मंत्रिपरिषद को जाने किसका जन्म कहां और कब हुआ, क्या है शिक्षा दीक्षा

छत्तीसगढ़
मंत्रिपरिषद को जाने किसका जन्म कहां और कब हुआ,क्या है शिक्षा

मंत्रिपरिषद – परिचय

मंत्रिपरिषद को जाने किसका जन्म कहां और कब हुआ क्या है शिक्षा दीक्षा छत्तीसगढ़ के वर्त्तमान मंत्री मंडल के जीवन से जुड़े बातों को यहां देख सकते है

नाम परिचय
श्री बृजमोहन अग्रवाल

श्री बृजमोहन अग्रवाल

स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, संसदीय कार्य, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल का जन्म रायपुर के रामसागर पारा निवासी प्रतिष्ठित व्यवसायी श्री रामजीलाल के घर 01 मई 1959 को हुआ। सामाजिक एवं राजनैतिक कार्यों में अग्रणी रहे। अपने परिवार का प्रभाव श्री अग्रवाल पर बचपन से ही पड़ा। जनसेवा की भावना सदैव से ही उनके मन में रही है, यही उनकी एक बड़ी पहचान भी है। श्री अग्रवाल का विवाह श्रीमती सरिता देवी अग्रवाल से हुआ है। उनके दो पुत्र और एक पुत्री हैं। श्री अग्रवाल ने एम.कॉम, एम.ए., एलएलबी और डी.बी.एम. की शिक्षा प्राप्त की है। उनकी साहित्य, शिक्षा, पठन-पाठन, समाज सेवा और परिचर्चा में विशेष अभिरूचि रही है।
श्री अग्रवाल पहली बार वर्ष 1990 में रायपुर नगर क्षेत्र से विधायक चुने गये। उत्कृष्ट कार्य क्षमता के चलते मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री सुंदर लाल पटवा ने अपने मंत्री मंडल में उन्हें शामिल कर स्थानीय शासन एवं नगरीय कल्याण राज्य मंत्री बनाया। तत्पश्चात् श्री अग्रवाल को विज्ञान, टेक्नॉलॉजी एवं पर्यटन विभाग का राज्य मंत्री बनाकर स्वतंत्र प्रभार सौंपा।
श्री बृजमोहन अग्रवाल पुनः 1993 एवं 1998 में विधायक चुने गये। मध्यप्रदेश विधानसभा ने श्री  अग्रवाल की कार्यक्षमता, संसदीय ज्ञान, व्यवहार और सदन में सक्रियता के कारण उन्हें 1997 में उत्कृष्ट विधायक घोषित किया। वर्ष 2003 में श्री अग्रवाल चौथी बार रायपुर नगर से विधानसभा प्रत्याशी के रूप में विजयी हुये। वे 12 दिसम्बर 2003 को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के मंत्रिमंडल में गृह, जेल, श्रम, संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री बनाये गये। तत्पश्चात् वे राजस्व एवं पुनर्वास, विधि एवं विधायी, संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री बनाये गये। श्री अग्रवाल को वर्ष 2006 में वन, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री का अतिरिक्त प्रभार दिया गया।
श्री बृजमोहन वर्ष 2008 में विधानसभा चुनाव में पांचवी, वर्ष 2013 में छठवी बार रायपुर दक्षिण क्षेत्र से विजयी हुये। श्री अग्रवाल 2008 में लोक निर्माण, स्कूल शिक्षा, संसदीय कार्य, पर्यटन, संस्कृति, धार्मिक न्यास और धर्मस्व मंत्री बनाए गए। उन्होंने 2013 में कृषि, पशुपालन, मछलीपालन, जल संसाधन, आयकर, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के मंत्री पद का प्रभार भी संभाला। श्री बृजमोहन अग्रवाल की कार्यशैली, विषयों में पकड़ एवं 33 वर्षों के लम्बे संसदीय कार्यानुभव को देखते हुए केन्द्र सरकार ने उन्हें देश की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के सलाहकार समिति का चेयरमेन बनाया। इसके बाद श्री अग्रवाल ने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में सातवीं बार और वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में आठवीं बार विजय प्राप्त की।

