नई दिल्ली,
सर्वे 2021-22 पेश हो गया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे पेश किया। इसमें 9.2 फीसदी ग्रोथ का अनुमान जताया गया है। इसकी उम्मीद पहले से की जारी थी। अब इस बात पर मुहर लग गई है कि कोरोना की मार के बाद से देश की अर्थव्यवस्था तेज ग्रोथ के रास्ते पर लौट रही है।
सर्वे में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान एग्री सेक्टर की ग्रोथ 3.9 फीसदी रहेगी। इस वित्त वर्ष में इंडस्ट्रियल ग्रोथ 11.8 फीसदी रहेगी। इकोनॉमिक सर्वे में अर्थव्यवस्था को लेकर कई अहम बातों का ऐलान किया गया है।
खास बात यह है कि यह सर्वे तब तैयार किया गया है, जब देश में मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) का पद खाली था। हालांक, इकोनॉमिक सर्वे से ठीक पहले सरकार ने इस पद नियुक्ति कर दी है। सरकार के आर्थिक वृद्धि दर के पहले अग्रिम अनुमान में ग्रोथ रेट 9.2 फीसदी रहने की बात कही गई है।
लोगों के हाथ में अधिक पैसा पहुंचाने की कोशिश होगी
कोरोना संकट और अब महंगाई से आम आदमी पर दोतरफा मार पड़ी है। इस बाजट में आम आदमी के हाथ में खर्च के लिए अधिक पैसा पहुंचाने की कोशिश की जा सकती है। अर्थशास्त्रियों और उद्योग जगत ने भी इसकी मांग की है। आम आदमी के पास बचत बढ़ने से मांग बढ़ेगी। यह अर्थव्यस्था की गति तेज करने का काम करेगा। माना जा रहा है कि बजट में 80 सी के तहत दो लाख रुपये तक की कर छूट देने की घोषणा हो सकती है। साथ ही समाज के सबसे निचले वर्ग के हाथ में पैसा पहुंचाने के लिए मनरेगा पर आवंटन बढ़ाया जा सकता है। शहरी मनरेगा शुरू करने की भी घोषणा हो सकती है। किसान सम्मान निधि के तहत रकम बढ़ाने की घोषणा भी हो सकती है।
उद्योगों को बढ़ावा देने पर विशेष जोर संभव
आर्थिक समीक्षा से मिले संकेत के आधार पर बजट में बुनियादी ढांचे, दूरसंचार, मैन्यूफैक्चिरिंग, हेल्थ, एमएसएई, पर्यटन आदि पर विशेष जोर दिया जा सकता है। इसके अलावा कृषि को बढ़ावा देने के लिए किसानों को लेकर कई घोषणाएं हो सकती हैं। बजट में इस बार रोजगार बढ़ाने वाले क्षेत्र पर मुख्य जोर देखने को मिल सकता है। साथ ही पीएलआई योजना की सफलता को देखते हुए इसका दायरा बजट में बढ़ाने का ऐलान हो सकता है।
भारती रिजर्व बैंक के दिसंबर में जारी ग्रोथ के अनुमान के मुकाबले थोड़ा कम है। फिर भी, कोरोना के बाद भारत की ग्रोथ दुनिया में सबसे तेज रहने की उम्मीद है। कई आर्थिक आंकड़ों से इस बात के सबूत मिले हैं। कोरोना की महामारी से उबर रहे इकोनामिक सर्वे में अर्थव्यवस्था के लिए कई अहम बातें कही गई हैं।
इसमें यह बताया गया है कि इकोनॉमी निगेटिव ग्रोथ रेट के दौर से बाहर निकल गई है। लेकिन, तेज ग्रोथ को बनाए रखने के लिए अहम कदम उठाने होंगे।