डॉ आदित्य शुक्ल का “सफल व्यक्तित्व के हनुमान मंत्र” पर व्याख्यान

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डॉ आदित्य शुक्ल “सफल व्यक्तित्व के हनुमान मंत्र” पर व्याख्यान

रायपुर।  छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण समाज और छत्तीसगढ़ युवा विप्र संगठन द्वारा प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, लोकप्रिय कवि एवं श्रीरामचरितमानस के प्रवक्ता डॉ आदित्य शुक्ल द्वारा लिखित पुस्तक पर आधरित “सफल व्यक्तित्व के हनुमान मंत्र” पर व्याख्यान और मोटिवेशन का कार्यक्रम आयोजित किया गया | जहां डॉ आदित्य शुक्ल ने अपने व्याख्यान में प्रेरणादायक व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए बताया कि हनुमानजी के जीवन से प्रेरणा लेकर हम स्वयं के जीवन को कैसे सुखमय बना सकते हैं।

छिति जल पावक गगन समीरा। पंच रचित अति अधम सरीरा। 

उन्होंने  बताया कि कैसे इन पाँच तत्वों के उपयोग से अपने जीवन को सफल बना सकते है।  वो तत्व पृथ्वी, जल, अग्नि, आकाश और वायु – इन पाँच तत्वों से यह अत्यंत अधम शरीर रचा गया है ।  इन ऊर्जा के श्रोत को सकारात्मकता में बदल सकते है।  उसी प्रकार से उन्होंने इस दोहे के द्वारा “गगन समीर अनल जल धरनी। इन्ह कइ नाथ सहज जड़ करनी” अपने अंदर के जड़त्व को कैसे पहचाने।

हनुमान जी सत्य और असत्य को बखूबी समझते थे। सत्य और असत्य हर सेकेण्ड बदलता है। हनुमान जी की सबसे बड़ी सफलता वो रामदरबार के सदस्य है। कब किसके साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए यह हनुमान जी से हमें प्रेरणा मिलती है, कभी बड़ा बन जाते हैं, तो कभी छोटा बन जाते हैं, हर प्रकार की शिक्षा हनुमान जी देते हैं। 

मंत्रमुग्ध श्रोताओं को हनुमानजी की सफलता के विषय में बताते  वे तो हमारे जैसे ही मध्यम वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं। लेकिन अपने व्यक्तित्व में निहित कर्म, ज्ञान एवं भक्ति के बल पर वे श्रीराम दरबार के अनन्य सदस्य बन जाते हैं। जिस दरबार में प्रभु श्रीराम, सीताजी एवं तीनों भाइयों के साथ विराजमान हैं, उस दरबार में अपने व्यक्तित्व के बल पर स्थान प्राप्त करना हनुमानजी की सबसे बड़ी सफलता है।

अपने व्यक्तित्व को पहचानो एक कर्मचारी की पात्रता क्या है वो संस्था प्रमुख हो सकता है ,देश के नागरिक की पात्रता क्या है वो राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री बन सकता है और एक मनुष्य के रूप में नर से नारायण हो सकते है। 

इस अवसर पर योग आयोग के अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा ,विप्र समाज के अध्यक्ष नरेंद्र तिवारी ,कृषि कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा , प्रसिद्ध कवि मीर अली मीर और  शहर के प्रतिष्ठित नागरिक, कवि, साहित्यकार एवं नागरिकगण से खचाखच भरे सभाभवन में श्रोतागण शामिल हुए। अंत में अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।  कार्यक्रम का संयोजन दिनेश शर्मा, अमित शुक्ला और युवा विप्र संगठन की विशेष भूमिका रही।

 

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