प्रयागराज hub महाकुंभ क्षेत्र 25 सेक्टर्स में फैला ; जाने से पहले देखें; कौन-से घाट और मंदिर कहां है ?

by kuldeep shukla

Prayagraj hub Maha Kumbh area Now in a
Prayagraj hub Maha Kumbh area Now in a

प्रयागराज | Prayagraj Hub Maha Kumbh Area Now In A : महाकुंभ मेला 2025 के दौरान करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ में अपने शिविर, तंबू या कल्पवास स्थान को आसानी से खोजने के लिए मेला क्षेत्र का विस्तृत लेआउट मैप अत्यंत सहायक होगा। इस मैप में सभी पैनटून, पुलों, मार्गों के नाम और सेक्टरों की जानकारी दी गई है, जिससे आवाजाही और नेविगेशन सरल हो जाता है।

पैनटून पुलों का विवरण

Prayagraj Hub Maha Kumbh Area Now In A : श्रद्धालुओं की आवाजाही को देखते हुए महाकुंभ मेला प्रबंध ने सभी मैप का उपयोग के द्वारा पैनटून, पुल, मेला क्षेत्र में विभिन्न स्थानों को जोड़ने के लिए अस्थायी मार्ग बनाये जाते हैं। इनकी स्थापना गंगा नदी के कछार या किनारे पर की जाती है, जिससे श्रद्धालुओं की आवाजाही सुगम होती है। प्रमुख पैनटून पुलों में अक्षयवट पुल मार्ग, महाबीर पुल मार्ग, त्रिवेणी पुल मार्ग, काली पुल मार्ग, मोरी पुल मार्ग, गंगोली शिवाला पुल मार्ग, ओल्ड जीटी पुल मार्ग, हरिश्चंद्र पुल मार्ग, और नागवासुकी पुल मार्ग शामिल हैं।

 Prayagraj hub Maha Kumbh area Now in a : प्रयागराज hub महाकुंभ क्षेत्र 25 सेक्टर्स में फैला ; जाने से पहले देखें; कौन-से घाट और मंदिर कहां है ?

महाकुंभ मेला क्षेत्र की संरचना

Prayagraj Hub Maha Kumbh Area Now In A : सेक्टरों की संख्या: मेला क्षेत्र को कुल 25 सेक्टरों में विभाजित किया गया है, जिससे व्यवस्थापन और नेविगेशन सुगम होता है। पैनटून पुलों की संख्या: मेला क्षेत्र में कुल 30 पैनटून पुल स्थापित किए गए हैं, जो विभिन्न सेक्टरों को आपस में जोड़ते हैं और श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुगम बनाते हैं। मुख्य मार्ग: मेला क्षेत्र में पांच मुख्य मार्ग होंगे: तुलसी मार्ग, शंकराचार्य मार्ग, हर्षवर्धन मार्ग, संगम लोअर मार्ग, और मुक्ति मार्ग, जो विभिन्न सेक्टरों और क्षेत्रों को जोड़ते हैं।

 Prayagraj hub Maha Kumbh area Now in a : प्रयागराज hub महाकुंभ क्षेत्र 25 सेक्टर्स में फैला ; जाने से पहले देखें; कौन-से घाट और मंदिर कहां है ?

महाकुंभ 2025 के आयोजन के लिए प्रयागराज नगर की संरचना निम्नानुसार निर्धारित की गई है

  • प्रयागराज जिले की तहसीलें: सदर, करछना, फूलपुर, सोरांव।
  • महाकुंभ उपनगर: 7 उपनगर।
  • राजस्व गांव: 67 गांव।
  • पुलिस थाने: 56 थाने।
  • पुलिस चौकियां: 133 चौकियां।
  • सेक्टर: 25 सेक्टर।
  • पीपा पुल: 30 पुल।
  • टेंट की संख्या: 1,60,000 टेंट।
  • कुल क्षेत्रफल: 4000 हेक्टेयर।

महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज में मेला क्षेत्र को विभिन्न इलाकों में विभाजित किया गया है, जो श्रद्धालुओं की सुविधा और आयोजन की सुगमता के लिए महत्वपूर्ण हैं

