके बाद दोनों पक्षों के लोग बाहर हंगामा मचाने लगे। फिर देखते ही देखते दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट शुरू हो गई। दोनों पक्ष एक दूसरे को दौड़ा-दौड़ाकर पीटते रहे। थाने के सामने हुई इस घटना को पुलिसकर्मी देख रहे थे। थाने से पुलिसकर्मी बाहर निकले और भीड़ को हटाने में जुट गए।
बाद में FIR कराने को लेकर शहर के कांग्रेस नेता और रसूखदार भी पहुंच गए। यही वजह है कि पुलिस ने एक पक्ष से संतोष गर्ग की रिपोर्ट पर शुभम सोनी के खिलाफ धारा 507 के तहत केस दर्ज किया है। जबकि, दूसरे पक्ष की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई ।
इसके पहले गैंगवार में हो गई थी हत्या
तीन माह पहले सिविल लाइन क्षेत्र के समता कॉलोनी गार्डन के पास युवकों के गैंगवार में 17 साल के लड़के नवीन महादेवा की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हमले में बीच-बचाव करने वाला उदय चक्रवर्ती गंभीर रूप से घायल हो गया था। इस गैंगवार में NSUI नेता वसीम खान का नाम सामने आया। लिहाजा, पुलिस उसकी तलाश करने का दावा कर रही है। वहीं, गैंगवार और हत्या के इस मामले में आधा दर्जन से अधिक नाबालिगों को गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि सोमवार की रात हुए इस विवाद में भी इसी गुट के लोग शामिल थे।