नई दिल्ली, 26 मार्च । Naveen Jindal raised the Now : हरियाणा में कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल ने रिफाइंड तेलों और अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड से जुड़े गंभीर स्वास्थ्य खतरों का मुद्दा उठाया। उन्होंने बुधवार 26 मार्च को संसद में इस मुद्दे पर अपनी बात रखी। उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए अधिक पारदर्शिता, सख्त नियमन और उपभोक्ता जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया।
नवीन जिंदल ने इन बिंदुओं पर की बात
- रिफाइंड सीड ऑयल के हानिकारक प्रभाव: Naveen Jindal raised the Now :अध्ययनों से पता चलता है कि बार-बार रिफाइनिंग प्रक्रिया से आवश्यक पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं और हानिकारक ट्रांस वसा का उत्पादन होता है, जिससे हृदय रोग, मधुमेह और मोटापे जैसी जीवनशैली संबंधी बीमारियों का जोखिम काफी बढ़ जाता है।
- अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के खतरे: इन अत्यधिक औद्योगिक खाद्य उत्पादों में अत्यधिक परिरक्षक, कृत्रिम योजक और अस्वास्थ्यकर वसा होते हैं, जो स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाने में योगदान करते हैं। स्पष्ट खाद्य लेबलिंग का अभाव: भ्रामक पैकेजिंग और प्रसंस्करण विधियों और हानिकारक अवयवों के बारे में पारदर्शी लेबलिंग की अनुपस्थिति के कारण
- स्पष्ट लेबलिंग की कमी : इसके साथ ही उन्होंने लेबल पर स्पष्ट जानकारी न होने का भी मुद्दा उठाया। उन्हंने कहा कि उपभोक्ताओं को अक्सर भ्रामक पैकेजिंग और लेबलिंग के कारण यह समझ नहीं आता कि वे क्या खा रहे हैं।
Naveen Jindal raised the Now : मांगें एवं प्रस्तावित समाधान
- अनिवार्य स्पष्ट लेबलिंग: जिंदल ने सरकार से सख्त खाद्य लेबलिंग कानून बनाने का आग्रह किया, जिसके तहत निर्माताओं को यह स्पष्ट रूप से उल्लेख करना होगा कि किसी उत्पाद में रिफाइंड बीज तेल है या वह अल्ट्रा-प्रोसेस्ड श्रेणी में आता है।
- स्वास्थ्य प्रभाव पर श्वेत पत्र: उन्होंने वैज्ञानिक अनुसंधान और डेटा-समर्थित नीतिगत निर्णयों की तत्काल आवश्यकता का हवाला देते हुए इन खाद्य उत्पादों के दीर्घकालिक प्रभावों पर एक सरकारी श्वेत पत्र बनाने का आह्वान किया।
- स्वस्थ विकल्पों को बढ़ावा देना: भारतीय नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए कोल्ड-प्रेस्ड तेल, पारंपरिक खाना पकाने के तरीके और न्यूनतम प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को अपनाने को प्रोत्साहित करना ।
Naveen Jindal raised the Now : कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल ने जोर देकर कहा कि जैसे-जैसे भारत विकसित भारत बनने की ओर बढ़ रहा है, खाद्य सुरक्षा और पोषण जागरूकता के माध्यम से एक स्वस्थ आबादी सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने सरकार से उपभोक्ताओं को छिपे हुए स्वास्थ्य खतरों से बचाने के लिए तत्काल कदम उठाने और एक नियामक ढांचा बनाने का आग्रह किया जो व्यक्तियों को सूचित आहार विकल्प बनाने के लिए सशक्त बनाता है।
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