Prayagraj Hub Maha Kumbh Area Now In A : महाकुम्भ के इलाके

  • परेड ग्राउन्ड – प्रयागराज किले के नजदीक
  • संगम क्षेत्र – लेटे हुए हनुमान मंदिर के पास स्थित यह स्थान गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम का पवित्र स्थल है, जहां श्रद्धालु स्नान करते हैं।
  • झूँसी का इलाका – गंगा नदी के उस पार स्थित यह क्षेत्र मेले के दौरान विभिन्न गतिविधियों और आवासीय सुविधाओं के लिए उपयोग में लाया जाता है।
  • नैनी का अरैल क्षेत्र – यमुना नदी के दूसरी ओर स्थित यह इलाका मेले के विस्तार और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महत्वपूर्ण है।
  • तेलियरगंज का कछार – बघाड़ा, सलोरी, कैलाशपुरी, गोविन्दपुर और शिवकुटी का इलाका शामिल हैं, जो मेले के दौरान विभिन्न सेवाओं और सुविधाओं के लिए उपयोगी हैं।
Prayagraj Hub Maha Kumbh Area Now In A : महाकुम्भ का सेक्टर मैप
  • सेक्टर 1 & 2 – परेड ग्राउंड में
  • सेक्टर 3 – हनुमान मंदिर के पास संगम क्षेत्र
  • सेक्टर 4 –  शास्त्री ब्रिज के नीचे दारागंज की ओर
  • सेक्टर 5 – गंगा नदी के पार झूसी के इलाके में ( शंकराचार्य का शिविर )
  • सेक्टर 6 नागवासुकी मंदिर के नजदीक होगा (नेत्र शिविर)
  • सेक्टर 8में श्री संकर्षण शरण जी (गुरुजी) माँ कामाख्या देवी जन कल्याण सेवा संस्थान, श्री श्री रवि शंकर जी का शिविर
  • सेक्टर 9 – सलोरी से लगे हुए गंगेश्वर महादेव के पास गंगा के कछार में
  • सेक्टर 10 – शिवकुटी के पास कोटेश्वर महादेव मंदिर के नजदीक आखिरी सेक्टर।
  • सेक्टर 6 से 10 – नागवासुकी मंदिर से शिवकुटी तक कछार में।
  • सेक्टर 11 से 20 – गंगा पार झूसी का कछार इलाका
  • सेक्टर 18 और 19 में सभी 7 अखाड़े अखाड़ों के शिविर स्थापित किए गए हैं
  • सेक्टर 22 झूँसी के छतनाग में गंगा नदी के किनारे-किनारे नागेश्वर मंदिर तक आखिरी सेक्टर
  • सेक्टर 23, 24 और 25 पुराने नैनी पुल से अरैल का कछार इलाका सोमेश्वर महादेव से आगे तक
  महाकुंभ 2025 के दौरान, अमृत स्नान की तिथियां |  महाकुंभ 2025 के दौरान, अमृत स्नान की तिथियां
  1. 13 जनवरी 2025 (पौष पूर्णिमा): इस दिन से महाकुंभ मेले का शुभारंभ होगा, और यह पहला अमृत स्नान होगा।
  2. 14 जनवरी 2025 (मकर संक्रांति): दूसरा अमृत स्नान, जिसे खिचड़ी स्नान भी कहा जाता है।
  3. 29 जनवरी 2025 (मौनी अमावस्या): तीसरा अमृत स्नान, जो मौन धारण करने और संगम में स्नान करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
  4. 3 फरवरी 2025 (बसंत पंचमी): चौथा अमृत स्नान, जो वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है।
  5. 12 फरवरी 2025 (माघी पूर्णिमा): पांचवां अमृत स्नान, जो माघ मास की पूर्णिमा को होता है।
  6. 26 फरवरी 2025 (महाशिवरात्रि): छठा और अंतिम अमृत स्नान, जो भगवान शिव की आराधना के लिए महत्वपूर्ण है।

