Jindal & CG Govt MOU : जिंदल रिन्यूएबल पॉवर प्राइवेट लिमिटेड(JRPPL) एव राज्य शासन के बीच हुआ अनुबंध

जिंदल रिन्यूएबल पावर लिमिटेड पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट निर्माण हेतु रायगढ़ व बिलासपुर में 11,730 करोड़ रुपए का करेगा निवेश

MOU
Agreement signed between Jindal Renewable Power Private Limited (JRPPL) and State Government

रायपुर | जिंदल रिन्यूएबल पावर प्राइवेट लिमिटेड (JRPPL)ने जिला रायगढ़ व बिलासपुर में लगभग 11,730 करोड़
रुपए निवेश के साथ पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट निर्माण हेतु प्लांट लगाने के लिए छत्तीसगढ शासन के साथ  एम,ओ यू . किया ।

इसकी कुल छमता 2160 M/W होगी, नए संयंत्र लगाने के लिए छत्तीसगढ सरकार के साथ हुए एमओयू (MOU) पर
शासन की ओर से भुवनेश यादव सचिव वाणिज्य एवम उद्योग विभाग और कंपनी की ओर से अधिकृत
हस्ताक्षरकर्ता प्रदीप टंडन ने हस्ताक्षर किये।

प्रदीप टंडन ने बताया कि पंप-भंडारण पनबिजली ( पीएसएच ), या पंप पनबिजली ऊर्जा भंडारण (पीएचईएस ), एक प्रकार का जलविद्युत ऊर्जा भंडारण है जिसका उपयोग विद्युत ऊर्जा प्रणालियों द्वारा लोड संतुलन के लिए किया जाता है । यह विधि पानी की गुरुत्वाकर्षण संभावित ऊर्जा के रूप में ऊर्जा को संग्रहीत करती है जिसे कम ऊंचाई वाले जलाशय से उच्च ऊंचाई तक पंप किया जाता है। ।कम विद्युत मांग के समय, ऊपरी जलाशय में पानी पंप करने के लिए अतिरिक्त उत्पादन क्षमता का उपयोग किया जाता है। जब अधिक मांग होती है, तो टरबाइन के माध्यम से पानी को निचले जलाशय में वापस छोड़ दिया जाता है , जिससे बिजली पैदा होती है।

पंप-भंडारण पनबिजली आंतरायिक स्रोतों (जैसे सौर , पवन ) और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा, या निरंतर बेस-
लोड स्रोतों (जैसे कोयला या परमाणु) से अतिरिक्त बिजली को उच्च मांग की अवधि के लिए बचाने की अनुमति
देती है । पंप भंडारण के साथ उपयोग किए जाने वाले जलाशय समान बिजली क्षमता के पारंपरिक जलविद्युत
बांधों की तुलना में काफी छोटे होते हैं, और उत्पादन अवधि अक्सर आधे दिन से भी कम होती है

टंडन ने कहा की पीएसपी दो प्रकार के होते हैं।ओपन-लूप सिस्टम जिसमें, शुद्ध पंप-भंडारण संयंत्र बिना किसी प्राकृतिक प्रवाह के ऊपरी जलाशय में पानी जमा करते हैं, जबकि पंप-बैक संयंत्र एक ऊपरी जलाशय के साथ पंप किए गए भंडारण और पारंपरिक जलविद्युत संयंत्रों के संयोजन का उपयोग करते हैं जो आंशिक रूप से प्राकृतिक प्रवाह से भर जाता है । दूसरी बंद लूप प्रडाली होती है जिसमे अपेक्षाकृत निकट स्थित होती है, लेकिन जितना संभव हो उतना ऊपर, पानी का एक दूसरा भंडार भी होता है।

कुछ स्थानों पर यह प्राकृतिक रूप से होता है, अन्य स्थानों पर एक या दोनों जल निकाय मानव निर्मित होते हैं। ऐसी परियोजनाएँ जिनमें दोनों जलाशय कृत्रिम हैं और जिनमें किसी भी जलाशय से कोई प्राकृतिक प्रवाह शामिल नहीं है, उन्हें बंद लूप प्रणाली कहा जाता है।भारत सरकार ने सेल्फ आइडेंटिफाइड बंद लूप प्रोजैक्ट्स को प्रोत्साहन देने के लिए उनको
भी नेशनल और स्टेट पालिसी में समायोजित कर लिया है और यह MoU उसी के लिए किया गया है

पीएसपीएस के अधिकांश इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल हिस्से भारत में भी बनाए जाते हैं जो की आत्मनिर्भर
भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं।इस प्रॉजेक्ट के आने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा एवम क्षेत्र का संपूर्ण
विकास भी होगा।

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