नई दिल्ली,
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा की गई घोषणा के मद्देनज़र, UGC ने अब असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए अनिवार्य PhD की आवश्यकता को हटा दिया है. अब 1 जुलाई, 2023 तक विश्वविद्यालयों के विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर सीधी भर्ती के लिए PhD डिग्री अनिवार्य योग्यता नहीं होगी.
UGC ने आगे कहा, “यह संशोधन भारत के राजपत्र के भाग- III, खंड- 4 में हिंदी और अंग्रेजी में प्रकाशित किया गया है, जिसे आधिकारिक वेबसाइटों से डाउनलोड किया.
केंद्र सरकार ने यूजीसी के नियमों में बदलाव करते हुए सहायक प्रोफेसरों के पदों पर भर्ती के लिए जहां पीएचडी को अनिवार्य कर दिया था तो वहीं अब कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया है.
अब इस मानदंड को 1 जुलाई 2023 तक बढ़ा दिया गया है. वहीं अब यूजीसी नेट स्कोर के आधार पर जैसे पहले नियुक्तियां होती थी वही क्रम आगे भी जारी रहेगा. इस फैसले से उच्च शिक्षा संस्थानों में रिक्त पदों पर भर्तियां तेजी से भरने की उम्मीद है.
यूजीसी ने आधिकारिक नोटिस जारी कर कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए असिस्टेंट प्रोफेसरों की सीधी भर्ती के लिए अनिवार्य योग्यता के रूप में पीएचडी की तिथि को 1 जुलाई 2021 से बढ़ाकर 1 जुलाई 2023 करने का फैसला किया है. मौजूदा मानदंडों के अनुसार NET, SET, SLET सहित शिक्षक पात्रता एग्जाम के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले उम्मीदवार सहायक प्रोफेसर के पद के लिए पात्र हैं.
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— UGC INDIA (@ugc_india) October 12, 2021
अब इस मानदंड को 1 जुलाई 2023 तक बढ़ा दिया गया है. वहीं अब यूजीसी नेट स्कोर के आधार पर जैसे पहले नियुक्तियां होती थी वही क्रम आगे भी जारी रहेगा. इस फैसले से उच्च शिक्षा संस्थानों में रिक्त पदों पर भर्तियां तेजी से भरने की उम्मीद है.
यूजीसी ने आधिकारिक नोटिस जारी कर कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए असिस्टेंट प्रोफेसरों की सीधी भर्ती के लिए अनिवार्य योग्यता के रूप में पीएचडी की तिथि को 1 जुलाई 2021 से बढ़ाकर 1 जुलाई 2023 करने का फैसला किया है. मौजूदा मानदंडों के अनुसार NET, SET, SLET सहित शिक्षक पात्रता एग्जाम के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले उम्मीदवार सहायक प्रोफेसर के पद के लिए पात्र हैं.