श्री रामविचार नेताम

आदिम जाति विकास, अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास, कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम का जन्म सरगुजा संभाग के जिला बलरामपुर के ग्राम सनावल में एक मार्च 1962 में हुआ। उनके पिता स्वर्गीय श्री रामलोचन और माता स्वर्गीय श्रीमती जिदहुलिया देवी थी। उनकी पत्नी श्रीमती पुष्पा सिंह है। उनके एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं। उन्होंने स्नातक तक शिक्षा प्राप्त की है। उनकी अभिरुचि संगीत, कला, पर्यटन क्षेत्र में है। उनका व्यवसाय कृषि है। श्री नेताम का जीवन संघर्षों और उपलब्धियों से भरा हुआ है। कृषि, बागवानी और खेल के प्रति विशेष रूचि रखने वाले श्री नेताम ने अपने सार्वजनिक जीवन में जनहित को सदैव प्राथमिकता में रखकर कार्य किया।
श्री रामविचार नेताम ने पाठशाला से कॉलेज तक का सफर चुनौतियों से जीतकर तय किया। सुदूर ग्रामीण अंचल में पले-बढ़े श्री नेताम शिक्षा के प्रति विशेष रूचि रखते हैं, उन्हें अध्ययन अध्यापन दोनों में रूचि है, इसी रूचि ने उन्हें शाला नायक से शिक्षक की भूमिका तक पहुँचाया। वह रामचन्द्रपुर ब्लॉक (सरगुजा) चाकी गांव के शासकीय प्राथमिक विद्यालय में बतौर शिक्षक पदस्थ रहे। शिक्षक रहते हुए उन्होंने समाज सेवा का संकल्प लेकर सामाजिक जीवन में पदार्पण किया।
उनकी विशेष उपलब्धियों में छात्र जीवन से ही जनहित के मुद्दे पर संघर्ष, गरीबों के लिए आंदोलन, तेन्दूपत्ता मजदूरों व अन्य मजदूरों के मजदूरी बढ़ाने को लेकर आंदोलन, विधायक रहते हुए किसानों की लड़ाई लड़ते 11 दिन जेल जाना पड़ा।
श्री नेताम वर्ष 1990 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद वर्ष 1993, 1998, 2003, 2008 और वर्ष 2023 में विधायक निर्वाचित हुए। वर्ष 2003 से वर्ष 2005 तक वे छ.ग. शासन में आदिम जाति कल्याण एवं राजस्व, वर्ष 2005 से वर्ष 2008 तक गृह, जेल एवं सहकारिता, वर्ष 2008 से वर्ष 2012 तक पंचायत एवं ग्रामीण विकास, विधि-विधायी, वर्ष 2012 से वर्ष 2013 तक जल संसाधन, उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री रहे। श्री नेताम जून 2016 से जून 2022 तक राज्यसभा सांसद भी रहे। श्री नेताम ने यू.एस.ए. (अमेरिका) नार्वे, जर्मनी, स्वीडन, दुबई, सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैण्ड, अफ्रीका, सिएरा लियोन जैसे देशों की यात्राएं की है।
श्री दयालदास बघेल

श्री दयालदास बघेल

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री दयालदास बघेल का जन्म 1 जुलाई 1954 को बेमेतरा जिले के नवागढ़ तहसील के ग्राम कुंरा में हुआ। उनके पिता का नाम श्री बसावन बघेल है। उनकी पत्नी श्रीमती अमला बघेल हैं। उन्होंने कक्षा 10वीं तक शिक्षा प्राप्त की है। उनके दो पुत्र और चार पुत्रियां हैं।
मंत्री श्री दयाल दास बघेल ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत अपने गांव कुंरा में सरपंच के रूप में की थी। इसके बाद वे जिला पंचायत दुर्ग के सदस्य बने। वर्ष 2003 में श्री दयाल दास बघेल पहली बार विधायक निर्वाचित हुए तत्पश्चात वर्ष 2008 में दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए, वर्ष 2013 में तीसरी बार विधायक बने और वर्ष 2023 के विधानसभा नवागढ़ क्षेत्र से चौथी बार विधायक निर्वाचित हुए।
मंत्री श्री दयालदास बघेल वर्ष 2004 में छत्तीसगढ़ विधानसभा की प्राक्कलन समिति, पुस्तकालय समिति के सदस्य रहे। वर्ष 2008 में अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रहे। वर्ष 2009 में छत्तीसगढ़ शासन में वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के मंत्री भी रहे और छत्तीसगढ़ विधानसभा की शासकीय आश्वासनों संबंधी समिति, आचरण समिति, सदस्य सुविधा एवं सम्मान समिति के सदस्य रहे। वर्ष 2014-15 में वे छत्तीसगढ़ विधानसभा के सभापति सदस्य सुविधा एवं सम्मान समिति-सदस्य सामान्य प्रयोजन समिति रहे। मंत्री श्री बघेल वर्ष 2015 में सहकारिता, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के मंत्री रहे।
श्री केदार कश्यप

