Meghalaya : संगमा ने राज्यपाल को 32 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा, सरकार बनाने का दावा पेश किया

Sangma
Meghalaya: Sangma submits letter of support of 32 MLAs to Governor, stakes claim to form government

शिलांग, तीन मार्च (भाषा) नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के प्रमुख कोनराड के. संगमा ने शुक्रवार को मेघालय के राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया और उन्हें 32 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा।

संगमा ने कहा कि उन्हें भाजपा, एचएसपीडीपी और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने दावा किया कि आने वाले दिनों में समर्थन करने वाले विधायकों की कुल संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि वह अन्य दलों के साथ भी संपर्क में हैं।

उन्होंने कहा कि नई सरकार सात मार्च को सुबह 11 बजे शपथ लेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में उपस्थित रहने के लिये अपनी रजामंदी दे दी है।

संगमा ने कहा, ‘‘मैंने राज्यपाल को विभिन्न दलों के समर्थन का पत्र सौंपा है। कुल मिलाकर हमें 32 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। एनपीपी के 26 विधायकों के अलावा भाजपा और एचएसपीडीपी के दो-दो विधायक और दो निर्दलीय विधायकों भी समर्थन है।”

एनपीपी प्रमुख ने दावा किया कि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन देने के लिए विभिन्न दलों ने उनसे संपर्क किया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि नए गठबंधन का नाम अभी तय नहीं किया गया है।

एनपीपी द्वारा एचएसपीडीपी विधायकों का अपहरण किये जाने के विपक्ष के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर संगमा ने कहा, ‘‘किसी ने भी किसी का अपहरण नहीं किया है। हमें उनका पूरा समर्थन हासिल है।”

इससे पहले दिन में, तृणमूल कांग्रेस, यूडीपी, कांग्रेस, पीडीएफ और वीपीपी समेत विभिन्न दलों ने ‘गैर-एनपीपी, गैर-भाजपा’ सरकार के गठन पर चर्चा की।

तृणमूल कांग्रेस के नेता मुकुल संगमा ने कहा कि वे ‘‘भ्रष्ट नेताओं से मेघालय को बचाने” की कोशिश कर रहे हैं।

यूडीपी अध्यक्ष मेतबाह लिंगदोह ने कहा कि पार्टी को सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिये एनपीपी से कोई न्योता नहीं मिला है। संगमा समर्थक एचएसपीडीपी के दो विधायक गैर भाजपा, गैर एनपीपी दलों की बैठक में उपस्थित नहीं थे।

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मेघालय में 27 फरवरी को विधानसभा की 59 सीट पर मतदान हुआ था। बृहस्पतिवार को चुनाव के परिणाम घोषित किए गए, जिनमें एनपीपी 26 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।

वहीं, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) ने 11 सीट पर जीत हासिल की है, जबकि 2018 के चुनाव में उसे केवल छह सीट पर जीत मिली थी।

कांग्रेस और ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने पांच-पांच जबकि भाजपा ने दो सीट पर जीत हासिल की है।

नवगठित पार्टी वॉयस ऑफ पीपुल्स पार्टी (वीपीपी) ने चार, हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी) तथा पीडीएफ ने दो-दो सीट पर जीत हासिल की है जबकि दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जीत दर्ज की है।

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