मुबंई से पैदल निकली मुस्लिम युवती का महोबा में अभूतपूर्व स्वागत

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मुबंई से पैदल निकली मुस्लिम युवती का महोबा में अभूतपूर्व स्वागत

महोबा  (वार्ता) मुबंई से पैदल निकली मुस्लिम युवती का महोबा में अभूतपूर्व स्वागत की गई । प्रभु श्रीराम के दिव्य दर्शन की लालसा ले महाराष्ट्र से पैदल अयोध्या के लिए निकली एक मुस्लिम युवती के वीरभूमि महोबा पहुंचने पर रामभक्तों ने जोरदार अभिनंदन किया गया। इस दौरान यहां भजन कीर्तन के साथ नगर परिक्रमा की गई।

सिर में हिजाब,हाथों में भगवा ध्वज ओर राम भजन करते हुए यहां पहुंची शबनम में लोगों ने भक्ति रस में सराबोर मीराबाई के स्वरूप को देखा ओर अपना प्यार लुटाया। जगह.जगह पुष्प वर्षा करते हुए उसका फूल मालाएं पहना कर स्वागत किया गया। मुंबई के नसेज इलाके की निवासी 20 वर्षीय शबनम मध्य प्रदेश के रास्ते होकर 28 दिनों में कोई 1350 किलोमीटर का रास्ता तय करके अपने तीन अन्य मित्रो के साथ यहां पहुंची है।

अनवरत पैदल चलने के कारण उसके पैरों में न सिर्फ सूजन आ गई है बल्कि छाले भी पड़ गए है। फिर भी उसके उत्साह में कोई कमी नही आई है। अयोध्या पहुंचने के लिए हरएक बाधा को पार करने का जज्बा लेकर घर से निकली शबनम पूरे रास्ते मिले लोगों के प्यार से खासी उत्साहित नजर आई।

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उन्होने कहा कि वह जिस क्षेत्र में रहती है वहां विभिन्न धर्मों के लोग निवास करते है। वे सभी एक दूसरे के मजहब का न सिर्फ सम्मान करते है बल्कि त्योहारों में जोश.खरोश से शामिल होते है। सर्वधर्म समभाव में आस्था रखने के कारण उसने हिन्दू धर्म और उसके पैगम्बरों को भी पढ़ा है। भगवान राम के मर्यादा पुरुषोत्तम स्वरूप ने उसे बहुत प्रभावित किया है। श्रीराम ने अयोध्या से लंका तक का सफर पैदल तय किया था। इसी से प्रेरणा को लेकर उसने अयोध्या पैदल जाकर मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सम्मलित होने और प्रभु के दर्शन की ठानी थी।

शबनम ने कहा कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश मे उल्लास का माहौल है। राम को किसी एक मजहब में नहीं बांधा जा सकता है। इसको मजहबी चश्मे से देखने वाले संकीर्ण विचारों से ग्रसित है। किसी की आस्था को चोट पहुचाना ठीक नही है। वह किसी भी प्रकार के फतवे की परवाह नही करती। मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखने के बावजूद उसे पूरे सफर में जिस प्रकार हिन्दू भाइयों सहयोग मिला है उसने उसके होशलों को बढ़ाया है। इसके चलते पूरे रास्ते उसे किसी प्रकार का कोई डर भी महसूस नही हुआ।

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