डिजिटल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल विध्वंस के लिए कर रहा चीन और रूस

लंदन
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने बुधवार को कहा कि रूस और चीन जैसे देश डिजिटल प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग विध्वंस और चोरी के लिए कर रहे हैं। बहुपक्षीय खालीपन को भरने के लिए भारत जैसे समान सोच रखने वाले देशों के 'हृदय और मस्तिष्क' को जीतना आवश्यक है।

ब्रिटेन के नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर (एनसीएससी) द्वारा आयोजित 'साइबर यूके कॉन्फ्रेंस 2021' में प्रमुख भाषण में कैबिनेट मंत्री ने लोकतंत्र पर हमलों को लेकर कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने अफ्रीका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के संवेदनशील देशों में साइबर क्षमता निर्माण के लिए नई निधि के रूप में 2.2 करोड़ ग्रेट ब्रिटेन पाउंड (जीबीपी) की घोषणा की।

राब ने कहा कि हमने भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और ब्रूनेई से मंत्रियों को जी7 बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया क्योंकि हम साइबर मुद्दे पर सहयोग करने वाले समान सोच वाले देशों के समूह का दायरा बढ़ाना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि साइबर जगत को मुक्त क्षेत्र बनाने, सभी जिम्मेदार उपयोगकर्ताओं के लिए मुक्त और पूरी दुनिया के फायदे के लिए हमारे सकारात्मक दृष्टिकोण के लिए हमें दुनियाभर के देशों के हृदय-मस्तिष्क को जीतना होगा और सच कहा जाए तो हमें चीन, रूस और अन्य को बहुपक्षीय खालीपन को भरने से रोकना होगा।

मंत्री ने निरंकुश सत्ताओं और लोकतांत्रिक देशों के बीच साइबर क्षेत्र में फिलहाल चल रहे टकरावों का जिक्र किया। राब ने कहा कि आप उत्तर कोरिया, ईरान, रूस और चीन जैसे निरंकुश शासनों को देख सकते हैं। ये डिजिटल प्रौद्योगिकी का प्रयोग विध्वंस और चोरी या नियंत्रण एवं सेंसर के लिए कर रहे हैं। शायद हमने हाल ही में देखा कि कैसे सैन्य जुंटा ने म्यांमार में बेरहमी से इंटरनेट बंद कर दिया था।

मंत्री ने कहा कि इसका जवाब समान सोच रखने वाले देशों के साथ काम करके दिया जा सकता है, ताकि साइबर क्षेत्र को नियंत्रित रखने वाली अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था कायम रखी जा सके।

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