Jammu Kashmir : सैलानियों को लुभाता जम्मू कश्मीर….खूबसूरत वादियां और सफेद चादर से ढके बर्फीले पहाड़ों….जन्नत का दीदार

जम्मू कश्मीर.

Jammu Kashmir : जम्मू कश्मीर की खूबसूरत वादियां और बर्फीले पहाड़ सैलानियों को बारबार यहां आने के लिए मजबूर करते हैं. इन गरमियों में आप भी जम्मूकश्मीर की फिजाओं में पर्यटन के नए अनुभवों से वाबस्ता हो कर मन और तन को सुकून दे सकते हैं.navbharat times

आतंक के लंबे सिलसिले के बावजूद आज भी कश्मीर में दुनियाभर के सैलानी पहुंचते हैं और डल झील से ले कर गुलमर्ग तक सैरसपाटे करते हैं. अपने पहाड़ी स्वभाव और अपने मूल व्यवसाय के कारण यहां के लोग सैलानियों को सिर आंखों पर बैठाते हैं.

जम्मू और श्रीनगर जाने के लिए दिल्ली से पठानकोट के रास्ते पहुंचा जा सकता है, जबकि लद्दाख के लिए दिल्ली से मनाली के रास्ते से हो कर जाया जा सकता है. श्रीनगर के लिए जम्मू के रास्ते से और लेह व लद्दाख को मनाली के रास्ते से दिल्ली और चंडीगढ़ से सीधी बसें हैं. लेह वाली बसें मनाली से आगे केलंग में एक रात के लिए रुकती हैं.auli 730X365

मुसाफिर आसपास के होटलों में ठहरते हैं. पर्यटन विभाग की बसों के यात्री पर्यटक तंबुओं में ठहरते हैं.जम्मू कश्मीर हिमालय की बर्फीली पहाडि़यों पर भारत के मुकुट जैसा सजा हुआ है. अलग अलग ऊंचाइयों वाले इस के 3 हिस्से हैं. निचले हिस्से वाला जम्मू, मध्य हिस्से वाला कश्मीर और सब से ऊंचे हिस्से वाला लद्दाख.

जम्मू और श्रीनगर जाने के लिए दिल्ली से पठानकोट के रास्ते पहुंचा जा सकता है, जबकि लद्दाख के लिए दिल्ली से मनाली के रास्ते से हो कर जाया जा सकता है. श्रीनगर के लिए जम्मू के रास्ते से और लेह व लद्दाख को मनाली के रास्ते से दिल्ली और चंडीगढ़ से सीधी बसें हैं. लेह वाली बसें मनाली से आगे केलंग में एक रात के लिए रुकती हैं. मुसाफिर आसपास के होटलों में ठहरते हैं. पर्यटन विभाग की बसों के यात्री पर्यटक तंबुओं में ठहरते हैं.

दर्शनीय स्थल 

   श्रीनगरkashmir snowfall 1541928027

श्रीनगर यानी सौंदर्य का नगर. समुद्रतल से 1,730 मीटर की बुलंदी पर यह कश्मीर का सब से बड़ा नगर है. यह  झेलम और डल झील के खूबसूरत किनारों पर बसा हुआ है. एक विशाल और मैदानी भूखंड के रूप में श्रीनगर चारों ओर फैली पर्वतमालाओं से घिरा है. यहां के सुंदर बाग, कलात्मक इमारतें, देवदार और चिनार के पेड़ इसे वास्तव में धरती पर एक बहुत ही खूबसूरत रूप देते हैं. गुलमर्ग, पहलगाम और सोनमर्ग इस रूप में नगीनों जैसे लगते हैं. हर कहीं लोकल बसों से जुड़े श्रीनगर में टैक्सी और तिपहिया कदमकदम पर उपलब्ध हैं. डल झील के विशाल विस्तार के आरपार जाने के लिए हर कोने पर शिकारे और नौकाएं मिलती हैं. डलगेट पर सुस्ताते मुसाफिर अपने कार्यक्रम बनाते मिलते हैं. gulmarg jummu kashmir baner

गुलमर्ग : श्रीनगर से गुलमर्ग 52 किलोमीटर दूर समुद्रतल से 2,730 मीटर की ऊंचाई पर है. वास्तव में यह फूलों और मखमली भूखंडों से सजी नूरानी घाटी है. वैसे यहां पानी की कमी नहीं है क्योंकि चारों ओर देवदारों और बर्फ से ढके पहाड़ों से गुलमर्ग तक पानी आता है, जिस से कुछ तालाब बनाए गए हैं.

सोनमर्ग : श्रीनगर-लेह मार्ग पर सोनमर्ग 86 किलोमीटर दूर कश्मीर की आखिरी घाटी है. सिंध नदी के किनारे समुद्रतल से 2,740 मीटर की ऊंचाई पर इस का समूचा इलाका सोने जैसी रंगत के फूलों से सजा हुआ है. इसे खूबसूरत और खतरनाक ढलानों के लिए भी जाना जाता है. यहां से जोजिला पास, कारगिल और लद्दाख के लिए रास्ता जाता है.