श्री केदार कश्यप

वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास एवं सहकारिता मंत्री श्री केदारनाथ कश्यप का जन्म 5 नवम्बर 1974 को फरसागुड़ा, ग्राम व पोस्ट-भानपुरी, जिला बस्तर (छ.ग.) में हुआ था। उनके पिता का नाम स्वर्गीय श्री बलीराम कश्यप और उनकी माता का नाम श्रीमति मनकी बाई कश्यप हैं। इनकी पत्नी का नाम श्रीमती शांति कश्यप है। इनके एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं। श्री कश्यप की शैक्षणिक योग्यता स्नातकोत्तर (एम.ए. हिंदी साहित्य) है। इनकी अभिरूचि कृषि, सामाजिक और राजनैतिक क्षेत्र में रही है। इनकी विशेष उपलब्धियों में जावंगा एजुकेशन सिटी, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय बेसोली, करपावड़, नारायणपुर और ओरछा की स्थापना शामिल है। श्री केदार कश्यप वर्ष 2003 में प्रथम बार विधायक निर्वाचित हुए, दूसरी बार वर्ष 2008 में विधायक निर्वाचित हुए और मंत्रीमंडल में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), लोक स्वास्थ्य यात्रिकी विभाग के पद पर रहे। इसी तरह वर्ष 2013 में तीसरी बार निर्वाचित होकर मंत्री आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास, स्कूल शिक्षा के पद पर रहे। श्री केदार कश्यप संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर अपने कर्तव्यों का कुशल निर्वहन कर रहे हैं।
श्री लखन लाल देवांगन

श्री लखन लाल देवांगन

वाणिज्य और उद्योग एवं श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन का जन्म 12 अप्रैल 1962 को कोरबा में हुआ। उन्होंने बी.ए. प्रथम वर्ष तक शिक्षा प्राप्त की है। उनके पिता स्व. तुलसीराम देवांगन हैं। उनकी धर्मपत्नी का नाम श्रीमती रामकुमारी देवांगन है, उनके एक पुत्र एवं 3 पुत्री हैं। उनके परिवार का मुख्य व्यवसाय कृषि है। श्री देवांगन का राजनीतिक जीवन उतार-चढ़ाव के संघर्षों और उपलब्धियों से भरा रहा। वे सार्वजनिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे।
श्री लखन लाल देवांगन वर्ष 1999 में प्रथम बार कोरबा नगर निगम के पार्षद पद पर निर्वाचित हुए। इसके पश्चात वह 2004 में नगर पालिका कोरबा के महापौर चुने गए। वर्ष 2013 में श्री देवांगन कटघोरा विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए। छत्तीसगढ़ शासन में उन्होंने संसदीय सचिव के रूप में भी कार्य किया। 2023 के विधानसभा चुनाव में वह कोरबा विधानसभा सीट से विधायक के रूप में विजयी हुए।
श्री ओ.पी. चौधरी