महाकुंभ मेला 2025 के दौरान, मेला क्षेत्र को विभिन्न सेक्टरों और मार्गों में विभाजित किया गया है, जिससे श्रद्धालुओं को अपने गंतव्य तक पहुंचने में सुविधा होगी।

Prayagraj Hub Maha Kumbh Area Now In A : सेक्टरों के प्रमुख मार्ग

  • अन्नपूर्णा मार्ग: यह मार्ग झूँसी क्षेत्र में सेक्टर 11 से 20 को जोड़ता है, जिससे श्रद्धालु इन सेक्टरों में आसानी से आवागमन कर सकते हैं।
  • मुक्ति मार्ग: यह भी झूँसी क्षेत्र में सेक्टर 11 से 20 को जोड़ता है, जिससे इन सेक्टरों के बीच संपर्क सुगम होता है।
  • संगम लोअर मार्ग: यह मार्ग झूँसी क्षेत्र में सेक्टर 11 से 21 को जोड़ता है, जिससे संगम क्षेत्र तक पहुंचना सरल होता है।
  • हर्षवर्धन मार्ग: यह मार्ग झूँसी क्षेत्र में सेक्टर 11 से 21 को जोड़ता है, जिससे मेला क्षेत्र में आवागमन सुगम होता है।
  • शंकराचार्य मार्ग: यह मार्ग झूँसी क्षेत्र में सेक्टर 11 से 21 को जोड़ता है, जिससे श्रद्धालु इन सेक्टरों में आसानी से जा सकते हैं।
  • तुलसी मार्ग: यह मार्ग झूँसी क्षेत्र में सेक्टर 11 से 20 को जोड़ता है, जिससे इन सेक्टरों के बीच संपर्क स्थापित होता है।
  • रामानंदाचार्य ‘द’ मार्ग: यह मार्ग झूँसी क्षेत्र में सेक्टर 11 से 20 को जोड़ता है, जिससे श्रद्धालु इन सेक्टरों में आसानी से जा सकते हैं।
  • रामानंदाचार्य ‘य’ मार्ग: यह भी झूँसी क्षेत्र में सेक्टर 11 से 20 को जोड़ता है, जिससे इन सेक्टरों के बीच संपर्क सुगम होता है।
  • सरस्वती मार्ग: यह मार्ग झूँसी क्षेत्र में सेक्टर 13, 14 से 20 को जोड़ता है, जिससे इन सेक्टरों के बीच आवागमन सरल होता है।
  • प्रयागवाल मार्ग: यह मार्ग तेलियरगंज क्षेत्र में सेक्टर 9, 8, 7 और 6 को जोड़ता है, जिससे श्रद्धालु इन सेक्टरों में आसानी से जा सकते हैं।
  • बजरंगदास मार्ग: यह मार्ग तेलियरगंज क्षेत्र में सेक्टर 10, 9, 8, 7 और 6 को जोड़ता है, जिससे इन सेक्टरों के बीच संपर्क स्थापित होता है।
  • कैलाशपुरी मार्ग: यह भी तेलियरगंज क्षेत्र में सेक्टर 10, 9, 8, 7 और 6 को जोड़ता है, जिससे श्रद्धालु इन सेक्टरों में आसानी से जा सकते हैं।

महाकुंभ 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा और सुगम आवागमन के लिए प्रयागराज में गंगा नदी पर कुल 30 पांटून पुल (पीपा पुल) बनाए जा रहे हैं, जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है।

Prayagraj Hub Maha Kumbh Area Now In A : महाकुम्भ के पीपा पुल मार्ग

अक्षयवट पुल मार्ग-1,2 (पातालपुरी मंदिर से सेक्टर 3 को संगम होते हुवे सेक्टर 21 से जोड़ेगा)

महाबीर पुल मार्ग-3,4 (हनुमान मंदिर के पीछे से सेक्टर 3 को झूसी के सेक्टर 21 से जोड़ेगा )

जगदीश रैम्प पुल मार्ग-5 (हनुमान मंदिर के आगे से सेक्टर 3 को झूसी के सेक्टर 21 से जोड़ेगा )