पहलगाम : जम्मूश्रीनगर मार्ग पर अनंतनाग है, जहां से 42 किलोमीटर दूर स्थित पहलगाम को रास्ता जाता है. लिद्दर नदी के तट पर बसे पहलगाम का अर्थ ‘गड़रियों का गांव’ है. कहा जाता है कि ईसा ने यहां अपने अज्ञातवास के कुछ वर्ष बिताए थे. यहां बर्फीले पर्वत, घने जंगल, सुंदर वन,  झरने, मखमली भूखंडों पर बहती जलधाराएं और कुदरत के करिश्मे एक नजर में देखे जा सकते हैं. श्रीनगर से 61 किलोमीटर दूर मट्टन नामक जगह पहलगाम जाने वालों के लिए अच्छा विश्रामस्थल है. 21 02 2021 pahalgam winter carnival 21390492

डल झील और डलगेट : यह झील नगर के पूर्व में 12 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली है. कभी इस का विस्तार 28 वर्ग किलोमीटर था. डलगेट इस  झील का वह पहला छोर है, जहां सैलानी सब से ज्यादा घूमतेफिरते हैं.optimized demi

श्रीनगर के केंद्र लालचौक से डलगेट ढाई किलोमीटर है. पर्यटक स्वागत केंद्र पास ही है. यहां ठहरने के लिए हर प्रकार के होटल, गैस्टहाउस, हाउसबोट और मकान बड़ी संख्या में मौजूद हैं. रेस्तराओं की कतारें लगी हैं. मुख्य स्थानों पर सेना व पुलिस की मौजूदगी सैलानियों को निश्ंिचत रखती है.  झील के टापू पर बना नेहरू पार्क सब को आकर्षित करता है. पास ही चारचिनार नामक नन्हा टापू है. श्रीनगर के तमाम मशहूर बाग डल झील के तटों से जुड़े हैं. डल झील से बनी नगीन  झील भी दर्शनीय है.

निशात बाग :  झील के दाहिने किनारे पर बना यह सब से बड़ा मुगल गार्डन है. नगर से 8 किलोमीटर दूर यह बाग फूलों, फौआरों और पेड़ों से सजा हुआ है. इस की दूसरी ओर से पर्वत दिखाई देते हैं.

शालीमार बाग : इसे जहांगीर ने अपनी बीवी नूरजहां के लिए 1616 में बनवाया था. निशात बाग से 4 किलोमीटर आगे एक पहाड़ की तलहटी पर यह फूलों व वनों से मालामाल बाग है. फौआरे और सीढ़ीदार  झरने इसे अनोखा रूप देते हैं. निशात बाग की तरह ही यहां से भी सैलानी सामने की पर्वतमालाओं और डल झील के विस्तार को देख सकते हैं.Capture 61

बोटैनिकल गार्डन : शालीमार बाग से डलगेट की ओर लौटते हुए एक संपर्क मार्ग से कुछ ही मिनट में यहां पहुंचा जा सकता है. मखमली भूखंडों के बीच पहाड़ की ढलान पर फैले इस वनस्पति पार्क में दुनियाभर के अनोखे फूल, विविध वनस्पतियां और पेड़ मौजूद हैं. यहां एक छोटी  झील में नौकाविहार किया जा सकता है.

                               चश्मे शाही : इस बाग को शाहजहां ने बनवाया था. बोटैनिकल गार्डन के दाईं तरफ यह बाग अनोखी खूबसूरती का एक नमूना है.

परी महल : यह महल पहले बौद्ध मठ था. शहर से 11 किलोमीटर दूर इस जगह को बाद में शाहजहां के बेटे दारा शिकोह ने सूफी शिक्षाकेंद्र बनाया. यहां से डल झील को नए रूप में देखा जा सकता है.gulmarg jummu kashmir baner

सुलेमान पहाड़ : यह नगर से 1 हजार फुट की ऊंचाई पर है. यहां से श्रीनगर शहर, डल झील, बागों और बर्फीले पहाड़ों को देखना रोमांचक है.

हजरत बल : डलगेट से 6 किलोमीटर दूर  झील के पश्चिम तट पर और निशात बाग के बिलकुल सामने यह शाहजहां की बनवाई मसजिद है. इस के पीछे अकबर का बनवाया नसीम बाग है, जिस में चिनार के बहुत पुराने पेड़ हैं. यहां बैठ कर कुदरत के नजारों को देखना दिलचस्प है.

लाल चौक : यह श्रीनगर का प्रमुख बाजार है. यहां स्थानीय लोगों को भारी संख्या में देखा जाता है. इस के इर्दगिर्द शहर के अनेक बाजार हैं. लाल चौक क्षेत्र में सस्ते दामों में कपड़े, जूते और सजावट के सामान खरीदे जा सकते हैं.

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