Adani issues response to Hindenburg’s : अडाणी ने 413 पन्नों का जवाब जारी किया, हिंडनबर्ग के आरोपों को भारत पर हमला बताया

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Adani issues 413-page reply, calls Hindenburg's allegations an attack on India

नयी दिल्ली, (भाषा) Adani issues response to Hindenburg’s :  उद्योगपति गौतम अडाणी के समूह ने वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों को ‘‘भारत, उसकी संस्थाओं और विकास की गाथा पर सुनियोजित हमला’’ बताते हुए रविवार को कहा कि आरोप ‘‘झूठ के सिवाय कुछ नहीं’’ हैं।.

अडाणी समूह ने 413 पन्नों के जवाब में कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ‘‘मिथ्या धारणा बनाने’’ की ‘‘छिपी हुई मंशा’’ से प्रेरित है, ताकि अमेरिकी कंपनी को वित्तीय लाभ मिल सके।

समूह ने कहा है, ‘‘यह केवल किसी विशिष्ट कंपनी पर एक अवांछित हमला नहीं है, बल्कि भारत, भारतीय संस्थाओं की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता, तथा भारत की विकास गाथा और महत्वाकांक्षाओं पर एक सुनियोजित हमला है।’’

413 पन्नों के जवाब में अडानी ग्रुप ने कहा कि रिपोर्ट “झूठा बाजार बनाने” के “एक छिपे हुए मकसद” से प्रेरित थी ताकि अमेरिकी फर्म को वित्तीय लाभ मिल सके.

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यह कहते हुए कि हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी की रिपोर्ट में आरोप “झूठ के अलावा कुछ नहीं” हैं, यह कहा गया है कि दस्तावेज़ “चुनिंदा गलत सूचना का एक दुर्भावनापूर्ण संयोजन है और एक गुप्त उद्देश्य को चलाने के लिए आधारहीन और बदनाम आरोपों से संबंधित तथ्यों को छुपाया गया है”

जवाब में कहा गया है कि यह हितों के टकराव से व्याप्त है और केवल अनगिनत निवेशकों की कीमत पर गलत तरीके से बड़े पैमाने पर वित्तीय लाभ बुक करने के लिए हिंडनबर्ग, एक स्वीकृत लघु विक्रेता को सक्षम करने के लिए प्रतिभूतियों में एक झूठा बाजार बनाने का इरादा है.

इसने हिंडनबर्ग की विश्वसनीयता और नैतिकता पर सवाल उठाया, और कहा कि रिपोर्ट के अंतर्निहित दुर्भावनापूर्ण इरादे स्पष्ट रूप से इसके समय को देखते हुए थे जब अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड भारत में इक्विटी शेयरों की अब तक की सबसे बड़ी सार्वजनिक पेशकश में से एक का उपक्रम कर रहा है.

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अडानी समूह के जवाब में कहा गया कि हिंडनबर्ग ने इस रिपोर्ट को किसी परोपकारी कारणों से प्रकाशित नहीं किया है, लेकिन विशुद्ध रूप से स्वार्थी उद्देश्यों से और लागू प्रतिभूतियों और विदेशी मुद्रा कानूनों के खुले उल्लंघन में जारी किया. रिपोर्ट न तो ‘स्वतंत्र’ है और न ही ‘उद्देश्य’ और न ही ‘अच्छी तरह से शोधित’ है.

बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि इसकी दो साल की जांच में अडानी समूह को “एक स्टॉक हेरफेर और अकाउंटिंग धोखाधड़ी में लिप्त” पाया गया. इस रिपोर्ट के कारण अडानी समूह को केवल दो ट्रेडिंग सत्रों में बाजार मूल्य में 50 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक का नुकसान हुआ है और अडानी को खुद 20 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक का नुकसान हुआ है.

भाषा आशीष नरेश

(यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए  हिन्द मित्र जिम्मेदार नहीं है. )

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