  • त्रिवेणी पुल मार्ग-6, 7, 8 (शंकर मंडप के बगल से सेक्टर 3-4 को झूसी के सेक्टर 20-21 से जोड़ेगा )
  • काली पुल मार्ग-9, 10, 11 (शास्त्री ब्रिज के बगल से सेक्टर 4 को झूसी के सेक्टर 20 से जोड़ेगा )
  • मोरी पुल मार्ग-12 (झूसी रेलवे पुल के बगल से सेक्टर 4 को झूसी के सेक्टर 20-19 से जोड़ेगा )
  • गंगोली शिवाला पुल मार्ग-13 (यूँसी रेलवे पुल के बगल से सेक्टर 4 को घूँसी के सेक्टर 5-19 से जोड़ेगा )
  • ओल्ड जीटी पुल मार्ग-14, 15 (दारागंज के सेक्टर 4 को झूसी के सेक्टर 5, 19, 18 से जोड़ेगा )
  • हरिश्चंद्र पुल मार्ग-16 (दारागंज के सेक्टर 4 को झूसी के सेक्टर 5, 18 से जोड़ेगा )
  • नागवासुकी पुल मार्ग-17 (नागवासुकी के बगल सेक्टर 6 को झूसी के सेक्टर 17, 18 से जोड़ेगा )
  • भारद्वाज पुल मार्ग-18, 19 (सेक्टर 6-7 को झूसी के सेक्टर 16, 17 से जोड़ेगा )
  • अनंत माधव पुल मार्ग-20 (सेक्टर 7-8 को झूसी के सेक्टर 15, 16 से जोड़ेगा)
  • वेणी माधव पुल मार्ग-21 (सेक्टर 8 को झूसी के 14-15 से जोड़ेगा)
  • गंगेश्वर पुल मार्ग-22 (सेक्टर 9 को झूसी के सेक्टर 12, 13 से जोड़ेगा )
  • प्रयागवाल पुल मार्ग-23 (फाफामऊ को गंगा नदी के इस पार तेलियरगंज से जोड़ेगा )
  • बजरंगदास पुल मार्ग-24 (फाफामऊ को गंगा नदी के इस पार तेलियरगंज से जोड़ेगा )
  • के कैलाशपुरी पुल मार्ग-25 (फाफामऊ को गंगा नदी इस पार तेलियरगंज से जोड़ेगा )
  • चक्रमाधव पुल मार्ग-26 (छतनाग को गंगा नदी के इस पार अरैल से जोड़ेगा )
  • सोमेश्वर पुल मार्ग-27 (छतनाग को गंगा नदी के इस पार अरैल से जोड़ेगा )
  • बल्लभाचार्य पुल मार्ग-28 (छतनाग को गंगा नदी के इस पार अरैल से जोड़ेगा)
  • टेंट सिटी पुल मार्ग-29 (छतनाग को गंगा नदी के इस पार अरैल से जोड़ेगा )
  • आश्रम पुल पुल मार्ग-30 (छतनाग को गंगा नदी के इस पार अरैल से जोड़ेगा)

महाकुंभ मेला 2025 के दौरान, प्रयागराज में संगम क्षेत्र के निकट कई प्राचीन और महत्वपूर्ण मंदिर स्थित हैं, जहां श्रद्धालु दर्शन कर सकते हैं।

Prayagraj Hub Maha Kumbh Area Now In A : संगम क्षेत्र के प्रमुख मंदिर

  • बड़े हनुमान जी मंदिर: संगम क्षेत्र के पास स्थित इस मंदिर में भगवान हनुमान की विशाल लेटी हुई मूर्ति है, जो अपनी अनोखी संरचना के लिए प्रसिद्ध है।
  • शंकर विमान मंडपम्: यह मंदिर चारधाम यात्रा का प्रतीक माना जाता है और इसकी वास्तुकला अद्वितीय है, जो चार दिशाओं में विस्तारित है।
  • श्री वेणीमाधव मंदिर: दारागंज क्षेत्र में स्थित यह मंदिर भगवान विष्णु के 12 प्राचीन स्वरूपों में से एक है और संगम क्षेत्र के पास स्थित 12 वेणीमाधव मंदिरों में सबसे प्रमुख माना जाता है।
  • नागवासुकी मंदिर: दारागंज में स्थित यह मंदिर नाग देवता को समर्पित है और इसका ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व है।
  • गंगेश्वर महादेव मंदिर: सलोरी क्षेत्र में स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और स्थानीय भक्तों के बीच विशेष महत्व रखता है।
  • कोटेश्वर महादेव मंदिर: शिवकुटी में स्थित यह मंदिर भगवान शिव के एक रूप को समर्पित है और श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है।

