नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भगवान बिरसा मुंडा और करोड़ों जनजातीय वीरों के सपनों को साकार करने के लिए राष्ट्र ‘पंच प्राण’ की ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस के माध्यम से देश की आदिवासी विरासत पर गर्व व्यक्त करना और आदिवासी समुदाय के विकास का संकल्प इसी ऊर्जा का हिस्सा है।” प्रधानमंत्री ने आज जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर एक वीडियो संदेश के माध्यम से राष्ट्र को अपनी शुभकामनाऐं दीं।
प्रधानमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि 15 नवंबर आदिवासी परंपरा को मनाने का दिन है क्योंकि भगवान बिरसा मुंडा न केवल हमारे स्वतंत्रता संग्राम के नायक थे, बल्कि वह हमारी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ऊर्जा के संवाहक थे।
आप सभी को जनजातीय गौरव दिवस की अनेकानेक शुभकामनाएं। भगवान बिरसा मुंडा जी शत-शत नमन। #JanjatiyaGauravDivas https://t.co/mu61vJ3YDH
— Narendra Modi (@narendramodi) November 15, 2022
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समुदाय के योगदान को नमन करते हुए प्रमुख आदिवासी आंदोलनों और स्वतंत्रता के लिए लड़े गए युद्धों का स्मरण किया। उन्होंने तिलक मांझी के नेतृत्व में दामिन संग्राम, बुद्ध भगत के नेतृत्व में लरका आंदोलन, सिद्धू-कान्हू क्रांति, ताना भगत आंदोलन, वेगड़ा भील आंदोलन, नायकड़ा आंदोलन, संत जोरिया परमेश्वर और रूप सिंह नायक, लिम्दी दाहोद युद्ध, अल्लूरी सीताराम राजू के नेतृत्व में मानगढ़ और रंपा आंदोलन के गोविंद गुरु जी को भी याद किया।
प्रधानमंत्री ने जनजातीय योगदान को स्वीकार करने और उत्सव मनाने के कदमों को सूचीबद्ध किया। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में जनजातीय संग्रहालयों और जन धन, गोवर्धन, वन धन, स्वयं सहायता समूहों, स्वच्छ भारत, पीएम आवास योजना, मातृत्व वंदना योजना, ग्रामीण सड़क योजना, मोबाइल कनेक्टिविटी, एकलव्य स्कूल, वन उत्पादों के लिए 90 प्रतिशत तक एमएसपी, सिकल सेल एनीमिया, जनजातीय अनुसंधान संस्थान, निःशुल्क कोरोना वैक्सीन और मिशन इंद्रधनुष जैसी योजनाओं के संदर्भ में भी अपने विचार व्यक्त किए जिनसे जनजातीय समुदाय को बहुत लाभ मिला है।
प्रधानमंत्री ने आदिवासी समाज की वीरता, सामुदायिक जीवन और समावेश का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि “भारत को इस भव्य विरासत से सीखकर अपने भविष्य को आकार देना है। मुझे विश्वास है कि जनजातीय गौरव दिवस इसके लिए एक अवसर और माध्यम बनेगा।”