नर से नारायण बनने की कल्पना करना चाहिए -डॉ आदित्य शुक्ल

महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय में जीवन प्रबंधन के सूत्र पर कार्यशाला का आयोजन

डॉ आदित्य शुक्ल
नर से नारायण बनने की कल्पना करना चाहिए -डॉ आदित्य शुक्ल

 रायपुर | रायपुर 26 अक्टूबर शहर के गांधी चौक स्थित महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय में जीवन प्रबंधन के सूत्र पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ इस कार्यशाला में प्रख्यात वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं लेखक प्रखर वक्ता डॉ आदित्य शुक्ल ने विचार रखें और जीवन प्रबंधन के सूत्र बतलाएं वहीं आयोजन में विशेष अतिथि में अजय तिवारी अध्यक्ष शिक्षा प्रचारक समिति अनिल तिवारी महासचिव आरके गुप्ता उपाध्यक्ष एवं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर देवाशीष मुखर्जी डॉक्टर अंजनी कुमार शुक्ल दिनेश शर्मा सहित कई वरिष्ठ नागरिक एवं महाविद्यालय के स्टाफ की उपस्थिति रही आयोजन में डॉक्टर आदित्य शुक्ल ने जीवन प्रबंधन के सूत्र पर बातें रखी उन्होंने कहा की वह प्रक्रिया जो हमें पहले से बेहतर और श्रेष्ठ बना दे जीवन प्रबंधन का मूल तत्व कहलाती है उनका कहना था कि देशभर की संपूर्ण युवा पीढ़ी पर समर्पित होकर एक साधना के लिए निरंतर व्याख्यान कर रहे हैं.

इसी कड़ी में महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय में यह आयोजन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं उन्होंने बताया कि व्यक्ति के जीवन में लक्ष्य बड़ा होना चाहिए क्योंकि सृष्टि में व्यक्ति ने जन्म लिया है तो अवश्य ईश्वर से किसी कामना के निर्धारित कर अवसर प्रदान किया है उन्होंने बताया कि सद्गुणों का संग्रहण और विकारों का परित्याग प्रबंधन के लिए आवश्यक हैं उनका कहना था कि ज्ञान हमेशा व्यक्ति को लक्ष्य तक लेकर जाता है डॉक्टर आदित्य शुक्ला ने कहा की साधन संसाधन का विधि पूर्वक समय अनुकूल एवं उचित प्रयोग करने से व्यक्ति श्रेष्ठ को हासिल करता है.

वे मानते हैं कि हर मनुष्य में आंतरिक और श्रेष्ठ गुण होते हैं केवल उनकी पहचान कर बेहतर उपयोग करने से सफलता हासिल की जा सकती है सफलता समृद्धि सुख शांति और संतोष को जीवन प्रबंधन का मूल आधार बदलते हुए डॉक्टर शुक्ला ने कहा की व्यक्ति से व्यक्तित्व बनाया जा सकता है असाधारण सफलता चाहिए तो खुद को धक्का देकर सफलता की सीडी में चढ़ने की आदत डालनी होगी सफलता का मापदंड लक्ष्य है लक्ष्य एवं साधन के मध्य सामंजस्य से सफलता हासिल की जा सकती है लक्ष्य उन्मुख व्यक्ति ही परिणाम की तरफ बढ़ सकता है दुनिया में जितने लोग भी सफल साबित हुए है.

उनमें संघर्ष और कौशल शामिल रहा है ऐसे कई उदाहरण है जिसमें स्वामी विवेकानंद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी इत्यादि महापुरुष की गिनती होती है व्यक्ति कार्य से और कम से विशेषता का उपयोग करें तो निश्चित तौर पर सफल साबित होगा ज्ञान का उपयोग जीवन प्रबंधन का मुख्य हिस्सा है जो कर्म के परिणाम को छिपा देता है आयोजन में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर देवाशीष मुखर्जी ने भी अभिव्यक्ति रखी और कहा कि बच्चों का संगत सर्वांगीण विकास हो विकास हो इसीलिए महाविद्यालय निरंतर बहुमुखी विशालाओं का आयोजन कर रहा है.

क्योंकि पुस्तक की ज्ञान से व्यक्तित्व का निर्धारण नहीं किया जा सकता एक सफल व्यक्ति कई अन्य बातें शामिल होती हैं जीवन प्रबंधन व्यक्ति के कौशल का एक हिस्सा है इस पूरे संपूर्ण आयोजन में महाविद्यालय के शिक्षिका डॉक्टर किरण अग्रवाल और डॉक्टर श्वेता शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही.

व्यक्ति को हमेशा नर से नारायण बनने की कल्पना करना चाहिए क्योंकि बाकी सभी पद नाम मात्र के हैं चाहे प्रधानमंत्री हो या राष्ट्रपति आप में राष्ट्रपति से लेकर हर पद धारण करने की योग्यता होती है.

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