स्पर्धा ‘हो हरित वसुन्धरा’ में डॉ. शरद नारायण खरे व तारा चन्द वर्मा जीते

इंदौर,

हिंदीभाषा परिवार द्वारा जून माह में ४८ वीं स्पर्धा ‘हो हरित वसुन्धरा’ विषय पर आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में प्रो.(डॉ.) शरद नारायण खरे ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जबकि तारा चन्द वर्मा ‘डाबला’ दूसरे एवं देवन्ती देवी चंद्रवंशी तृतीय विजेता बने हैं। यह जानकारी मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने दी। आपने बताया कि, १ राष्ट्रीय कीर्तिमान, १.५० करोड़ दर्शकों-पाठकों का अपार स्नेह एवं ७ सम्मान पाने वाले इस मंच द्वारा आयोजित उक्त स्पर्धा में श्रेष्ठता अनुरुप निर्णायक मंडल ने पद्य वर्ग में प्रथम स्थान डॉ. खरे (मप्र) की रचना ‘धरती माँ करूणामयी’ को दिया है। ऐसे ही दूसरे क्रम पर श्री वर्मा की रचना ‘हर घर दिवाली हो’ रही तो इसी वर्ग में ‘हे वसुन्धरा तुझे प्रणाम’ रचना हेतु तीसरा स्थान देवन्ती देवी चंद्रवंशी (झारखंड) ने सुरक्षित किया है।

मंच की संयोजक प्रो.डॉ. सोनाली सिंह, मार्गदर्शक डॉ. एम. एल. गुप्ता ‘आदित्य’, सरंक्षक डॉ. अशोक (बिहार) एवं प्रचार प्रमुख श्रीमती ममता तिवारी ‘ममता'(छग) ने सभी विजेताओं व सहभागियों को हार्दिक बधाई दी है। श्रीमती जैन के अनुसार गद्य वर्ग में उपयुक्त रचना नहीं पाई गई हैं, इसलिए यह वर्ग निरंक है।

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