विभागीय लापरवाही ने ली आदिवासी छात्र की जान – गागड़ा

मलेरिया से छात्र के मौत के बाद पूर्व मंत्री गागड़ा ने किया पोटाकेबिन का दौरा... अधीक्षक व परिजन के बयान में मेल नही...

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विभागीय लापरवाही ने ली आदिवासी छात्र की जान - गागड़ा

बीजापुर,नवीन कुमार लाटकर | आदिवासी छात्र की मलेरिया से मौत के बाद पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने पोटाकेबिन का दौरा किया और विभागीय लापरवाही से छात्र की मौत होने का आरोप लागया। जिले के चिन्नाकोड़ेपाल में संचालित पोटाकेबीन में सोमवार को मलेरिया से छठवीं कक्षा के छात्र बबलू पुनेम बारह वर्षीय चिलनार निवासी की मौत हुआ था। जिसके बाद छत्तीसगढ शासन में पूर्व कैबिनेट महेश गागड़ा पोटाकेबिन का निरीक्षण करने पहुंचे थे निरीक्षण के दौरान भारी अव्यवस्था देखने को मिली परिसर में गंदगी साफ- सफाई के साथ शयन कक्ष में मच्छरदानी का अभाव देखने को मिला।

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गागड़ा ने संबंधित विभाग और पोटाकेबिन के अधीक्षक पर ध्यान न देने और लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है गागड़ा ने बताया है तबियत बिगड़ने बाद छात्र रात्रि में अधीक्षक को उठाने का प्रयास किया था परंतु अधीक्षक ने नजर अंदाज किया,अगले दिन जब बीमार ज्यादा बड़ी तब आनन फानन में अस्पताल लाया गया और छात्र को परिजनों को सौंपा गया। विभागीय लापरवाही बरतने के चलते छात्र की मौत हुई है जिला प्रशासन संबंधितो पर आवश्यक कार्यवाही करे ऐसी मांग करते हैं।

गागड़ा ने आगे बताया कि बीते दिनों भी भैरमगढ़ के अलग अलग आश्रमों का दौरा किया जहां मालूम हुआ कि दवाई व इंजेक्शन समय पर आवश्यता अनुसार उपलब्ध नही हो रहा है। एक इंजेक्शन दिया जा रहा है विभाग की ओर से बाकी अधीक्षक से खरीदने की बात की जा रही है और अधीक्षक नहीं खरीद रहे,अंत में नुकसान आदिवासी छात्र छात्राओं को उठाना पड़ रहा है ये घोर लापरवाही को दर्शाता है। जरूरत है संबंधित विभाग के अधिकारी जिला मुख्यालय से बाहर निकलकर दौरा करें और आवश्यकताओं पर ध्यान दें और आवश्यक कार्य करें। चिन्ना कोडेपाल में मच्छरदानी समेत अन्य सामग्री आज पर्यन्त तक उपलब्ध कराई गई है डीएमसी से फोन पर चर्चा के बाद सामग्रियां उपलब्ध करवाने की बात कही।
इस दौरान जिला अध्यक्ष श्रीनिवास मुदलियार, जिलाराम राना, फूलचंद गागड़ा,रंजना,पुष्पा सिन्हा, पुजा पोंदी, नंदिनी यादव,संगीता दसर समेत अन्य कार्यकर्ता और मीडिया कर्मी मौजूद रहे।

अस्पताल प्रशासन भी जिम्मेदार

छात्र को मलेरिया के चलते अस्पताल में दाखिल कराया गया था जिनका लगातार उपचार करने के बजाय जिला अस्पताल प्रशासन ने किस आधार पर एक ही दिन में छात्र को डिस्चार्ज दिया गया,ये भी बड़ी लापरवाही है जिला चिकित्सा आधिकारी संज्ञान लेते हुए इस पर कार्यवाही करे।

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