श्री ओ.पी. चौधरी

वित्त, वाणिज्य कर, आवास एवं पर्यावरण, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी का जन्म छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के बायंग नामक गांव में एक सामान्य कृषक परिवार में हुआ। उनके पिताजी श्री दीनानाथ चौधरी शासकीय प्राथमिक शाला में शिक्षक थे। जब वे केवल 8 वर्ष के थे और कक्षा दूसरी में पढ़ते थे, तभी उनके पिताजी का देहांत हो गया था। पिताजी के असामयिक निधन के बाद माँ कौशल्या का जीवन चुनौतियों से भरा हुआ रहा। माँ मात्र चौथी कक्षा तक पढ़ी हुई सामान्य गृहिणी हैं। उन्होंने अपने तीनों बच्चों की परवरिश में अपना सर्वस्व लगा दिया। श्री ओ.पी. चौधरी ने 5वीं तक की पढ़ाई प्राथमिक शाला बायंग, कक्षा 6वीं से 8वीं तक की पढ़ाई शासकीय मिडिल स्कूल जैमुरा और 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नन्देली में पूरी की। वे बचपन से ही कलेक्टर बनना चाहते थे। कठिन परिस्थितियों में पढ़ाई कर अत्यंत कम उम्र में 2005 में उनका चयन I.A.S. के लिए हुआ। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद छत्तीसगढ़ से चयनित होने वाले वे प्रथम I.A.S. बने। उन्होंने I.A.S. में चयन के बाद अपनी कर्मभूमि के रूप में छत्तीसगढ़ को ही चुना।
श्री ओ.पी. चौधरी की जीवनसाथी डॉ. अदिति पटेल की सोच और मानसिकता भी उनके समरूप है। उन्होंने भी अपने जीवन में अनेक संघर्षों का सामना किया है। उन्होंने भी 8 साल की उम्र में अपने पिता को खोया। डॉ. अदिति पटेल, मेडिकल कॉलेज रायपुर से एम.बी.बी.एस. करके डॉक्टर बनी और उसके बाद उन्होंने भी सिविल सेवा का रास्ता चुना और अपने प्रथम प्रयास में ही इण्डियन रेलवे पर्सनल सर्विस के लिए चयनित हुई। श्री ओ.पी. चौधरी ने कलेक्टर के रूप में दंतेवाड़ा, जांजगीर-चांपा और रायपुर में सफलतापूर्वक अपनी भूमिका निभायी। दंतेवाड़ा में एजुकेशन सिटी, लाइवलीहुड कॉलेज, छू लो आसमान, तमन्ना, नन्हे परिन्दे जैसी नवीन परियोजनाओं से नयी शिक्षा क्रांति लाकर नक्सलवाद की जड़ों पर प्रहार किया। उन्हें वर्ष 2011-12 में व्यक्तिगत श्रेणी में ‘‘ प्रधानमंत्री एक्सीलेंस‘‘ अवार्ड से सम्मानित किया गया। राजधानी रायपुर में युवाओं के लिए श्री ओ.पी. चौधरी ने नालंदा परिसर जैसी अद्वितीय और देश की प्रथम परियोजना को साकार किया। उन्होंने 13 वर्ष तक I.A.S.में सेवा देने के बाद अपनी 24 वर्ष की शेष बची नौकरी को छोड़कर राजनीति में आने का निर्णय लिया। वे आने वाली पीढ़ी के बेहतर भविष्य के निर्माण को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हैं।
श्री श्याम बिहारी जायसवाल

श्री श्याम बिहारी जायसवाल

लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, बीस सूत्रीय कार्यान्वयन मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल का जन्म 01 अक्टूबर 1976 को ग्राम रतनपुर पोस्ट तामाडांड जिला कोरिया में हुआ। इनके पिता का नाम स्व. श्री सूरजदीन जायसवाल है। श्री बिहारी ने रसायन शास्त्र में एम.एससी. की डिग्री ली है। इनका विवाह 26 अप्रैल 1998 को श्रीमती कांति जायसवाल से हुआ है। इनके 2 पुत्र एवं 1 पुत्री हैं। इनका मुख्य व्यवसाय कृषि एवं राईस मिलर है। श्री जायसवाल की अभिरूचि किताबें पढ़ना, समाज सेवा है। श्री जायसवाल वर्ष 2009 से 2013 तक खड़गांव के जनपद पंचायत उपाध्यक्ष रहे। वर्ष 2013-2018 तक मनेन्द्रगढ़ विधायक रहे। तत्पश्चात वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में पुनः मनेन्द्रगढ़ से विधायक निर्वाचित हुए हैं।
श्री टंक राम वर्मा