Prayagraj Hub Maha Kumbh Area Now In A : अरैल और झूसी क्षेत्र के प्रमुख मंदिर:

  • आदि वेणीमाधव मंदिर: अरैल क्षेत्र में स्थित यह मंदिर भगवान विष्णु के एक प्राचीन स्वरूप को समर्पित है।
  • चक्र माधव मंदिर: अरैल क्षेत्र में स्थित यह मंदिर भी भगवान विष्णु को समर्पित है और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
  • सोमेश्वर महादेव मंदिर: अरैल क्षेत्र में स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है।
  • नागेश्वर महादेव मंदिर: छतनाग झूँसी में स्थित यह मंदिर भगवान शिव के नागेश्वर रूप को समर्पित है।
  • शंख माधव मंदिर: छतनाग झूँसी में स्थित यह मंदिर भगवान विष्णु के शंखधारी स्वरूप को समर्पित है।
  • समुद्र कूप: उल्टा किला झूँसी में स्थित यह स्थान पौराणिक महत्व रखता है और यहां एक प्राचीन कूप (कुआं) है
  • गंगोली शिवाला: ओल्ड झूँसी में स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और स्थानीय श्रद्धालुओं के बीच लोकप्रिय है।
  • श्री संकटहर माधव मंदिर: ओल्ड झूँसी में स्थित यह मंदिर भगवान विष्णु के संकटहर स्वरूप को समर्पित है।

महाकुंभ मेला 2025 के दौरान, प्रयागराज में संगम क्षेत्र के निकट कई रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डे स्थित हैं, जो श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महत्वपूर्ण हैं।

Prayagraj Hub Maha Kumbh Area Now In A : प्रमुख रेलवे स्टेशन

  1. प्रयागराज जंक्शन (PYJ): संगम से लगभग 7 किमी की दूरी पर स्थित यह स्टेशन शहर का मुख्य रेलवे स्टेशन है, जहां से ऑटो-रिक्शा, बस और टैक्सी के माध्यम से मेला क्षेत्र तक पहुंचा जा सकता है।
  2. प्रयागराज छिवकी (PCOI): संगम से लगभग 12 किमी दूर स्थित यह स्टेशन भी प्रमुख ट्रेनों के लिए एक महत्वपूर्ण जंक्शन है।
  3. नैनी जंक्शन (NYN): संगम से लगभग 9 किमी की दूरी पर स्थित यह स्टेशन दक्षिणी क्षेत्रों से आने वाले यात्रियों के लिए सुविधाजनक है।
  4. फाफामऊ जंक्शन (PFM): संगम से लगभग 13 किमी दूर स्थित यह स्टेशन उत्तरी दिशा से आने वाले यात्रियों के लिए उपयुक्त है।
  5. सूबेदारगंज (SFG): संगम से लगभग 12 किमी की दूरी पर स्थित यह स्टेशन भी एक विकल्प है।
  6. प्रयागराज रामबाग (PRRB): संगम से लगभग 5 किमी दूर स्थित यह स्टेशन मेला क्षेत्र के निकटतम स्टेशनों में से एक है।
  7. प्रयाग जंक्शन (PRG): संगम से लगभग 6 किमी की दूरी पर स्थित यह स्टेशन भी मेला क्षेत्र के पास है।
  8. झूँसी स्टेशन (JI): संगम से लगभग 15 किमी दूर स्थित यह स्टेशन पूर्वी दिशा से आने वाले यात्रियों के लिए सुविधाजनक है।
  9. प्रयागराज संगम (PYG): संगम से मात्र 2 किमी की दूरी पर स्थित यह स्टेशन मेला क्षेत्र के सबसे निकट है, जिससे पैदल या स्थानीय परिवहन के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

Prayagraj Hub Maha Kumbh Area Now In A : प्रमुख हवाई अड्डे

  1. प्रयागराज हवाई अड्डा (बम्हरौली): संगम से लगभग 12 किमी दूर स्थित यह हवाई अड्डा दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, भुवनेश्वर और रायपुर सहित प्रमुख घरेलू गंतव्यों से जुड़ा है। हवाई अड्डे से मेला क्षेत्र तक टैक्सी और सिटी बस सेवाएं उपलब्ध हैं।
  2. वाराणसी हवाई अड्डा: प्रयागराज से लगभग 120 किमी की दूरी पर स्थित यह हवाई अड्डा अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों के लिए एक प्रमुख केंद्र है। यहां से सड़क मार्ग या ट्रेन के माध्यम से प्रयागराज पहुंचा जा सकता है।
  3. लखनऊ हवाई अड्डा: प्रयागराज से लगभग 200 किमी दूर स्थित यह हवाई अड्डा भी एक विकल्प है, जहां से सड़क मार्ग या ट्रेन द्वारा प्रयागराज पहुंचा जा सकता है।
  4. अयोध्या हवाई अड्डा: प्रयागराज से लगभग 4 घंटे की दूरी पर स्थित यह हवाई अड्डा भी एक विकल्प है।
  5. गोरखपुर हवाई अड्डा: प्रयागराज से लगभग 6 घंटे 30 मिनट की दूरी पर स्थित यह हवाई अड्डा भी एक विकल्प है।

महाकुंभ मेला 2025 के दौरान, संगम क्षेत्र के निकट कई बस अड्डे स्थित हैं, जो श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महत्वपूर्ण हैं।

Prayagraj Hub Maha Kumbh Area Now In A : प्रमुख बस अड्डे

  1. सिविल लाइन बस स्टैंड: संगम से लगभग 6 किमी दूर स्थित यह बस स्टैंड शहर के मध्य में है, जहां से स्थानीय परिवहन के माध्यम से मेला क्षेत्र तक पहुंचा जा सकता है।
  2. कचहरी बस स्टैंड: संगम से लगभग 7 किमी की दूरी पर स्थित यह बस स्टैंड भी मेला क्षेत्र के निकट है।
  3. झूसी बस स्टैंड: संगम से लगभग 10 किमी दूर स्थित यह बस स्टैंड पूर्वी दिशा से आने वाले यात्रियों के लिए सुविधाजनक है।
  4. सरस्वती द्वार बस स्टैंड: संगम से लगभग 15 किमी की दूरी पर स्थित यह बस स्टैंड भी एक विकल्प है।
  5. बेला कछार बस स्टैंड: संगम से लगभग 14 किमी दूर स्थित यह बस स्टैंड भी मेला क्षेत्र के पास है।
  6. नेहरू पार्क बस स्टैंड: संगम से लगभग 12 किमी की दूरी पर स्थित यह बस स्टैंड भी एक विकल्प है।
  7. सरस्वती हाइटेक सिटी बस स्टैंड: संगम से लगभग 15 किमी दूर स्थित यह बस स्टैंड भी मेला क्षेत्र के निकट है।
  8. कुष्ठ रोग अस्थाई बस स्टैंड: संगम से लगभग 7 किमी की दूरी पर स्थित यह अस्थाई बस स्टैंड भी एक विकल्प है।

महाकुंभ मेला 2025 के दौरान, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष बस सेवाओं की योजना बनाई है। प्रमुख शहरों से संगम क्षेत्र के लिए हर 10 मिनट में बसें उपलब्ध होंगी, जिससे यात्रियों को मेला क्षेत्र तक पहुंचने में आसानी होगी।

इन संसाधनों का उपयोग करके, आप मेला क्षेत्र में अपने गंतव्य तक आसानी से पहुंच सकते हैं और महाकुंभ के आध्यात्मिक अनुभव का पूर्ण आनंद ले सकते हैं।

 

 

 

 

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