श्री टंक राम वर्मा

खेलकूद एवं युवा कल्याण, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री श्री टंक राम वर्मा का जन्म 12 जून 1962 को ग्राम चांपा (सैहा) तहसील बलौदाबाजार में जिला बलौदाबाजार-भाटापारा में हुआ। श्री वर्मा के पिता का नाम स्वर्गीय श्री सोनचंद वर्मा है। उनकी माता का नाम स्वर्गीय श्रीमती गैंदी वर्मा है। श्री वर्मा ने राजनीति शास्त्र और समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री के साथ एल.एल.बी की भी डिग्री ली है। श्री वर्मा का विवाह श्रीमती किरण वर्मा से हुआ। श्री टंक राम वर्मा की समाज सेवा, ग्रामीण विकास, धार्मिक एवं समाजिक कार्य, गीत-संगीत एवं भौगोलिक भ्रमण में विशेष रूचि है। श्री वर्मा ने 2016 में धर्म प्रवाह, जनवरी 2017 में धर्म पथ एवं जनवरी 2018 में धर्म दृष्टि स्मारिका का प्रकाशन और निःशुल्क वितरण करवाया। जुलाई 2023 में दिशा (जीवनोपयोगी प्रेरक कथाएं) का प्रकाशन कराया।
श्री वर्मा पहली बार 1979 में शास.उ.मा.शाला गूमा (पलारी) में छात्र संघ अध्यक्ष बने। तत्पश्चात 1982 में छत्तीसगढ़ी लोक कला मंच ‘गरीब के गोहार‘ का गठन किया। वे 1986 में बी.टी.आई. महासमुंद छात्र परिषद के अध्यक्ष भी रहे और 1993 में शिक्षक संघ बलौदाबाजार विकासखण्ड के अध्यक्ष रहे। वे 1996 में शिक्षक संघ रायपुर जिला उपाध्यक्ष रहे। सन् 2000 में छ.ग. मनवा कुर्मी समाज पलारी के युवा अध्यक्ष रहे। श्री टंक राम वर्मा को 36 वर्ष की शासकीय सेवा में माननीय विधायक, सांसद, केन्दीय मंत्री भारत सरकार, छत्तीसगढ़ शासन के मंत्रीगणों के साथ विगत 26 वर्ष तक कार्य करने का अनुभव रहा। वर्तमान में श्री वर्मा अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा के उपाध्यक्ष, स्व. सोनचंद वर्मा स्मृति फाउंडेशन के संयोजक और उपाध्यक्ष जिला पंचायत रायपुर भी हैं। वे वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए।
श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े

श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े

महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े का जन्म 10 नवंबर 1992 को ग्राम कटोरा पटना जिला कोरिया में हुआ है। उन्होंने हायर सेकेण्डरी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वर्ष 2022 में बी. ए. द्वितीय वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण की है। उनके पिता श्री ललित राजवाड़े है जो एसईसीएल के कर्मचारी रहे हैं। श्रीमती राजवाड़े का विवाह सूरजपुर जिले के लटोरी तहसील के ग्राम बीरपुर निवासी श्री ठाकुर प्रसाद राजवाड़े के साथ हुआ है। श्रीमती राजवाड़े का मूल व्यवसाय कृषि है।
श्रीमती राजवाड़े ने 2011 से अपनी राजनैतिक जीवन की शुरूआत की। वह 2015 में सूरजपुर जनपद और वर्ष 2020 में जिला पंचायत सूरजपुर की सक्रिय सदस्य रही। इस दौरान उन्होंने ग्रामीण विकास के लिए उल्लेखनीय काम किया। इसके बाद वह 2023 में पहली बार भटगांव विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुनी गई हैं।

 

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उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा

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उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा

श्री शर्मा मूलतः कवर्धा के निवासी है। उप मुख्यमंत्री व कवर्धा विधायक श्री विजय शर्मा का जन्म 19 जुलाई 1973 को एक किसान परिवार में हुआ। भौतिकशास्त्र में स्नातकोत्तर श्री विजय शर्मा ने इसके साथ ही इंग्लिश लेग्वेज में डिप्लोमा लिया। श्री शर्मा ने छात्र जीवन से ही सार्वजनिक जीवन में कदम रख लिया था।

उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव

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उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव

छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव का जन्म 25 नवम्बर 1968 को रायपुर में हुआ था। उनके पिता का नाम स्वर्गीय श्री अभय राम साव और माता का नाम श्रीमती प्रमिला साव हैं। श्री अरूण साव का विवाह 17 अप्रैल 2000 को श्रीमती मीना साव से हुआ। उनके एक पुत्र हैं। श्री साव ने मुंगेली के बी.एस.एन.जी. कॉलेज से बी.कॉम. और बिलासपुर के के.आर. लॉ कॉलेज से एल.एल.बी. की शिक्षा प्राप्त की है।

किसान परिवार से आने वाले उप मुख्यमंत्री श्री साव पेशे से अधिवक्ता रहे हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एवं अन्य संगठनों के सदस्य के रूप में वे 1990 से अनेक सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहे हैं। उन्हें कबड्डी, वॉलीबाल, क्रिकेट और बैडमिंटन जैसे खेल देखने और खेलने के साथ ही ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व के स्थलों का भ्रमण करने में भी खासी रूचि है।

श्री अरूण साव 2019 में बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए। सांसद के रूप में वे 17वीं लोकसभा में कोयला और खान मंत्रालय के परामर्शदात्री समिति तथा कोयला और इस्पात संबंधी स्थाई समिति के सदस्य रहे।

 मंत्रिपरिषद को जाने किसका जन्म कहां और कब हुआ,क्या है शिक्षा
श्री विष्णु देव साय

मुख्यमंत्री परिचय
श्री विष्णु देव साय

रायपुर, 11 दिसम्बर 2023 / छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का जन्म 21 फरवरी सन् 1964 को छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के फरसाबहार विकासखण्ड के ग्राम बगिया में हुआ। उनके पिता स्वर्गीय श्री राम प्रसाद साय और माता श्रीमती जसमनी देवी साय हैं। श्री विष्णुदेव साय का विवाह 27 मई 1991 को श्रीमती कौशल्या देवी साय से हुआ। उनके एक पुत्र और दो पुत्रियां हैं। श्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले के कुनकुरी से अपनी हायर सेकेण्डरी की शिक्षा संपन्न की।
श्री विष्णुदेव साय का मूल व्यवसाय कृषि है। किसान परिवार के श्री साय ने लंबा राजनीतिक सफर तय कर ऊंचा मुकाम हासिल किया। उन्होंने तत्कालीन अविभाजित मध्यप्रदेश में सन् 1989 में बगिया ग्राम पंचायत के पंच के रूप में अपने राजनीतिक जीवन शुरुआत की। श्री साय सन् 1990 में ग्राम पंचायत बगिया के निर्विरोध सरपंच चुने गए। श्री साय सन् 1990 में पहली बार तपकरा विधानसभा से विधायक बने । श्री विष्णुदेव साय 1990 से 98 तक तत्कालिन मध्यप्रदेश के विधानसभा तपकरा से दो बार विधायक रहे । श्री विष्णुदेव साय सन् 1999 से लगातार रायगढ़ से 4 बार सांसद चुने गए। उन्होंने लोकसभा क्षेत्र रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से सन् 1999 में 13वीं लोकसभा, 2004 में 14वीं लोकसभा, सन् 2009 में 15वीं लोकसभा और 2014 में 16वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में उल्लेखनीय कार्य किए। श्री विष्णुदेव साय ने 27 मई 2014 से 2019 तक केन्द्रीय राज्य मंत्री के रूप में इस्पात, खान, श्रम व रोजगार मंत्रालय का प्रभार संभाला।
श्री विष्णुदेव साय मूलतः किसान परिवार से है, लेकिन उनके परिवार के राजनीतिक अनुभव का लाभ उन्हें मिला। उनके बड़े पिताजी स्वर्गीय श्री नरहरि प्रसाद साय, स्वर्गीय श्री केदारनाथ साय लंबे समय से राजनीति में रहे। स्वर्गीय श्री नरहरि प्रसाद लैलूंगा और बगीचा से विधायक और बाद में सांसद चुने गए। केंद्र में संचार राज्यमंत्री के रूप में भी उन्होंने काम किया। स्वर्गीय श्री केदारनाथ साय तपकरा से विधायक रहे। श्री विष्णुदेव साय के दादा स्वर्गीय श्री बुधनाथ साय भी सन् 1947-1952 तक विधायक रहे।

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